ज्यादातर लोगों को अपने पार्टनर का फोन चेक करने की आदत होती है. दोस्तों से क्या बातें होती हैं, फोन में कौन से ऐप हैं या फिर कॉन्टेक्ट लिस्ट में कौन-कौन हैं, यह सब जानने की उत्सुकता रहती है. जहां एक तरफ ये आदत बताती है कि आप अपने रिलेशनशिप को लेकर कितने इनसिक्योर हैं वहीं आपके इस एक कदम से रिश्तों में कड़वाहट भी आ सकती है. अगर आपमें भी पार्टनर का फोन चेक करने की आदत है तो कुछ बातों पर जरूर गौर कर लें.


अंडरस्टैंडिंग की कमी- बिना जानकारी किसी का भी फोन चेक करना उनकी प्राइवेट स्पेस में ताका झांकी करने जैसा है, भले ही वो आपका पार्टनर ही क्यों न हो. हर कपल की अपनी अंडरस्टैंडिंग और केमिस्ट्री होती है. कुछ कपल्स एक-दूसरे को अपना पासवर्ड बता देते हैं और उनका फोन देखने के लिए पार्टनर को परमिशन की जरूरत नहीं होती है. हालांकि ये आपसी समझ पर निर्भर करता है. पाटर्नर की इच्छा के बिना अगर आप उनका फोन चेक करते हैं तो ये बताता है कि आप दोनों में अंडरस्टैंडिंग की कमी है.


प्राइवेसी की रिस्पेक्ट नहीं- हर इंसान की अपनी पर्सनल लाइफ होती है और यह जरूरी है कि आप उसकी रेस्पेक्ट करें. भले ही आप अपने पार्टनर के कितने भी करीब क्यों न हों लेकिन उनके पर्सनल स्पेस में दखल नहीं देना चाहिए. फोन का पासवर्ड पूछना या फोन पैटर्न पर नजर बनाए रखना बताता है कि आप दोनों के बीच भरोसे की कमी है.


रिलेशनशिप को लेकर इनसिक्योरिटी- पार्टनर का बार-बार फोन चेक करना बताता है कि अपने रिलेशन में आप असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. या फिर आपको लगता है कि आपका पार्टनर आपसे कुछ छिपा रहा है. तभी आपके मन में बार-बार उनका फोन चेक करने की इच्छा होती है. इस तरह की इनसिक्योरिटी रिलेशनशिप में दिक्कत कर सकती है.


गलतफहमी बढ़ सकती है- फोन चेक करके आप अपने पार्टनर के पर्सनल स्पेस को खत्म कर देते हैं. हो सकता है फोन चेक करते वक्त आप कुछ ऐसा देख लें जिसके बारे में आपको ठीक से पता ना हो और आप बात का बतंगड़ बना दें. हो सकता है कि फोन का मैसेज पढ़ कर या किसी बात का कोई गलत मतलब निकाल लें या बिना पूरी बात जाने कोई गलत धारणा बना लें. इससे आप दोनों के बीच गलतफहमी बढ़ सकती है.


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