Pocketing Relationship: 'पॉकेटिंग रिलेशनशिप' के बारे में क्या आप जानते हैं? अगर नहीं, तो हो सकता है कि कभी न कभी आप भी ऐसे रिलेशनशिप में रहे हों. पॉकेटिंग रिलेशनशिप (Pocketing Relationship) मतलब अपने रिश्ते को दुनिया से छिपाकर रखना, जैसे हम कपड़ों के पॉकेट में कुछ छिपाकर रखते हैं. यह अच्छा रिलेशनशिप नहीं माना जाता. इसके कई फायदे तो कई नुकसान भी हैं. आइए बताते हैं पॉकेटिंग रिलेशनशिप की पूरी ABCD..
मान लीजिए आप किसी कॉलेज में पढ़ाई करते हैं, उसी कॉलेज में आप किसी लड़की को डेट कर रहे हैं लेकिन ये बात आपकी फ्रेंड सर्कल या क्लासमेट्स को नहीं पता. आप दोनों सबके सामने अंजान बनने का नाटक करते हैं लेकिन जब पहचान का कोई नहीं होता तब आप एक-दूसरे को डेट करते हैं, घूमने जाते हैं, आउटिंग करते हैं. सोशल मीडिया पर भी अपना रिश्ता सामने नहीं लाते. ऐसे रिलेशनशिप (Relationship) को पॉकेटिंग रिलेशनशिप कहते हैं.
पॉकेटिंग रिलेशनशिप के फायदे
यह एक ऐसा रिश्ता होता है, जिसके फायदे कम नुकसान ज्यादा होता है. इस रिलेशनशिप में सिर्फ एक ही फायदा है, वह यह कि यह आपके सीक्रेट्स को सबसे सामने आने से बचाता है. आप चोरी-छिपे एक-दूसरे को डेट कर सकते हैं और दुनिया को इसकी भनक तक नहीं लगने देते. अगर आप चाहते हैं कि आपके रिश्ते के बारे में किसी को पता न चले या आप अपने पार्टनर को लेकर बहुत पजेसिव है, तो आप पॉकेटिंग रिलेशनशिप कर सकते हैं।
पॉकेटिंग रिलेशनशिप के नुकसान
पॉकेटिंग रिलेशनशिप किसी भी तरह अच्छा नहीं माना जाता. इस तरह के रिलेशनशिप में इनसिक्योरिटी की भावना आ सकती है. ऐसे रिलेशनशिप में पार्टनर भले ही होते हैं लेकिन लाइफ सिंगल होने जैसा जीते हैं. इसमें फ्यूचर को लेकर कोई प्लान नहीं होता और इस रिश्ते की नींव बहुत कमजोर होती है. यह रिश्ता कितनी दूर जाएगा, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल होता है, क्योंकि बिना भरोसे के रिश्ते का भविष्य कम ही होता है. इसमें धोखा मिलने के चांसेस भी होते हैं.
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