Relationship Tips: प्यार न होने के बाद भी लोग क्यों नहीं खत्म कर पाते हैं अपना रिश्ता, जानें बड़ी वजह
Relationship Hacks: हाउस वाइफ की जिंदगी परिवार के बीच में बंध कर रह जाती है. वो चाहकर कर भी अपने परिवार को छोड़ने का निर्णय नहीं ले पाती है.
Relationship Tips: इश्क, मोहब्बत और प्यार इतना खूबसूरत शब्द है, और इसका एहसास इससे भी ज्यादा प्यारा है. प्यार करने वाले साथ मरने जीने की कसम खाते हैं. एक जन्म की बात छोड़ो, सात जन्मों तक साथ चलने की बात करते हैं. अग्नि के 7 फेरे लेते हुए, जिम्मेदारियों में बंधते हैं. कब प्यार का खूबसूरत एहसास जिम्मेदारी के बोझ के नीचे खत्म हो जाता है, पता नहीं चलता. असफल होने के बाद भी लोग अपनी जिंदगी को दांव पर लगा देते हैं. जिंदगी में लोग आगे बढ़ना चाहते हैं, लेकिन, आगे बढ़ नहीं पाते. समाज, परिवार, बच्चे और जिम्मेदारी बीच में आ जाती है. कई मामले देखने को मिलते हैं, जहां पर दो व्यक्ति एक साथ तो हैं, मगर मन और दिल से साथ नहीं हैं. खासकर, महिलाओं के साथ ऐसा ज्यादा देखा जाता है.
कई वेब सीरीज भी इस मुद्दे पर आ चुकी है. जिसमें दर्शाया जाता है कि किस तरह अनचाहे रिश्ते को महिला निभाती है. द मैरिड वुमन वेब सीरीज में यही दिखाया गया है कि किस तरह हाउस वाइफ की जिंदगी परिवार के बीच में बांध कर रह जाती है. चाहकर कर भी अपने परिवार को छोड़ने का निर्णय नहीं ले पाती है.
समाज का डर
बचपन से हमें बताया जाता है कि मोहब्बत और शादी सिर्फ एक बार होती है. दूसरी शादी या तलाक शुदा लड़की की समाज में कोई इज्जत नहीं होती है. एक बार के लिए तलाकशुदा आदमी की शादी हो सकती है. मगर महिलाओं के लिए काफी मुश्किल होता है. यही वजह है कि कई महिलाएं जिंदगी भर सिर्फ अपना रिश्ता समाज के लिए निभाती रहती हैं, चाहे फिर वो खुश हों या न हों. वो रोज अपना आत्मसम्मान दांव पर लगाती हैं, लेकिन, जुबान से एक शब्द नहीं बोलती. वो अपने अधिकारों के लिए लड़ना तक भूल जाती हैं.
परिवार से लेकर बच्चों की जिम्मेदारी
जिम्मेदारी जैसे मानो रिलेशनशिप का सबसे बड़ा दुश्मन हो. जिम्मेदारी के चलते हम कई सालों तक एक अनचाहे रिश्ते में बंधे रहते हैं. कभी बच्चों की जिम्मेदारी. कभी परिवार की जिम्मेदारी. कभी समाज में एक अच्छा संदेश देने की जिम्मेदारी. इन जिम्मेदारी के बोझ के तले अपने रिश्तों को चला तो लेते है. लेकिन, कब हम अपनी इच्छाओं की हत्या कर देते है, यह समझ नहीं पाते और फिर रोज थोड़ा थोड़ा मरते हैं.
कैसे उठाएंगे अपना खर्च
जो महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी होती हैं वह इस तरह के बंधन से आजाद होने के बारे में एक बार सोच भी लेती हैं क्योंकि वो फाइनेंशियल स्टेबल होती हैं, लेकिन जो महिलाएं घर में रहती हैं उनके लिए यह सोचना मुश्किल हो जाता है कि अगर वह रिश्तें से बाहर निकलती हैं तो उनका खर्च कैसे चलेंगा.
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