रिश्ते में आने के बाद अक्सर लोग अन्य रिश्तों को ध्यान में नहीं देते हैं. इसमें दोस्त भी शामिल होते हैं. कई बार रिलेशनशिप दोस्तों पर बोझ बन जाता है जिसके कारण रिश्ते में परेशानियां आने लगती हैं. जिस कारण एक रिश्ता बिगड़ने लगता है. जब पानी सिर पर आता है, तो उसे केवल एक ही दोस्त या रिलेशनशिप का चयन करने का विकल्प बचता है. ऐसे समय में आपको इन दो रिश्तों के बीच संतुलन बनाए रखना आना चाहिए. आज हम आपको बताएंगे कि आप दोनों रिश्तों को एक साथ कैसे अच्छे से निभा सकते हैं.
दोस्ता को ना बताएं एक-एक बातें
चाहे आपका रिश्ता कितना ही पुराना हो या आप दोस्त हों, दोनों एक-दूसरे के साथ हर बात नहीं शेयर करें. मतलब ये है कि आपको अपने रिश्ते के बारे में अनावश्यक बातें अपने दोस्तों को नहीं बताना चाहिए, जबकि आपके साथी के बारे में हर चीज को अपने दोस्त को बताने की आवश्यकता नहीं है. कई बार आपके दोस्त आपके रिश्ते को जज करना शुरू कर देते हैं. यह भरोसे को खराब कर सकता है. इससे कड़वाहट के साथ लड़ाई-झगड़े भी हो सकते हैं.
पार्टनर से बात करते समय दोस्तों का नाम ना जपे
दोनों रिश्तों का अपना-अपना महत्व होता है, इसलिए दोनों के बीच में फर्क करें. रिलेशनशिप का विशेष महत्व होता है क्योंकि उनसे आपकी शादी होने वाली है और उनको दिन रात आपके साथ रहना है. इसलिए अपने दोस्त को अपने किसी भी प्रमुख निर्णय में शामिल न करें. इससे पार्टनर को अच्छा फील नहीं होगा.पार्टनर से बात करते समय हर बार अपने दोस्त का बार-बार उल्लेख न करें और उन्हें तुलना करने की गलती ना करें. खासकर लड़की दोस्त के मामले में.
सीमा पार ना करें
जैसे कि आप रिलेशनशिप से पहले दोस्तों के साथ समय बिताते थे और हमेशा उपलब्ध रहते थे, वैसे ही रिलेशनशिप के बाद भी करने से आपके रिश्ते पर प्रभाव पड़ सकता है. आपको अपने पार्टनर के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा. कभी-कभी आपके पार्टनर की भी शिकायत रहती होगी कि आप उनसे ज्यादा दोस्तों के करीब रहते हैं, इसलिए आपको अपनी हदें तय करनी चाहिए.
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