कुछ रिश्ते शुरुआत में अच्छे लगते हैं लेकिन धीरे-धीरे उनका रंग सामने आ जाता है. समय के साथ ही वे एक दूसरे के ऊपर बोझ बन सकते हैं. ऐसे रिश्तों में किसी को काफी खुशी महसूस नहीं होती है. इसके बावजूद इससे बाहर निकलना या रिश्ते को तोड़ना आसान नहीं होता है, एक ओर मन सब कुछ समाप्त करना चाहता है और दूसरी ओर भावनाएं हैं जो इसे रोकती हैं. इसका परिणाम टॉर्चर और ट्रौमा बॉन्ड होता है. आइए जानते हैं अगर आप भी ऐसे रिश्ते में हैं तो कैसे बाहर आए.


ट्रौमा बॉन्डिंग दो शब्दों से मिलकर बना है. ट्रौमा और बॉन्डिंग जो शोषक और पीड़ित के बीच होती है. इसमें यह दूसरा व्यक्ति जानता है कि संबंध का शोषण करके उसपर कुछ गलत हो रहा है, फिर भी वह उसी रिश्ते में एडजस्ट होने का प्रयास करता है. ट्रौमा बॉन्ड की स्थिति रोमांटिक या  पारिवारिक भी हो सकती है. 


वर्तमान स्थिति को देखकर निर्णय लें


अपने रिश्ते को अपनी जीवन में राज नहीं करने दें. अपने विश्वसनीय लोगों, दोस्तों, परिवार के सदस्यों के साथ अपनी स्थिति पर चर्चा करें. आपको कभी भी यह नहीं सोचना चाहिए कि अगर आपका साथी आपसे माफ़ी मांग रहा है, तो वह बदल जाएगा और आपके साथ अच्छा व्यवहार करना शुरू करेगा. वर्तमान स्थिति को स्वीकार करने का प्रयास करें. वर्तमान स्थिति को देखें और फिर निर्णय लें.


कमजोर महसूस करना


अगर आपको कमजोर महसूस हो रहा है या आप उन बातों को भूल नहीं पा रहे हैं जो आप भूलना चाहते हैं, तो यह आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है कि आप उन बातों का इलाज करें. यह आपके लिए क्या अच्छा है और क्या बुरा है, यह कोई भी आपसे बेहतर नहीं जानता है. खुद के लिए कदम उठाने की कला सीखें. खुद से बातचीत करके सवालों के जवाब निकालें और यह निर्णय लें कि आगे क्या करना है.


रिश्ते में मारपीट


अगर आपका साथी आपको गालियां देता है या मारता है या जब जरूरत होती है तो मदद नहीं करता है. चाहे आप उनसे प्रेम करते हों, सतर्क रहें और तुरंत ऐसे रिश्ते से बाहर निकलें. यदि आप अपने आप को चोट पहुंचाते रहेंगे तो यह कभी खत्म नहीं होगा.


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