Relationship Trauma: चोट पहुंचाने वाली बात पहले कौन भूल जाता है, लड़का या लड़की? खुद जानें जवाब
जरूरी नहीं कि हर रिश्ता अपने सही और सुखद अंजाम तक पहुंच सके. कई बार इसका अंत काफी बुरे तरीके से होता है, जिससे उबरने में महीनों और साल ही नहीं अरसा लग जाता है. आइये जानते हैं इसके बारे में विस्तार से.
किसी भी रिलेशनशिप में कई बार ऐसे मौके आ जाते हैं जब आपका सामना ऐसी परिस्थिति से होता है, जिन्हें ना चाहते हुए भी आपको उन्हें स्वीकार करना पड़ता है. लेकिन हर किसी के लिए ऐसा कर पाना आसान नहीं. कोई इससे उबरने में कम समय लेता है और किसी के लिए इस दुख से पार पाने में अरसा बीत जाता है. ऐसी ही घटनाएं रिलेशनशिप को ब्रेकअप के कगार तक ले जाती हैं. क्योंकि कोई भी व्यक्ति शरीर पर लगी चोट पर तो मल्हम लगा सकता है, लेकिन दिल पर लगी चोट पर मल्हम लगाना मुश्किल होता है. लेकिन मनोचिकित्सकों की मानें तो लड़की और लड़के के दिलोदिमाग इस तरह के इमोशनल डैमेज को लेकर अलग-अलग तरह से रिएक्ट करते हैं.
जानकार क्या कहते हैं?
साइकोलॉजिस्ट्स की मानें तो अगर कोई लड़का अपने पार्टनर की किसी बात से बेहद दुखी हुआ है या उसे इमोशनली झटका लगा है तो वह कुछ समय बाद उस बात को तो भूल जाता है. लेकिन, वह ताउम्र उस शख्स को माफ नहीं करता, जिसकी वजह से उसे यह दुख झेलना पड़ा है. जबकि लड़कियों के मामले में हालात एकदम उलट रहते हैं. अगर लड़की को किसी बात से तकलीफ होती है तो वह सामने वाले को माफ तो कर देती है, लेकिन उस घटना को कभी भूल नहीं पाती जिसने उसे आघात पहुंचाया था.
सिर्फ इमोशनल डैमेज ही नहीं ब्रेकअप के मामले में भी लड़के और लड़कियां अलग-अलग तरह से रिएक्ट करती हैं. रिसर्च बताती हैं कि ब्रेक-अप होने के बाद लड़कियों को ज्यादा इमोशनल और फिजिकल चैलेंजेस का सामना करना पड़ता है. लेकिन वे अपने मेल पार्टनर के मुकाबले जल्दी मूव ऑन करने में कामयाब रहती हैं. वहीं, मेल पार्टनर शुरुआती दिनों मे तो नॉर्मल रहते हैं, लेकिन बाद में उन्हें इस बात का ज्यादा दुख होता है. इस संबंध में हुई कई रिसर्च बताती हैं कि ब्रेकअप के बाद पुरुष या तो कुछ भी महसूस नहीं करते या फिर शराब जैसे नशे की लत में डूब जाते हैं. कई मेल्स को ब्रेकअप के बाद वायलेंट होते भी देखा गया है.
यही नहीं, पुरुष अपनी फीमेल पार्टनर के मुकाबले ओवरकम करने में ज्यादा समय लेते हैं औऱ मूवऑन भी उनके लिए इतना आसान नहीं होता.