शादी के बाद लड़कियों की जिंदगी काफी बदल जाती है उन्हें काफी सारी जिम्मेदारी निभानी पड़ती है. समय बदल गया है और साथ ही यह सोच भी बदल गई है. शादी के बाद बेटियां भी स्वतंत्र रहना सीख गई है. बेटी का नए परिवार को अपनाने और अपना बनाने का जिम्मेदारी होती है. विवाह के समय माता-पिता बेटी को कई चीजें समझाते हैं और सीखाते हैं, लेकिन अगर कुछ महत्वपूर्ण बातें उसे नहीं बताई गई हों, तो बेटी को ससुराल में अकेलापन महसूस हो सकता है.ये ऐसी बातें हैं जिन्हें माता-पिता ही अपनी बेटियों को सिखा सकते हैं. जानिए वो कौन सी चीजें हैं.
छोटी-मोटी समस्याएं में संयम ना खोएं
नए परिवार में अलग-अलग लोग होते हैं जो घर में आई नई सदस्य के प्रति कठोर शब्द कहने से पहले दो बार नहीं सोचते. लेकिन अपनी बेटी को समझाएं कि यदि कुछ छोटी-मोटी समस्याएँ होती हैं, तो वह संयम से काम करे और अपना सम्मान न खोए. बेटी को अपने विचारों को व्यक्त करने का अधिकार है लेकिन उसी तरह से जैसे कि वह अपने माता-पिता से कहती थी, गुस्से में लेकिन सम्मान से.
स्वतंत्र रहना महत्वपूर्ण
ऐसा हो सकता है कि पति की वेतन इतनी अच्छी हो कि आपकी बेटी को कभी काम करने की आवश्यकता न हो, लेकिन बेटी को समझाएं कि आर्थिक रूप से स्वतंत्र रहना महत्वपूर्ण है. अगर वह अपनी आवश्यकताओं को अपने खुद के पैसे से पूरा करती है, तो उसे अनेक समस्याओं का सामना कभी नहीं करना पड़ेगा, खासकर वह कभी सुनना नहीं पड़ेगा.
रिश्ते बनाएं रखें
बेटी को समझाएं कि रिश्तों को तुरंत-तुरंत गलत कहना सही नहीं होता क्योंकि रिश्ते बनाने में काफी टाइम लगता है. बेटी को समझाएं कि उसे अपने रिश्तों को सुधारने के लिए समय देना होगा ताकि वह सभी के साथ अच्छे से रिश्ते बनाएं रखें. कभी-कभी लड़ाई हो जाती है लेकिन लड़ाई के कारण हम रिश्ते नहीं तोड़ सकते है.
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