कहा जाता है कि शादी सात जन्मों का बंधन होता है. जब दो लोग सात फेरे लेते हैं, तो वे सात जन्मों के लिए एक-दूसरे के बन जाते हैं. वे एक-दूसरे के साथ रहते हैं. हर सुख और दुःख में एक-दूसरे का साथ देते हैं, साथ घूमते हैं, साथ खाते-पीते हैं. कई कपल्स शादी के बाद अपना अलग घर बनाते हैं, जिसमें वे अपने साथी के साथ नए जीवन की शुरुआत करते हैं. आप ने ऐसे लोगों को तो बहुत देखा होगा, लेकिन क्या आपने ऐसे लोगों को देखा है जो शादी के बाद भी एक ही शहर में अलग-अलग घरों में रहते हैं? वे केवल एक हफ्ते-दस दिन मिलते हैं और बाकी समय परायों की तरह बिताते हैं? यह बहुत अजीब लग सकता है, लेकिन आजकल युवा इसे फॉलो कर रहे हैं.


एक-दूसरे के जीवन में ज्यादा हस्तक्षेप नहीं करते 


वीकेंड शादी एक ऐसी शादी है, जिसमें कपल्स केवल एक दिन अपने रिश्ते को बनाए रखते हैं और बाकी समय सिंगल लोगों की तरह बिताते हैं. इस प्रकार के रिश्ते को अलगाव की शादी भी कहा जाता है. जैसा कि नाम से स्पष्ट है, इस शादी में कपल केवल वीकेंड पर मिलते हैं. बाकी सप्ताह के लिए वे एक-दूसरे के जीवन में ज्यादा हस्तक्षेप नहीं करते हैं. ऐसे लोग एक ही घर में रहते हैं, हालांकि कुछ के पास अलग-अलग घर होते हैं, चाहे वे एक ही शहर में हो.


इसलिए किया जाता है फॉलो


यह अजीब शादी का क्रेज जापान से शुरू हुआ है. जापान के लोग यह मानते हैं कि शादी के बाद उनकी निजी समय समाप्त होता है. वे अपने लिए समय निकालने में असमर्थ हो जाते हैं. इसी बीच बहुत बार हम अपने साथी के लिए पूरी तरह से अपने आप को बदल लेते हैं या उनकी खुशी के लिए अपनी खुशी भूल जाते हैं. वीकेंड शादी प्रचलन अब सभी जगह फॉलो किया जा रहा है.


कुछ लोग चाह कर भी नहीं दें पाते समय 


लोगों के पास वीकेंड शादी के बारे में विभिन्न विचार हो सकते हैं. हालांकि यह अधिक आकर्षक वहां के लोगों के लिए होता है जिनका नौकरी का प्रोफ़ाइल उनके साथी से पूरी तरह से अलग होता है और नौकरी का स्थान या काम करने का समय भी एक-दूसरे के समान नहीं होता है. ऐसे लोग चाहें तो भी एक-दूसरे के साथ समय नहीं बिता पाते हैं और समय के साथ यह उनके बीच झगड़ों का कारण बन जाता है. 


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