हर माता-पिता अपनी लाडली को पालकर अच्छे से बड़ा करते हैं, लेकिन एक दिन आता है जब उनको अपनी बेटी को दूसरों के घर भेजना पड़ता है. एक उम्र होती है जब माता-पिता अपनी बेटी के लिए रिश्ता खोजना शुरू कर देते हैं. पहले के जमाने में माता-पिता देखते थे कि मेरी बेटी भरे परिवार में शादी होकर जाए, लेकिन अब जमाना बदल गया है और माता-पिता चाहते हैं की बेटी ऐसे घर जाए जहां पर सिर्फ पति हो सास-ससुर ना हो.


वर्किंग कपल को खाना बनाने की चिंता


आजकल माता-पिता चाहते हैं कि उनकी बेटी ऐसे घर जाए, जहां पर सास ससुर ना हो सिर्फ उनके पति रहे इसके पीछे बहुत से कारण है पहले यह कारण है कि आजकल दोनों हस्बैंड और वाइफ वर्किंग होते हैं, जिस कारण उनको खाना बनाने का समय नहीं मिल पाता. जिस कारण वह अपने घर पर खाना बनाने वाली रखते हैं, लेकिन कई सास-ससुर होते हैं जो खाना बनाने वालों के हाथ का खाना-खाना पसंद नहीं करते और वह यह सोचते हैं कि उनकी बहू उनके लिए खाना बनाएं. इस चिंता से मुक्त होने के लिए माता-पिता पहले से ही अपनी बेटी के लिए बिना ससुराल वाला घर देखते हैं.


सास-ससुर की रोक-टोक


दूसरा सबसे बड़ा कारण रोक-टोक. जब घर पर कोई बड़ा बुजुर्ग रहता है तो वह आपको अपने अनुसार काम करने के लिए कहता है, लेकिन आजकल के बच्चे अपने अनुसार काम करना चाहते हैं, जिस कारण माता-पिता अपनी बेटी की आजादी के लिए ऐसा घर देखते हैं.


पहनावा 


सबसे बड़ा कारण पहनावा भी हो सकता है. आजकल के बच्चे शादी के बाद भी साड़ी सूट नहीं पहनना चाहते. वे अपने अनुसार कपड़े पहनना चाहते हैं, लेकिन अगर घर में सास ससुर रहते हैं तो वह उनके अनुसार कपड़ा पहनने के लिए कहते हैं, जिस कारण उनके बीच लड़ाई भी हो जाती है.


परिवार के साथ ना रहने के नुकसान


जैसे कि हर सिक्के की दो पहलू होते हैं वैसे ही इस बात के भी दो पहलू है. इस बात में खतरा भी है क्योंकि अगर माता-पिता घर पर रहेंगे तो आपके होने वाले बच्चों को अच्छी परवरिश मिलेगी, उन्हें हर एक बात का अनुभव मिलेगा. साथ ही माता-पिता उनके अच्छे से देखभाल भी कर सकते हैं. अगर आप परिवार के साथ रहेंगे और आप किसी त्योहार को मानेंगे तो आपको उसे त्यौहार में चार गुना मजा आएगा. अगर आप अकेले रहेंगे सिर्फ पति के साथ तो आपको उतना अच्छा नहीं लगेगा. 


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