(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Adhik Maas 2020: अधिक मास के दूसरे दिन इन दो चीजों का दान करने से जीवन में आती है सुख-शांति
Adhik Maas 2020: अधिक मास यानि मलमास का आरंभ हो चुका है. 19 सितंबर 2020 को अधिक मास का दूसरा दिन है. अधिक मास के दूसरे दिन क्या महत्व है आइए जानते हैं.
Adhik Maas 2020: पंचांग के अनुसार 19 सितंबर 2020 को अधिक मास का दूसरा दिन है. अधिक मास को धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. चातुर्मास में अधिक मास को धर्म कर्म और भगवान उपासना के लिए विशेष माना गया है. इस समय चातुर्मास चल रहे हैं. इस बार चातुर्मास में अधिक मास भी है. मान्यता है कि चातुर्मास में भगवान विष्णु पाताल लोक में विश्राम करने आ जाते हैं. इस दौरान पृथ्वी के सभी कार्यों को भगवान शिव देखते हैं. ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव चातुर्मास में माता पार्वती के साथ पृथ्वी का भ्रमण करते हैं और अपने भक्तों को आर्शीवाद प्रदान करते हैं.
अधिक मास में भगवान विष्णु का पूजा का है विशेष महत्व अधिक मास को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है. अधिक मास भगवान विष्णु को समर्पित है. इस मास में भगवान विष्णु की पूजा करने और उन्हे स्मरण करने से जीवन में आने वाले संकट दूर होते हैं. अधिक मास में भगवान विष्णु की पूजा सभी प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली मानी गई है. भगवान विष्णु ने अधिक मास को अपना नाम दिया है. इसीलिए अधिक मास को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है. पुरुषोत्तम भगवान विष्णु का ही नाम है.
अधिक मास में दान का महत्व अधिक मास में दान का विशेष महत्व बताया गया है. अधिक मास में तिथिवार दान बताया गया है. मान्यता है कि अधिक मास में तिथिवार दान करने से कई प्रकार की समस्याओं का निदान होता है. अधिक मास में दान व्यक्ति के आत्म विश्वास में वृद्धि करता है और बुद्धि को सकारात्मक बनाता है.
अधिक मास के द्वितीय दिन का दान अधिक मास में दूसरे दिन धातु का दान बताया गया है. मान्यता कि अधिक मास के दूसरे दिन कांसा और स्वर्ण का दान करने से जीवन में सुख शांति आती है और कई प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है.
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