मलमास बस खत्म होने वाला है और फिर शुरु हो जाएगा त्यौहारों का सिलसिला.  17 अक्टूबर को नवरात्रि का पर्व शुरु होगा और फिर एक एक कर त्यौहार आते जाएंगे. जो हमारी ज़िंदगी को खुशियों और उमंग से भर देंगे. 16 अक्टूबर को अधिकमास खत्म हो जाएंगे जिसमें तमाम तरह के शुभ कार्य निषेध थे. यानि कि 17 अक्टूबर से ना केवल त्यौहार बल्कि किसी भी तरह के शुभ कार्यों पर भी कोई पाबंदी नहीं रहेगी. चलिए आपको बताते हैं कि नवरात्रि से लेकर नवंबर में आने वाली देवउठनी एकादशी तक कौन कौन से त्यौहार आने वाले हैं.



नवरात्रि (17-25 अक्टूबर)


कल अधिकमास खत्म होते ही 17 अक्टूबर से शुरु हो जाएगे नवरात्रि. नौ दिनों तक चलने वाला ये पर्व 25 अक्टूबर तक चलेगा.



तुला संक्रांति(17 अक्तूबर)


प्रतिपदा तिथि पर सूर्य कन्या से तुला राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं इसीलिए इस दिन तुला संक्रांति भी है.



दशहरा(26 अक्तूबर) 


नवरात्रि के समाप्त होते ही अगले दिन विजयदशमी का त्यौहार मनाया जाएगा. 26 अक्तूबर को देशभर में दशहरा है इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है।



शरद पूर्णिमा(30 अक्तूबर)


शरद पूर्णिमा का खासा महत्व होता है.जिसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है. इस बार 30 अक्तूबर को शरद पूर्णिमा है. कहते हैं इस दिन देवी लक्ष्मी पृथ्वीलोक पर आती हैं.



करवा चौथ(4 नवंबर)


इस बार करवा चौथ 4 नवंबर को है. ये सुहागिनो का त्यौहार है जो अपने पति की लंबी आयु के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत करती हैं.और रात को चांद देखने के बाद ही व्रत का पारण होता है.



दीपावली(14 नवंबर)


दरअसल दीपावली कोई एक दिवसीय पर्व नहीं है बल्कि पांच दिनों तक चलने वाला त्यौहार है. जिसकी शुरुआत 12 नवंबर से ही हो जाएगी.12 नवंबर को धनतेरस, 13 नवंबर को नरक चतुर्दशी, 14 को दीपावली, 15 नवंबर को गोवर्धन पूजा और 16 को भाई दूज का पर्व होगा. 



महापर्व छठ पूजा(20 नवंबर)


दीपावली के बाद आता है छठ पर्व जो इस बार 20 नवंबर को है. इसमे  उगते हुए और डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है. यह महापर्व  सूर्यदेव को समर्पित होता है. 



देवउठनी एकादशी(25 नवंबर)


इस बार देवउठनी एकादशी 25 नवंबर को है। इस दिन से भगवान विष्णु चार महीने तक विश्राम के बाद जागते हैं। और इसी दिन तुलसी और शालीग्राम का विवाह किया जाता है.