Aaj Ka Panchang: पंचांग के अनुसार 21 जुलाई 2021, बुधवार को आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है. इस तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. द्वादशी की तिथि में ही एकादशी व्रत का पारण किया जाता है. एकादशी व्रत को सभी व्रतों में विशेष महत्व प्रदान किया गया है. आषाढ़ शुक्ल की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है.


देवशयनी एकदशी को महत्वपूर्ण एकादशी माना गया है. इस दिन भगवान विष्णु का शयनकाल आरंभ होता है. भगवान विष्णु के शयन काल के आरंभ होते ही, चातुर्मास का आरंभ हो जाता है, जो चार माह तक रहता है. चातुर्मास में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं.


वृश्चिक राशि में चंद्रमा का गोचर( Moon in Scorpio)
21 जुलाई बुधवार को चंद्रमा वृश्चिक राशि में गोचर कर रहा है. जहां पर केतु पहले से ही विराजमान हैं. केतु और चंद्रमा की युति से ग्रहण योग बनता है. ग्रहण योग को ज्योतिष शास्त्र में अच्छा योग नहीं माना जाता है. ग्रहण योग के कारण व्यक्ति को धन, सेहत और व्यापार आदि में हानि का सामना करना पड़ता है.


आज का योग (Aaj Ka Yog)
बुधवार को ब्रह्म योग बना हुआ है. इस योग को शुभ माना गया है. इस योग को विवादों को सुलझाने के लिए अच्छा माना गया है. इस योग में ऐसे कार्य करने चाहिए जिससे शांति में वृद्धि हो. इसके साथ ही ब्रह्म योग में किए गए कार्यों से सम्मान भी प्राप्त होता है.


आज का नक्षत्र (Aaj Ka Nakshatra)
21 जुलाई 2021 को पंचांग के अनुसार ज्येष्ठा नक्षत्र रहेगा. ज्योतिष शास्त्र में ज्येष्ठा नक्षत्र का स्वामी बुध ग्रह को माना गया है. इस नक्षत्र देवता इंद्र हैं. इस नक्षत्र का स्थान 27 नक्षत्रों में से 18वां है. इसके नाम का अर्थ होता है बड़ा. ज्योतिष के अनुसार 27 नक्षत्रों में से 6 नक्षत्रों को अशुभ माना गया है. इन नक्षत्रों को गण्डमूल नक्षत्र कहा जाता है. इन अशुभ नक्षत्रों में से एक है ज्येष्ठा नक्षत्र भी है. इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जीवन में बड़ी उपलब्धियां प्राप्त करते हैं. 


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