Aaj Ka Panchang, 19 July Live: आज है आशा दशमी, इस विधि से करें महादेव की पूजा, मनवांछित वर एवं संतान प्राप्ति की मनोकामना होगी पूरी
Aaj Ka Panchang, Today 19 July 2021 Asha Dashami Live Updates: आज आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है. इसे आशा दशमी कहते हैं. आइये जानें भगवान शिव पूजा के लिए मुहूर्त, दिशाशूल और राहुकाल
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Aaj Ka Panchang, Today 19 July 2021 Ashsa Dashami Live Updates: हिंदी पंचांग के अनुसार आज आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि दिन सोमवार और 19 जुलाई 2021 है. आज आशा दशमी भी है. सोमवार के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि पूर्वक पूजा शुभ मुहूर्त में करने से भक्त के मनोरथ पूरे होते हैं. आज गिरजा पूजा भी है. आज रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है.
पंचांग के अनुसार, आशा दशमी का व्रत हर माह की शुक्ल दशमी तिथि को रखा जाता है. इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है. यह व्रत किसी भी शुक्ल दशमी को शुरू किया जाता है इसे लगतार 1 साल, 2 साल या मनोकामना पूरी होने तक रखा जाता है. यह व्रत अच्छे वर, अच्छे स्वास्थ्य और संतान की प्राप्ति की कामना पूर्ति के लिए रखा जाता है. पौराणिक कथा के अनुसार, इस व्रत को महाभारत काल से किया जा रहा है. इस व्रत के प्रभाव से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. इस व्रत में विशेष रूप से माता पार्वती की पूजा होती है.
आज का पंचांग
- मास, पक्ष, तिथि और दिन: आषाढ़ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, सोमवार
- आज का दिशाशूल: पूर्व दिशा में
- आज का राहुकाल: प्रात: 07:30 बजे से 09:00 बजे तक.
- आज का पर्व एवं त्योहार: गिरजा पूजा
सूर्योदय और सूर्यास्त
आज 19 जुलाई 2021 के दिन सूर्योदय प्रात:काल 05 बजकर 35 मिनट पर हुआ है, वहीं सूर्यास्त शाम को 07 बजकर 19 मिनट पर होगा.
इतने दिनों तक लगातार करनी चाहिए आशा दशमी का व्रत
आशी दशमी का व्रत कम से कम 6 महीने तक अवश्य करना चाहिए. यदि इसे और आगे बढ़ाने की जरूरत है तो आप इसे लगातार 1 साल , 2 साल या फिर मनोकामना पूरी होने तक करते रहना चाहिए. आशा दशमी का व्रत आषाढ़ के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि से शुरू करना चाहिए.
आशा दशमी व्रत पूजा का महत्व
धार्मिक कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण ने अर्जुन को आशा दशमी व्रत के महत्व के बारे में बताया था. इस व्र को आरोग्य व्रत भी कहा जाता है. क्योंकि मान्यता है कि इस व्रत को रखने से व्यक्ति निरोगी रहता है. उसका मन शुद्ध रहता है और वर किसी भी तरह की बीमारी से मुक्त रहता है. इस व्रत को करने से मन शुद्ध रहता और किसी तरह की कोई बीमारी नहीं होती है. कहते हैं अगर कोई मान्यता है कि यदि इस व्रत को कोई भी कुंवारी लड़की रखती हैं तो उसे मनवांछित वर मिलता है. माताएं अपने बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए इस व्रत को रखती हैं.
आशा दशमी पूजा विधि
आशा दशमी के दिन सुबह स्नान करने के बाद माता पार्वती के साथ देवी -देवाताओं की पूजा करें. इसके बाद रात्रि में 10 आशा देवियों की श्रद्धा पूर्वक उपासना करें. घर के आंगन में दस दिशाओं में देवियों की चित्र की पूजा करें. दस दिशाओं मे घी का दीपक जलाकर धूप, दीप और नैवेध अर्पित करें. पूजा के अंत में आरती कर प्रसाद का वितरण करें. बड़ों का प्रणाम कर आशीर्वाद लें.
इस मंत्र का करें जाप मनोकामनाएं होंगी पूर्ण
आशा दशमी के दिन सुबह स्नान करने के बाद देवियों को प्रसन्न करने के लिए ‘आशाश्चाशा: सदा सन्तु सिद्ध्यन्तां में मनोरथा: भवतीनां प्रसादेन सदा कल्याणमस्त्विति’ मंत्रों का जाप करना चाहिए. इसके जाप से भक्त की मनोकामनाएं पूर्ण होने की मान्यता है.
आज की पूजा
आज 19 जुलाई दिन सोमवार, आषाढ़ मास, शुक्ल दशमी तिथि है. शुक्ल दशमी को आशा दशमी भी कहते हैं. आज सोमवार के दिन शिव चालीसा, शिव पुराण आदि का पाठ करना चाहिए और शिव जी के मंत्रों का जाप करना चाहिए. मान्यता है कि इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं तथा भक्त की मनोकामना पूरी करते हैं.