Aaj Ka Panchang, Guru Purnima 23 July Live: इस शुभ मुहूर्त और शुभ योग में करें गुरु पूर्णिमा की पूजा, जानें पूजा विधि और पूजन सामग्री

Aaj Ka Panchang, Today Guru Purnima Tithi 23 July Live Updates 2021: हिंदी पंचाग के अनुसार आज 23 जुलाई को आषाढ़ की पूर्णिमा तिथि है. गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं. जानें महत्व

एबीपी न्यूज Last Updated: 23 Jul 2021 02:51 PM
गुरु पूर्णिमा 2021 पूजन सामग्री {Guru Purnima Puja Samagri 2021}

गुरु पूर्णिमा को अपने गुरु की पूजा की जाती है और उनका आशीर्वाद लिया जाता है. गुरु पूर्णिमा के विशेष दिन पर गुरु की पूजा में इन पूजन सामग्रियों का अवश्य ही शामिल करना चाहिए. इनमें पान का पत्ता, पीला कपड़ा, पीला मिष्ठान,  नारियल, पुष्प, इलायची, कर्पूर, लौंग व अन्य पूजन सामग्री शामिल है.

गुरु पूर्णिमा पूजा- विधि

  • इस पावन दिन पर सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी में या नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान करें.

  • अब घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें. अब महर्षि वेद व्यास जी की के साथ अपने गुरु की पूजा- अर्चना करें. 

  • भगवान विष्णु के साथ सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक कर पूजा- अर्चना करें. अब भोग लगाएं. भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें.

  • अब जरूरत मंद लोगों को ज्ञान बढ़ाने वाली चीजों का दान करें तो उत्तम होगा.

गुरु पूर्णिमा पर बन रहा है ये शुभ योग

  • पूर्णिमा पर विष्कुंभ योग आरंभ: 24 जुलाई 2021, शनिवार की सुबह 06 बजकर 12 मिनट तक

  • पूर्णिमा पर प्रीति योग आरंभ: 25 जुलाई 2021, रविवार की सुबह 03 बजकर 16 मिनट तक

  • आयुष्मान योग : 25 जुलाई 2021, रविवार की सुबह 03 बजकर 16 मिनट के बाद लगेगा

गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं  

भारतीय संस्कृति में गुरु पूर्णिमा का असीम महत्व है. पंचांग के अनुसार  गुरु पूर्णिमा आषाढ़ पूर्णिमा को मनाई जाती है. इस दिन गुरु का सम्मान और आदर करते हुए नमन वंदन किया जाता है. हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार आषाढ़ पूर्णिमा को महाभारत के रचयिता महर्षि वेद व्यास जी का जन्म हुआ था. इस लिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं.

गुरु पूर्णिमा का महत्व

गुरु महिमा का बखान करते हुए कहा गया है कि गुरु पूर्णिमा जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लेकर आता है. इस दिन गुरुजनों का आदर और सम्मान कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है. हिंदू धर्म में गुरु का स्थान भगवान से भी बड़ा माना गया है. आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि सभी तिथियों में सबसे बड़ी मानी जाती है.

गौतम बुद्ध ने दिया अपना पहला उपदेश

आषाढ़ पूर्णिमा की तिथि या दिन हिंदुओं के साथ-साथ बौद्धों और जैनियों के लिए पवित्र है. यह तिथि भारत का महान महाकाव्य महाभारत के लेखक महर्षि वेद व्यास की जयंती का प्रतीक है. मान्यता है कि आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को व्यासजी का जन्म हुआ था. बौद्ध साहित्य के अनुसार, इसी तिथि को भगवान गौतम बुद्ध ने लगभग 2500 वर्ष पूर्व सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया था.

आज का शुभ समय

  • अभिजित मुहूर्त: आज 23 जुलाई को दिन में 12 बजे से दोपहर 12 बजकर 55 मिनट तक

  • विजय मुहूर्त: आज 23 जुलाई को दिन में दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से दोपहर 03 बजकर 39 मिनट तक

  • अमृत काल: आज सुबह 10 बजकर 02 मिनट से दिन में 11 बजकर 30 मिनट तक

  • रवि योग: आज 23 जुलाई को प्रातः काल 05 बजकर 37 मिनट से दोपहर 02 बजकर 26 मिनट तक

गुरु पूर्णिमा 2021: सूर्योदय और सूर्यास्त

आज 23 जुलाई शुक्रवार के दिन प्रात:काल 05 बजकर 37 मिनट पर सूर्योदय हुआ है, वहीं सूर्यास्त शाम को 07 बजकर 17 मिनट पर होगा.

बैकग्राउंड

Aaj Ka Panchang, Today Guru Purnima Tithi 23 July Live Updates 2021:  हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, आज 23 जुलाई दिन शुक्रवार को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है.  आज 23 जुलाई, शुक्रवार को दिन में 10 बजकर 43 मिनट से पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ हो रहा है. इसके पहले आषाढ़ मास  के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि थी. आज के दिन कोकिला पूर्णिमा व्रत रखा जाता है. आषाढ़ पूर्णिमा को शुरू पूर्णिमा का व्रत रखकर अपने गुरु का पूजन किया जाता है. इस दिन पवित्र नदी {यदि संभव हो तो} में स्नान कर दान करने की परंपरा है. गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु का सम्मान किया जाता है. इस तिथि को महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था. इस लिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं.


हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ पूर्णिमा को माता पार्वती के कोयल स्वरुप की आराधना व उपासना की जाती है, जिसे कोकिला पूर्णिमा भी कहते हैं. कोकिला पूर्णिमा व्रत रखने से संतान, संपदा, धन, समृद्धि और सुयोग्य वर के लिए आशीर्वाद देती हैं.


आज शुक्रवार का दिन है. यह दिन माता लक्ष्मी को समर्पित होता है. इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर परिवार में सुख-शांति, समृद्धि और धन-वैभव का आगमन होता है. आज 23 जुलाई को दोपहर तक रवि योग है, वहीं करीब पौने ग्यारह बजे से भद्रा भी है. आइये जानें आज के पंचांग में राहुकाल, शुभ मुहूर्त, दिशाशूल आदि के बारे में,



आज का हिंदी पंचांग



  • माह, पक्ष, तिथि और वार {दिन}: आषाढ़ मास, शुक्ल पक्ष, चतुर्दशी तिथि, शुक्रवार

  • आज का दिशाशूल: पश्चिम दिशा

  • आज का राहुकाल: आज 23 जुलाई को प्रात: 10:30 बजे से 12:00 बजे तक

  • आज की भद्रा: प्रात: 10:44 बजे से रात्रि के 09:26 बजे तक

  • आज का पर्व एवं त्योहार: व्रत की पूर्णिमा


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