Aaj ka Panchang 3 October Surya Puja: आज रविवार के दिन करें ये उपाय दूर होगी दरिद्रता, आएगी समृद्धि
Aaj ka Panchang 3 October Surya Puja Updates: आज रविवार के दिन सूर्य व्रत और उनकी पूजा का विधान है. विधि –विधान से सूर्य की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
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सूर्य पूजा का महत्व
वेदों में सूर्य देव को जगत की आत्मा और ईश्वर का नेत्र कहा गया है. उन्हें जीवन, स्वास्थ्य एवं शक्ति के देवता के रूप में माना जाता हैं. रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित होता है. मान्यता है कि रविवार को सूर्यदेव की पूजा करने और सूर्योदय के समय उन्हें अर्घ्य देने से सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं. रविवार को सूर्य देव को जल चढ़ाने, मंत्र का जाप करने और सूर्य नमस्कार करने से सुख शांति की प्राप्ति होती है.
रविवार को यह उपाय जरूर करें (Ravivar Remedy)
- सूर्य उपासक को रविवार के दिन व्रत रखकर केसरिया रंग के वस्त्र पहनना चाहिए.
- रविवार का व्रत रखकर उनकी उपासना करें. मान्यता है कि इससे भक्तों की सभी मुरादें पूरी होती हैं.
- सूर्यदेव की पूजा के बाद रविवार के दिन गुड़, लाल पुष्प, तांबा, गेहूं आदि का दान करना उत्तम माना गया है. इससे सूर्य देव की कृपा बनी रहती है.
रविवार को करें ये उपाय, होगा लाभ
- जिसकी कुंडली में सूर्य कमजोर स्थिति में हों उन्हें माणिक्य रत्न पहनना चाहिए. इससे सूर्य मजबूत स्थिति में होता है.
- जीवन में खुशहाली लानें के लिए बेल मूल की जड़ी धारण करनी चाहिए.
- रविवार के दिन एक मुखी रुद्राक्ष धारण करें. इससे लाभ होगा और धन का आगमन होगा.
ग्रहों का राजा हैं सूर्य देव, पूजा से मिलता है मान-सम्मान और कार्यों में सफलता
ज्योतिष शास्त्र में सूर्यदेव को ग्रहों का राजा माना गया है. साथ ही हिंदू धर्म के पंचदेवों में से एक सूर्य देव भी हैं. भगवान सूर्य देव को जीवन में मान-सम्मान और सफलता का कारक देवता कहा गया है. रविवार का दिन इन्हीं सूर्य देव को समर्पित होता है. इस दिन भगवान सूर्य की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति के जीवन की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
सूर्यदेव के मंत्र (Surya Dev Mantra)
रविवार के दिन सूर्य देव के इन मंत्रो का जाप करने से भक्तों को दीर्घायु मिलती है और उनके सभी मनोरथ पूरे होते हैं. भक्त इनमें से किसी एक मंत्र का जाप कर सकते हैं.
- ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा.
- ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:
- ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ
- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
- ॐ सूर्याय नम:
- ॐ घृणि सूर्याय नम:
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