Sankashti Chaturthi June 2021 Live update: मनोकामना पूरी करने के लिए आज रखें संकष्टी चतुर्थी व्रत, जानें दूर्वा अर्पित करने का महत्व व पूजा विधि
Ganesh Sankashti Chaturthi June 2021 Live updates: संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश के पूजन का विधान है. इस बार आषाढ़ मास की पहली संकष्टी चतुर्थी पर अद्भुत संयोग बन रहा है. आइए जानें इस अद्भुत संयोग के बारे में:-
भगवान गणेश जी को दूर्वा घास और मोदक बेहद पसंद है. इस लिए इनकी पूजा के समय इन चीजों को जरुर अर्पित करें. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दूर्वा घास चढ़ाने से भगवान गणेश सभी मुराद पूरी करते हैं.
संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश के पूजन के समय निम्नलिखित सामग्रियोंकी जरूरत होती है.
- भगवान गणेश की प्रतिमा
- लाल कपड़ा
- दूर्वा
- जनेऊ
- कलश
- नारियल
- पंचामृत
- पंचमेवा
- गंगाजल
- रोली
- मौली लाल
- संकष्टी चतुर्थी के पावन दिन पर व्रत रखकर विधि- विधान से गणपति भगवान की पूजा-अर्चना करने से सभी कष्टों और पापों से मुक्ति मिलती है.
- गणपति भगवान की कृपा से व्यक्ति का जीवन आनंद से भर जाता है.
- हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार संकष्टी चतुर्थी का व्रत संतान प्राप्ति के लिए भी किया जाता है.
गणेश संकष्टी चतुर्थी की तिथि को सुबह स्नान आदि करने के बाद व्रत और पूजा की तैयारी आरंभ करनी चाहिए. पूजा आरंभ करने के पहले. व्रत का विधि पूर्वक संकल्प लें. उसके बाद गणेश जी को उनकी प्रिय चीजों मोदक, लड्डू और दूर्वा घास का भोग लगाएं. अब गणेश मंत्रों का जाप करें उसके बाद श्री गणेश चालीसा का पाठ और गणेश आरती करें. संकष्टी का व्रत चंद्र दर्शन तक रखा जाता है. चंद्र दर्शन के बाद व्रत का विधि पूर्वक समापन और प्रसाद आदि का वितरण करें. गणेश संकष्टी का व्रत नियम पूर्वक पूर्ण करना चाहिए. तभी इसका पूर्ण लाभ प्राप्त होता है.
पौराणिक मान्यता के अनुसार आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी को कृष्णपिंगाक्ष भी कहते हैं. इस दिन भगवान गणेश जी के कृष्णपिंगाक्ष अवतार की पूजा की जाती है. कृष्णपिंगाक्ष का अर्थ सांवला, धुआं और नेत्र से है. मान्यता है कि इस दिन कृष्णपिंगाक्ष अवतार की पूजा करने से भक्त पर भगवान गणेश की विशेष कृपा होती है. इससे भक्त के सभी कष्ट मिट जाते हैं. उनकी मनोकामना पूरी होती है.
हिंदी पंचांग में हर माह में कृष्ण पक्ष की एक चतुर्थी तिथि होती है इस चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी या गणेश संकष्टी चतुर्थी कहते है. इस बार आषाढ़ माह की संकष्टी चतुर्थी आज यानी 27 जून, 2021 दिन रविवार को है. चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है. इस दिन विधि- विधान से गणेश भगवान की पूजा- अर्चना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी जब रविवार के दिन पड़ती है, तो इसे रविवती संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है. पंचांग के अनुसार इस बार संकष्टी चतुर्थी 27 जून दिन रविवार का है. इस लिए इस दिन रविवती संयोग बन रहा है. इस दिन गणेश पूजन के साथ-साथ सूर्यदेव की उपासना भी अति महत्वपूर्ण मानी गई है. मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव की उपासना करने से उन लोगों को विशेष लाभ मिलता है, जिनकी कुंडली में सूर्य कमजोर होते हैं.
आज यानी 27 जून 2021 दिन रविवार को आषाढ़ माह की पहली चतुर्थी तिथि है. इस चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते है. पंचांग में जो चतुर्थी कृष्ण पक्ष में होती है उसे संकष्टी चतुर्थी कहते हैं. चतुर्थी तिथि गणपति भगवान को समर्पित होती है. इस दिन भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है. इससे भगवान गणेश भक्त पर कृपा बरसाते हैं और उनके सभी कष्ट दूर कर देते हैं.
बैकग्राउंड
Sankashti Chaturthi June 2021 Live updates: हिंदी पंचांग के प्रत्येक मास में कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में एक –एक चतुर्थी तिथि पड़ती है. दोनों पक्षों की ये चतुर्थी तिथि भगवान गणेश जी को समर्पित होती है. पंचांग में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी तथा शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी कहते है.
हिंदू धर्म में मान्यता है कि संकष्टी चतुर्थी को भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा अर्चना करने पर भक्त के संकट दूर हो जाते है. इसी लिए भक्तों के मध्य संकष्टी चतुर्थी, संकटहारी चतुर्थी के नाम से प्रचलित है. इस बार आषाढ़ मास की संकष्टी चतुर्थी पर अद्भुत संयोग बन रहा है. आइए जानते हैं कि इस माह की संकष्टी चतुर्थी की पूजन तिथि और समय, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व और अद्भुत संयोग के बारे में:-
संकष्टी चतुर्थी पर यह शुभ संयोग:
पंचांग के मुताबिक़ आज रविवार है और आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है. चतुर्थी तिथि रविवार के दिन पड़ने के कारण रविवती संकष्टी चतुर्थी का संयोग बन रहा है. धार्मिक मान्यता है कि जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर होते हैं. उन्हें रविवती संकष्टी चतुर्थी का व्रत जरूर रखना चाहिए. इससे जातक को बहुत लाभ मिलता है. माना जाता है कि इस दिन प्रातः काल स्नानादि के बाद भगवान सूर्य को प्रणाम कर जल अर्पित करना चाहिए तथा गणेश जी का विधिवत व्रत रखने और पूजन करने से सूर्य ग्रह संबंधी सभी दोष समाप्त हो जाते हैं.
संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Sankashti Chaturthi 2021Date)
- कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी: 27 जून 2021, रविवार
- आषाढ़ मास कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि आरंभ: 27 जून 2021 शाम 03 बजकर 54 मिनट से
- आषाढ़ मास कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि समाप्त: 28 जून 2021 दोपहर 02 बजकर 16 मिनट पर
- संकष्टी के दिन चन्द्रोदय: 27 जून 2021 10 बजकर 03 मिनट पर
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