Aaj ka Panchang 10 October Skandmata Puja: पांचवीं नवरात्रि आज, स्कंदमाता की इस विधि से करें पूजा, होंगे बुद्धिमान एवं विवेकवान

Aaj ka Panchang today 10 October 2021 Skandmata Puja updates: नवरात्रि में आज मां स्कंदमाता की पूजा का उत्तम दिन है. आइये जानें पूजा के लिए शुभ मुहूर्त और आज का पंचांग

एबीपी न्यूज Last Updated: 10 Oct 2021 03:20 PM
स्कंदमाता की पूजा महत्व

पौराणिक कथाओं में मां स्कंदमाता को हिमालय की पुत्री पार्वती कहा गया हैं, इन्हें माहेश्वरी और गौरी के नाम भी जाना जाता है. कहा जाता है कि इनकी विधि-पूर्वक उपासना करने से कन्याओं के विवाह में आ रहीं बाधाएं दूर हो जाती हैं. जो लोग नवरात्रि में मां स्कंदमाता की उपासना करते हैं उनके शत्रु पराजित हो जाते हैं. उनका जीवन सुखमय व्यतीत होता है. मां अपने भक्तों को अभय और सौभाग्य प्रदान करती हैं.  कहा जाता है कि संतान प्राप्ति के लिए मां स्कंदमाता की उपासना विशेष फलदायी होती है.

स्कंदमाता का मंत्र

मंत्र: या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।

नवरात्रि में स्कंदमाता की पूजा विधि

नवरात्रि में पंचमी तिथि को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ़ वस्त्र पहनें. स्कंदमाता की पूजा के दौरान सफ़ेद या पीला वस्त्र धारण करना उत्तम होगा. अब मां की मूर्ति को गंगाजल से स्नान कराएं. अब उन्हें पुष्प, केले का फल, कुमकुम और रोली अर्पित करें. मां को मिष्ठान और पांच प्रकार के फलों का भोग लगाएं. धूप दीप और अगरवत्ती से आरती करें और इनके मंत्रों का जाप करें. जाप के समय और पूरे दिन स्कंदमाता का ध्यान करें. अंत में मां की आरती करें.

स्कंदमाता के इतने हैं नाम

पर्वतराज की बेटी होने की वजह से स्कंदमाता को पार्वती कहते हैं. वहीँ भगवान शिव की पत्नी होने के कारण इनका एक नाम माहेश्वरी भी है. इनके बदन का वर्ण गौर है जिसके कारण इन्हें गौरी भी कहा गया है. स्कंदमाता कमल के पुष्प पर विराजित अभय मुद्रा में होने से इन्‍हें पद्मासना देवी और विद्यावाहिनी दुर्गा भी कहते हैं.

आज का पंचांग

  • मास, पक्ष, तिथि दिन: आश्विन मास, शुक्ल पक्ष, पंचमी तिथि, रविवार

  • आज का राहुकाल: आज 10 अक्टूबर को शाम 04:30 से 05:57 (इस काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है)

  • आज का पर्व एवं त्योहार: शारदीय नवरात्रि के पांचवां दिन, मां स्कंदमाता की पूजा व व्रत

सूर्य और चन्द्रमा के उदय एवं अस्त होने का समय

  • सूर्योदय और सूर्यास्त: आज 10 अक्टूबर दिन रविवार को सूर्योदय प्रात:काल 6 बजकर 19 मिनट पर हुआ है, वहीं सूर्यास्त शाम को 5:57 पर होगा.

  • चंद्रोदय और चंद्रास्त: आज 10 अक्टूबर दिन रविवार को चंद्रोदय प्रातः काल 10 बजकर 22 मिनट पर हुआ. वहीं चंद्र के अस्त का समय 10 अक्टूबर दिन रविवार को रात 9 बजकर 1 मिनट पर होगा.

आज के शुभ मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त- आज 10 अक्टूबर दिन रविवार को प्रातः काल 04:40 से 05:29 एएम तक   

  • रवि योग - आज 10 अक्टूबर दिन रविवार को दोपहर बाद 02:44 से 07:54 पीएम तक

  • विजय मुहूर्त - आज 10 अक्टूबर दिन रविवार को दोपहर बाद 02:04 से 02:51 पीएम तक

  • गोधूलि मुहूर्त - आज 10 अक्टूबर दिन रविवार को शाम 05:45 से 06:09 पीएम तक

  • अभिजित मुहूर्त - आज 10 अक्टूबर दिन रविवार को पूर्वाह्न 11:45 से अपराह्न 12:31 पीएम तक

आज के अशुभ मुहूर्त

  • राहुकाल- आज 10 अक्टूबर को शाम 04:30 से 05:57 पीएम तक

  • यमगण्ड- आज रविवार को दोपहर बाद 12:08 बजे से 01:35 पीएम तक

  • गुलिक काल- आज 10 अक्टूबर को शाम 03:02 से 04:30 पीएम तक

  • वर्ज्य- आज रात 07:55 पी एम से 09:24 पीएम तक

  • दुर्मुहूर्त- आज शाम 04:24 बजे से 05:10 पीएम तक

बैकग्राउंड

Aaj ka Panchang today 10 October 2021 Skandmata Puja updates: हिंदी पंचांग के अनुसार, आज आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है. आज 10 अक्टूबर दिन रविवार है. पंचांग के मुताबिक़, आज नवरात्रि का चौथा दिन और पंचमी तिथि है. पंचमी तिथि 11 अक्टूबर 02:14 एएम तक है. नवरात्रि की पंचमी तिथि को मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप की पूजा की जाती है. मां दुर्गा का पांचवां स्वरूप मां स्कंदमाता का है. इन्हें विद्यावाहिनी दुर्गा भी कहते हैं.


शास्त्रों के अनुासर, मां स्कंदमाता की कृपा से मूर्ख भी विद्वान बन जाता है. स्कंदमाता पहाड़ों पर रहकर सांसारिक जीवों में नवचेतना का निर्माण करने वालीं हैं. कुमार कार्तिकेय की माता होने के कारण इन्हें स्कंदमाता कहा जाता है. इनकी उपासना से सारी इच्छाएं पूरी होने के साथ भक्त को मोक्ष मिलता है. मान्‍यता भी है कि इनकी पूजा से संतान योग बढ़ता है.



आज शारदीय नवरात्रि 2021 का पहला रविवार भी है. रविवार के दिन सूर्योपासना करने से उत्तम फल प्राप्त होता है. सूर्योपासना के बाद सूर्य देवता को तांबे के लोटे में जल भरकर थोड़ा सा सिंदूर मिलाएं तत्पश्चात इससे सूर्योदय के समय सूर्य देवता को अर्घ्य प्रदान करें.  मान्यता है कि ऐसा करने से भक्तों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं.


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