Aaj ka Panchang 11 October Maa Katyayani Puja : मां कात्यायनी की करें पूजा, शत्रुसंहार की शक्ति व संतान प्राप्ति का मिलेगा आशीर्वाद
Aaj ka Panchang Today 11 October Maa katyayani Puja updates: आज नवरात्रि की षष्ठी तिथि है. इस दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. जानें पूजा मुहूर्त, राहुकाल, दिशाशूल व आज का पंचांग
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Aaj ka Panchang Today 11 October Maa katyayani Puja updates: हिंदी पंचांग के अनुसार, आज आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है. आज दिन सोमवार और तारीख 11 अक्टूबर है. पंचांग के अनुसार, आज नवरात्रि का 6वां दिन और षष्ठी तिथि है. नवरात्रि की षष्ठी तिथि को मां दुर्गा के मां कात्यायनी स्वरूप की पूजा का विधान है. कहा जाता है कि मां कात्यायनी अति उदार है. वे अपने भक्तों की पूजा से बहुत जल्द प्रसन्न हो जाती हैं तथा उनकी मनोकामनाएं पूरी करती हैं.
कहा जाता है कि जो कन्याएं अपने मन में विवाह का विचार रखकर व्रत व पूजन करती हैं. उन्हें मां कात्यायनी प्रसन्न होकर सुयोग्य वर का आशीर्वाद प्रदान करती हैं तथा विवाह में आने वाली बाधाएं दूर करती हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां कात्यायनी की कृपा से भक्तों के सभी मंगल कार्य पूरे होते हैं.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, आज 11 अक्टूबर 2021 को शनि देव मकर राशि में मार्गी हुए है. बतादें कि शनिदेव 23 मई 2021 को वक्री हुए थे. शनि देव के वक्री से मार्गी होने का सभी राशियों पर शुभ और अशुभ प्रभाव पडेगा.
आज दोपहर पूर्व तक सौभाग्य योग है, उसके बाद से शोभन योग शुरू होगा इसके अलावा दोपहर से रवि योग भी प्रारंभ हो रहा है, जो अगले दिन यानी 12 अक्टूबर को प्रात: काल तक रहेगा. पंचांग के मुताबिक, आज का दिन मांगलिक कार्यों के लिए उत्तम है.
आज सोमवार है. सोमवार का दिन भगवान शिव की आराधना के लिए उत्तम माना जाता है. इस लिए आज भगवान शिव की पूजा करने विशेष लाभ मिलने की मान्यता है.
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मां कात्यायनी की पूजा विधि
नवरात्रि की षष्ठी तिथि को मां कात्यायनी की पूजा का विधान है. उपासक इस दिन प्रातः काल नित्यकर्म से निवृत्त होकर मां कात्यायनी के मूर्ति की स्थापना करे. अब गंगाजल से मां का पवित्रीकरण और आचमन करें. मां कात्यायनी को पूजन में शहद को भोग जरूर लगाएं.
तत्पश्चात मां को रोली,अक्षत, फल, गुड़हल या लाल रंग का फूल, चुनरी और श्रृगांर का सामान अर्पित करें और धूप, दीप से पूजन व आरती करें.पूजा के दौरान दुर्गा सप्तशती, कवच और दुर्गा चलीसा का पाठ करें. साथ ही मां कात्यायनी के मंत्रों का जाप करें. अंत में आरती कर प्रणाम करें.
मां कात्यायनी करती हैं शत्रुओं का संहार
पौराणिक कथा के अनुसार, मां कात्यायनी ने ही महाबलशाली असुर महिषासुर और शुंभ-निशुंभ जैसे आतातायी राक्षसों का वध किया था. कहा जाता है कि देवी कात्यायानी की विधि पूर्वक उपासना-आराधना करने से शत्रु संहार की शक्ति प्राप्त होती है. इसके अलावा मां कात्यायनी संतान प्राप्ति का वरदान भी प्रदान करती हैं.
मां कात्यायनी के मंत्र
नवरात्रि में मां कात्यायनी के इन मंत्रो में से किसी एक मंत्र का जाप लाल चंदन या रुद्राक्ष की माला से करनी चाहिए. जाप करने के बाद माला को गले में धारण करें. शीघ्र ही आपकी इच्छा पूरी होगी.
- ॐ कात्यायिनी देव्ये नमः।
- या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
- कात्यायनी महामाये , महायोगिन्यधीश्वरी। नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः।।
- चंद्र हासोज्ज वलकरा शार्दूलवर वाहना। कात्यायनी शुभंदद्या देवी दानव घातिनि।।
मां कात्यायनी को क्यों कहा जाता है महिषासुर मर्दनी
शास्त्रों के अनुसार मां कात्यायनी ने असुर महिषासुर का वध किया था. इसी लिए इन्हें महिषासुर मर्दनी भी कहा जाता है. मां कात्यायनी को दानवों और असुरों का विनाश करने वाली देवी भी कहते हैं. माना जाता है कि मां कात्यायनी की विधि पूर्वक पूजा अर्चन करने से उपासक अपनी इंद्रियों को वश में कर सकता है.
मां कात्यायनी के जन्म के पीछे की कथा
एक कथा के अनुसार, ऋषि कात्यायन देवी मां के परम भक्त थे. वे बड़ी श्रद्धा से उनकी उपासना करते थे. एक दिन देवी मां दुर्गा उनकी तपस्या से अति प्रसन्न हुई. तथा उनके घर उनकी पुत्री के रुप में जन्म लेने का वरदान दिया. ऋषि कात्यायन के नाम पर देवी मां नाम मां कात्यायनी पड़ा.