Aaj ka Panchang 12 September Skanda Sashti Live: स्कंद षष्ठी को इस मुहूर्त में करें पूजा, कटेंगे सारे पाप, संतान प्राप्ति की कामना होगी पूरी
Aaj ka Panchang Today 12 September 2021 Skanda Sashti Live Updates: आज स्कंद षष्ठी है. स्कंद षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा (kartikeya puja) करना शुभ माना जाता है.
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Aaj ka Panchang 12 September 2021 Skanda Sashti Puja Vidhi Live Updates: हिंदी पंचांग के अनुसार, आज 12 सितंबर 2021, दिन रविवार को भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है. षष्ठी तिथि भगवान शिव के बड़े पुत्र कार्तिकेय को समर्पित होती है. इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा करना उत्तम माना जाता है. भगवान स्कंद (Lord Skanda) को मरुगन (Marugan) और कार्तिकेय (Kartikeya) के नाम से भी जाना जाता हैं. धार्मिक मान्यता है कि आज स्कंद षष्ठी को नियमित रूप से विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है. कहा जाता है कि भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से भक्तों को संतानोत्पति का वरदान प्राप्त होता है. षष्ठी तिथि आज 12 सितंबर को शाम 5 बजकर 20 मिनट तक है उसके उपरांत सप्तमी तिथि लग जायेगी.
आज रविवार का दिन सूर्यदेव को समर्पित होता है. इस दिन सूर्योदय के पहले स्नान आदि करके सूर्योदय के समय सूर्य भगवान को अर्घ्य देना उत्तम होता है. साथ ही भगवान सूर्य की पूजा उपासना करके उनकी कृपा एवं उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है. उनकी कृपा से भक्तों के सभी रोग व बाधाएं मिट जाते हैं.
आज का पंचांग
- महीना, पक्ष, तिथि और दिन: भाद्रपद मास, शुक्ल पक्ष, षष्ठी तिथि, रविवार
- आज का राहुकाल: आज 12 सितंबर को शाम 4 बजकर 30 मिनट से 6 बजे तक.
- विशेष: भगवान कार्तिकेय की पूजा
- आज का पर्व एवं त्योहार: स्कंद षष्ठी
राधा अष्टमी को क्यों कहते हैं ललिता अष्टमी:
राधा अष्टमी भादो शुक्ल अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. वैसे राधा रानी के अनेक सखियां थी परंतु 8 सखियां हमेशा इनके आस-पास ही रहा करती थी. ये सखियां राधारानी के साथ-साथ भगवान श्री कृष्ण के भी करीब थीं. जो उनका पूरा ध्यान रखती थीं. इन्हें अष्टसखी कहा जाता है. इनमें से मुख्य सखी ललीता थी, जिसके नाम से इसे ललिता अष्टमी भी कहा जाता है.
स्कंद षष्ठी का महत्व (Importance of Skand Sashti)
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, षष्ठी तिथि भगवान कार्तिकेय को अत्यधिक प्रिय है. इस तिथि के दिन भगवान कार्तिकेय ने दैत्यराज ताड़कासुर का वध करके देवी देवताओं को उनके अत्याचार से मुक्त कराया था. भगवान स्कंद को चंपा के फूलअधिक प्रिय हैं, इसलिए इसे चंपा षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है.
स्कंद षष्ठी शुभ मुहूर्त 2021 (Skand Sashti Muhurat 2021)
- भाद्रपद, शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि प्रारम्भ – शाम 07:37 पीएम, 11 सितंबर से शुरू होकर
- भाद्रपद, शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि समाप्त – शाम 05:20 पीएम, 12 सितंबर तक है.
स्कन्द षष्ठी पूजन विधि (Skand Sashti Pujan Vidhi)
स्कंद षष्ठी का व्रत भगवान कार्तिकय को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए रखा जाता है. स्कंद षष्ठी सबेरेस्नान आदि करके व्रत और पूजा का संकल्प लिया जाता है. इसके बाद पूजा स्थल पर बैठकर भगवान कार्तिकेय के साथ शिव-पार्वती की प्रतिमा भी स्थापित करें. अब उनकी शुरू करें. पूजा के समय घी का दीपक जलाएं. भगवान को जल, पुष्प आर्पित करें. कलावा, अक्षत, हल्दी, चंदन आदि भगवान को अर्पित करें. फल और फूल का प्रसाद चढ़ाएं. शाम के समय फिर से भगवान कार्तिकेय की पूजा करें, पूजा के अंत में आरती करें और भोग लगाएं.
इस शुभ मुहूर्त में करें स्कंद षष्ठी की पूजा
- अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 11 बजकर 52 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक
- विजय मुहूर्त- दोपहर 2 बजकर 21 मिनट से 3 बजकर 11 मिनट तक
- निशीथ काल- मध्यरात्रि 11 बजकर 54 मिनट से 12 बजकर 41 मिनट तक
- गोधूलि बेला- शाम 6 बजकर 17 मिनट से 6 बजकर 41 मिनट तक
- अमृत काल- रात 10 बजकर 37 मिनट से 12 बजकर 07 मिनट तक
- रवि योग- सुबह 6 बजकर 4 मिनट से 9 बजकर 50 मिनट तक