Aaj ka Panchang 13 October Ashtami Puja: आज महाष्टमी के इस मुहूर्त में न करें कन्या पूजन, जानें दक्षिणा के समय ध्यान रखी जाने वाली यह बात
Aaj ka Panchang Today 13 October 2021 Ashtami Puja Updates: आज शारदीय नवरात्रि के 8वें दिन महागौरी की पूजा का विधान है. आइये जानें आज के पंचांग के अनुसार, मुहूर्त, राहुकाल व दिशाशूल
LIVE
Background
Aaj ka Panchang today 13 October 2021 Ashtami Puja Updates: हिंदी पंचांग के अनुसार, आज आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है. इसे शारदीय नवरात्रि की महाष्टमी तिथि भी कहते हैं. इस दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यता है कि इनकी विधि पूर्वक पूजा करने से अत्यंत गौर वर्ण वाली मां महागौरी अपने भक्तों के दुख और कष्ट को दूर करती हैं. देवी मां महागौरी की कृपा से जीवन में सुख, समृद्धि, सफलता, उन्नति और तरक्की मिलती है.
कहा जाता है कि मां महागौरी की पूजा से संतान से संबंधित समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है. हिंदू धर्म ग्रंथों के मुताबिक, मां दुर्गा के आठवें स्वरूप देवी मां महागौरी को पूजा में नारियल भोग लगाना उत्तम होता है. पूजा के दौरान इन्हें पीले या सफेद रंग का फूल चढ़ाना चाहिए. महागौरी की पूजा पीले रंग का वस्त्र पहनकर करना उत्तम होता है.
कैलेंडर के अनुसार, आज 13 अक्टूबर दिन बुधवार है. बुधवार का दिन भगवान श्री गणेश जी (Ganesh Puja On Wednesday) को समर्पित होता है. हिंदू धर्म (Hindu Dharma) में गणेश पूजा (Ganesh Puja) का विशेष महत्व है.
हिंदू धर्म शास्त्रों में भगवान श्री गणेशजी रिद्धि-सिद्धि और शुभ-लाभ के दाता मानें गए हैं. गणेश जी भक्तों की बाधा, सकंट, रोग-दोष और दरिद्रता को दूर करते हैं. उनकी कृपा से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है.
यह भी पढ़ें:-
कन्या पूजन में दक्षिणा देते समय इन बातों का रखें ध्यान
- दक्षिणा देने के साथ पैर छूकर आशीर्वाद जरूर लें.
- दक्षिणा देते समय कन्या में मां दुर्गा को रूप ध्यान करें.
- किसी भी कन्या के प्रति दुर्भावना न रखें.
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कन्याओं को दक्षिणा देने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और सभी मनोकामनाओं को पूरा करती हैं.
- कन्या पूजन के लिए 2 से 10 वर्ष की कन्यायें होती है शास्त्र सम्मत
- कन्या पूजन के लिए नौ कन्याओं के साथ एक लड़के को अवश्य रखें.
महाष्टमी व्रत और पूजा विधि
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि को अति उत्तम माना गया है. अष्टमी के दिन महागौरी की पूजा के लिए प्रातः काल स्नान आदि करके साफ कपड़े पहनें. पूजा के दौरान सफ़ेद कपड़ा पहनना उत्तम होता है. अब पूजा स्थल पर मां महागौरी के समक्ष अष्टमी व्रत और पूजा का संकल्प लें. अब जहां पहले से कलश स्थापना हुई है. वहां पर मां महागौरी की प्रतिमा रखकर उन्हें सफेद और पीले फूल अर्पित करें और नारियल का भोग लगाएं. अब महागौरी बीज मंत्र का जाप करें और अंत में मां महागौरी की आरती करने के बाद हाथ जोड़कर प्रणाम करते हुए पूजा समाप्त करें.
दुर्गा अष्टमी पूजन का महत्व
आज 13 अक्टूबर 2021 को शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि है. इसे दुर्गाष्टमी भी कहा जाता है. इस दिन महा गौरी की पूजा की जाती है. कहा जाता है कि देवी मां महागौरी की पूजा से उपासक को सुख, शांति, सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है. उनके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं. उन्हें सभी प्रकार के कष्टों से छुटकारा मिल जाता है.
सुकर्मा योग में है दुर्गा अष्टमी 2021
साल 2021 में आश्विन मास की शुक्ल अष्टमी तिथि का आरंभ 12 अक्टूबर, मंगलवार की रात 09:47 बजे से हुआ. इसका समापन आज 13 अक्टूबर, बुधवार को रात 08:07 बजे होगा. आज सुकर्मा योग का निर्माण हुआ है. इस लिए नवरात्रि महा अष्टमी का पर्व सुकर्मा योग में मनाया जायेगा. पंचांग के अनुसार, सुकर्मा योग में कोई भी मांगलिक कार्य करना शुभ होता है.
ऐसे हुआ महागौरी का रंग काला से गोरा
नवरात्रि में दुर्गा अष्टमी के दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरुप की उपासना की जाती है. मां महागौरी का मां पार्वती का ही रूप माना गया है. एक पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए मां पार्वती द्वारा हजारों सालों तक तपस्या करने के कारण उनका रंग काला हो गया था. तप से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने मां पार्वती के ऊपर गंगा जल छिड़क कर उनका रंग गोरा कर दिया. इसी वजह से वे महागौरी कहलायी.