Aaj ka Panchang 13 September Lalita Saptmi Live: ललिता सप्तमी आज, व्रत पूजा से संतान प्राप्ति के बनते हैं योग
Aaj ka Panchang 13 September 2021 Lalita Saptmi Live Updates: ललिता सप्तमी व्रत आज 13 सितंबर, सोमवार को है. इस दिन राधा रानी की मुख्य सहेली ललिता देवी की पूजा की जाती है.
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Background
Aaj ka Panchang 13 September 2021 Lalita Saptmi Live Updates: हिंदू पंचांग के अनुसार, आज भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि और 13 सितंबर दिन सोमवार है. आज ललिता सप्तमी का व्रत भी है. पंचांग के मुताबिक़ ललिता सप्तमी (Lalita Saptami) का व्रत हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को रखा जाता है. ललिता सप्तमी का व्रत, राधा अष्टमी से एक दिन पहले होता है. देवी ललिता राधा रानी की खास सहेली थीं.
ललिता सप्तमी (Lalita Saptami) को संतान सप्तमी (Santan Saptami) के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन व्रत रखकर ललिता देवी के साथ राधा रानी और भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना करने की परंपरा है.
धार्मिक मान्यता है कि जो लोग ललिता सप्तमी (Lalita Saptami) का व्रत रखकर देवी ललिता की पूजा करता है उसे भगवान श्रीकृष्ण और राधा का आशीर्वाद प्राप्त होता है. उनके आशीर्वाद से जीवन में आने वाले कष्टों से मुक्ति मिलती है. साथ ही ललिता देवी के आशीर्वाद से संतान प्राप्ति के योग बनते हैं.
आज सोमवार भी है. सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है. इस दिन भगवान शिव की पूजा करने और शिवलिंग का जलाभिषेक करने से भक्तों के सभी कष्ट कट जाते हैं और उनकी सभी मन्नतें पूरी हो जाती है.
आज का पंचांग
- महीना, पक्ष, तिथि और दिन: भाद्रपद मास, शुक्ल पक्ष, सप्तमी तिथि, सोमवार
- आज का राहुकाल: आज 13 सितंबर को सुबह 7 बजकर 40 मिनट से 16 बजे तक.
- विशेष: देवी ललिता के साथ भगवान कृष्ण और राधा की पूजा
- आज का पर्व एवं त्योहार: ललिता सप्तमी व्रत
कौन हैं देवी ललिता
देवी ललिता राधा रानी की 8 सहेलियों में विशेष प्रिय और सर्वाधिक विश्वासपात्र सहेली थीं. देवी ललिता, राधा रानी और भगवान श्री कृष्ण को बेहद प्रेम किया करती थीं. यह भगवान कृष्ण के सबसे अधिक प्रिय गोपियों में से एक थी. ये ललिता सखी नाम से प्रसिद्धि थी. ललिता देवी राधा रानी का पूरा ध्यान रखती थीं. पौराणिक कथाओं के अनुसार ललिता देवी हर कला में निपुण थीं और राधा रानी के साथ खेला करती थीं.
ललिता सप्तमी का महात्म
- ललिता सप्तमी का व्रत राधा रानी की प्रिय सखी देवी ललिता को समर्पित है. ललिता सप्तमी वाट को प्रेम के महत्व को बताने वाला पर्व माना गया है.
- धार्मिक मान्यता है कि इस दिन जो भी ललिता देवी की पूजा करता है, उनको राधा रानी और भगवान श्रीकृष्ण का विशेष आर्शीवाद प्राप्त होता है.
- धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण द्वारा बताए जाने पर पहली बार ललित देवी व्रत को रखा गया था.
ललिता सप्तमी का महत्व
- मान्यताओं के अनुसार, ललिता सप्तमी व्रत और पूजन करने से जीवन में आने वाले कष्टों से मुक्ति मिलती है.
- ललिता सप्तमी व्रत और पूजन करने से ललिता देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इससे संतान प्राप्ति के योग बनते हैं.
- मान्यता है कि ललिता देवी व्रत से जिनके बच्चे हो चुके हैं उनके बच्चों को अच्छे स्वास्थ्य, बुद्धि और लंबे जीवन के लिए वरदान प्राप्त होता है.
ललिता सप्तमी पूजा इस मुहूर्त में न करें
- राहूकाल का समय – आज सुबह 7:40 AM – 9:12 AM तक
- यमगण्ड – आज 13 सितंबर को सुबह 10:44 बजे से दोपहर बाद 12:16 बजे तक
- कुलिक – आज सोमवार को दोपहर बाद 1:48 बजे से शाम 3:20 बजे तक
- दुर्मुहूर्त – आज 13 सितंबर सोमवार को 12:41 PM – 01:30 PM तक तत्पश्चात 03:08 PM से 03:57 PM तक
- वर्ज्य- आज 13 सितंबर सोमवार को 01:41 PM बजे से 03:12 बजे तक
ललिता सप्तमी पूजा का शुभ मुहूर्त
- अभिजीत मुहूर्त – आज 13 सितंबर सोमवार को पूर्वाहन 11:52 बजे से अपराह्न 12:41 बजे तक
- अमृत काल - आज 13 सितंबर सुबह 10:45 PM बजे से 12:16 बजे तक
- ब्रह्म मुहूर्त - आज 13 सितंबर को प्रातः काल 04:32 बजे से 05:20 बजे तक