Aaj ka Panchang 18 September Shani Pradosh Live: शनि प्रदोष के विशिष्ट संयोग पर पूजा से संतान प्राप्ति व वंशवृद्धि की कामना होगी पूरी
Aaj ka Panchang Today 18 September 2021 Shani Pradosh Vrat Live Updates: आज शनि प्रदोष व्रत को भगवान शिव के साथ शनि देव की पूजा का उत्तम संयोग होता है. इनकी पूजा से शनि प्रभाव कम होता है.
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Background
Aaj ka Panchang Today 18 September 2021 Shani Pradosh Vrat Live Updates: हिंदी पंचांग के अनुसार, आज भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है. त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखने की परंपरा है. आज 18 सितंबर और दिन शनिवार है. जब प्रदोष व्रत शनिवार को पड़ता है तब इसे शनि प्रदोष व्रत कहते हैं.
शनि प्रदोष व्रत पर शिव पूजा का अद्भुत संयोग बनता है क्योंकि शनि देव भी भगवान शिव के अनन्य भक्त हैं. त्रयोदशी अर्थात प्रदोष व्रत भगवान शिव की पूजा के लिए जबकि शनिवार का दिन शनि देव की पूजा के लिए उत्तम होता है. ऐसे में शनि प्रदोष व्रत के दिन इस विशेष संयोग में शिव और शनि की पूजा से शनि दोष से मुक्ति मिलती है.
आज का पंचांग
- महीना, पक्ष, तिथि और दिन: भाद्रपद मास, शुक्ल पक्ष, त्रयोदशी तिथि और शनिवार का दिन
- आज का दिशाशूल: पूर्व दिशा में
- आज का राहुकाल: प्रात: 09:00 बजे से 10:30 बजे तक
- विशेष: पंचक (दोपहर 03:26 बजे से प्रारंभ, 24 सितंबर को प्रात: 08:30 बजे पर समाप्त)
- आज का पर्व एवं त्योहार: शनि प्रदोष व्रत
शनि प्रदोष व्रत का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शनि प्रदोष का व्रत विशेष रूप से पुत्र प्राप्ति के लिए किया जाता है. कहा जाता है कि जिन लोगों की कोई संतान नहीं होती है या फिर वंश में वृद्धि नहीं हो रही है. उन्हें शनि प्रदोष व्रत रखकर भगवान शिव की आराधना करने चाहिए. प्रदोष व्रत के पुण्य और शिव-शक्ति की कृपा से व्यक्ति को आरोग्य, सुख, समृद्धि, धन, धान्य आदि की प्राप्ति होती है.
प्रदोष व्रत 2021 पूजा मुहूर्त
जो लोग आज भाद्रपद मास के अंतिम प्रदोष व्रत यानी शनि प्रदोष व्रत रखें हैं. उन्हें शिव जी और देवी पार्वती की पूजा के लिए शाम के समय 02 घंटे 21 मिनट का समय प्राप्त होगा. वे आज शाम को 06 बजकर 23 मिनट से रात 08 बजकर 44 मिनट तक प्रदोष व्रत की पूजा कर सकते हैं. यह शनि प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त है.
इस उपाय से शनि की साढ़े साती और ढैय्या का प्रभाव होता है खत्म
जिन लोंगो पर शनि की साढ़े साती या ढैय्या चल रही हो उन्हें शनि प्रदोष के दिन नीचे दिए गए उपायों को जरूर करना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से भक्तों की कुण्डली में व्याप्त शनि दोष भी समाप्त हो जाते हैं.
- शनि प्रदोष के दिन भगवान शिव का शनि देव के मंत्रों से पूजन करना चाहिए.
- शनि प्रदोष पर शनि मंदिर या शिव मंदिर में जा कर सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
- शनि प्रदोष पर शनि देव के पूजन के बाद शनि चालीसा का पाठ करें.
- शनि प्रदोष के दिन लोहे का सामान,जूते या पुराने कपड़े जरूरतमंद व्यक्ति को दान करना चाहिए.
शनि प्रदोष पर हो रहा है विशिष्ट संयोग का निर्माण
आज शनि प्रदोष व्रत पर विशिष्ट संयोग का निर्माण हो रहा है. वैसे तो प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है. लेकिन जब शनि प्रदोष व्रत हो ती इस पर शनिदेव के पूजन का विशेष विधान है. शनि देव भी भगवान शिव के भक्त हैं. ऐसे में कहा जाता है कि शनि प्रदोष के दिन भगवान शिव का शनि देव के मंत्रों से पूजन करने से भक्तों की कुण्डली में व्याप्त शनि दोष समाप्त हो जाते हैं.
प्रदोष व्रत 2021 तिथि
हिन्दी पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि आज 18 सितंबर दिन शनिवार को प्रात: काल 06 बजकर 54 मिनट से शुरू हो गई है. इसके पहले तक द्वादशी तिथि थी. त्रयोदशी तिथि अगले दिन 19 सितंबर को प्रात: 05 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी. तदोपरांत चतुर्दशी तिथि लगेगी. ऐसे में प्रदोष मुहूर्त 18 सितंबर को प्रात: हो रहा है, इसलिए शनि प्रदोष व्रत 18 सितंबर को रखा जाएगा. प्रदोष व्रत का पूजन प्रदोष काल में किया जाना चाहिए. तभी शनि प्रदोष व्रत का पूरा लाभ मिलेगा.