Aaj ka Panchang 29 August Sheetala Saptami Live: शीतला सप्तमी व्रत आज, जानें मुहूर्त, पूजन विधि व आज का पंचांग
Aaj ka Panchang Today 29 August 2021 Sheetala Saptami Live Updates: आज शीतला सप्तमी व्रत है. इस दिन महिलाएं व्रत रखकर माता शीतला की पूजा करती हैं. शीतला मां को रोगों से बचाने वाली देवी कहा गया है.
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Aaj ka Panchang Today 29 August 2021 Sheetala Saptami Live Updates: हिंदी पंचांग के अनुसार, आज भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि और रविवार का दिन है. आज 29 अगस्त 2021 को शीतला सप्तमी का व्रत रखा गया है. स्कंद पुराण में शीतला मां को रोगों से बचाने वाली देवी कहा गया है. इस व्रत में महिलायें महाशक्ति के अनंतरूपों में से प्रमुख शीतला माता की पूजा करती है और घर से सभी प्रकार की बीमारियों को दूर भगाने की दुआ करती है. इससे माता शीतला प्रसन्न होकर उनपर अपनी विशेष कृपा करती हैं. धार्मिक मान्यता है कि माता शीतला की कृपा से व्यक्ति को निरोगी जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
आज 29 अगस्त को सुबह तक भद्रा है तथा सुबह से लेकर रात्रि तक त्रिपुष्कर योग बना हुआ है. ज्योतिष के अनुसार त्रिपुष्कर योग में पूजा शुभ फलदायी होता है.
रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित होता है. आज रविवार के दिन सूर्य देव की आराधना करनी चाहिए. माना जाता है कि सूर्य देव की कृपा से लोगों को कर्म क्षेत्र में सफलता मिलती है और वह निरोग होता है.
आज का पंचांग
- महीना, पक्ष, तिथि व दिन: भाद्रपद मास, कृष्ण पक्ष, सप्तमी तिथि, रविवार
- आज का दिशाशूल: पश्चिम दिशा में
- आज का राहुकाल: आज 29 अगस्त को शाम 04:30 बजे से 06:00 बजे तक.
- आज की भद्रा: आज रविवार यानी 29 अगस्त को प्रात: 10:10 बजे तक.
- आज का पर्व एवं त्योहार: शीतला सप्तमी व्रत, माता शीतला और सूर्य पूजा
इन रोगों से मिलती है मुक्ति
महाशक्ति के अनंतरूपों में से एक मां शीतला की आराधना आदिकाल से ही श्रावण कृष्ण सप्तमी को होती चली आ रही. माता शीतला की आराधना दैहिक तापों ज्वर, राजयक्ष्मा {टीबी}, संक्रमण तथा अन्य विषाणुओं के दुष्प्रभावों से मुक्ति दिलाती हैं. मां की पूजा से विशेष रूप से कुष्टरोग, दाहज्वर, ज्वर, चेचक, पीतज्वर, विस्फोटक, दुर्गन्धयुक्त फोडे तथा अन्य चर्मरोगों की परेशानी से छुटकारा मिलता है.
शीतला सप्तमी को बसौड़ा भी कहते हैं
माता शीतला का व्रत देश के हर कोने में किसी न किसी रूप में रखा जाता है. इसे बसौड़ा {बसौरा} भी कहते हैं, क्यों कि इस दिन माता शीतला को बासी भोजन चढ़ाते हैं. बसौड़ा {बसौरा} का अर्थ बसी भोजन से होता है. शीतला माता की पूजा करने से वह बहुत प्रसन्न होती हैं. इससे शीतला माता भक्तों के हर तरह के तापों का नाश करती हैं. अपने भक्तों के तन-मन को शीतल करती हैं तथा उन्हें निरोग बनाती है.
शीतला सप्तमी की पूजा विधि
आज शीतला सप्तमी के दिन प्रातः काल स्नान करके शीतला मां की पूजा करने का विधान है. शीतला मां को बासी भोजन का भोग लगाना चाहिए. व्रत के एक दिन पहले रात को सारा भोजन बनाने के बाद रसोई को पुनः साफ करके मां शीतला के पूजन हेतु मीठा भात, पुए, पकौड़े, रबड़ी, बाजरे की रोटी और पूड़ी सब्जी आदि बनाएं उसके बाद उसे साफ़ व स्वच्छ जगह पर रख लेना चाहिए. पूजा के बाद इसी भोजन को मां को चढ़ाएं तथ दिन सारे परिवार के लोग प्रसाद के रूप में ग्रहण करें.
आज का शुभ समय
- अभिजित मुहूर्त: आज दिन में 11 बजकर 56 मिनट से दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक.
- त्रिपुष्कर योग: आज प्रात: 05 बजकर 58 मिनट से रात 11 बजकर 25 मिनट तक.
- विजय मुहूर्त: दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से दोपहर 03 बजकर 21 मिनट तक.
- अमृत काल: 30 अगस्त को प्रात: 03 बजकर 57 मिनट से सुबह 05 बजकर 45 मिनट तक.
पूजा विशेष
आज भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि है. आज शीतला सप्तमी व्रत है. इस दिन घर को सभी रोगों व बीमारियों से मुक्त करने के लिए महिलायें व्रत रखती हैं और माता शीतला की विधि-विधान से पूजा करती है. आज रविवार का दिन है. इस दिन आपको सूर्य चालीसा का पाठ करना चाहिए. सूर्य देव के मंत्रों का जाप करना मंगलकारी होता है.