Aaj ka Panchang 30 July Sheetla Saptami Live: आज है शीतला सप्तमी, जानें पूजा के लिए शुभ-अशुभ मुहूर्त, विधि, राहुकाल व दिशाशूल
Aaj ka Panchang 30 July 2021 Sheetla Saptami Live updates: पंचांग के अनुसार, आज सावन मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि दिन शुक्रवार है. धन और संतान प्राप्ति के लिए शुक्रवार को लक्ष्मी की पूजा करें.
LIVE
![Aaj ka Panchang 30 July Sheetla Saptami Live: आज है शीतला सप्तमी, जानें पूजा के लिए शुभ-अशुभ मुहूर्त, विधि, राहुकाल व दिशाशूल Aaj ka Panchang 30 July Sheetla Saptami Live: आज है शीतला सप्तमी, जानें पूजा के लिए शुभ-अशुभ मुहूर्त, विधि, राहुकाल व दिशाशूल](https://cdn.abplive.com/imagebank/default_16x9.png)
Background
Aaj ka Panchang 30 July 2021 Sheetla Saptami Live updates: हिंदी कैलेंडर के अनुसार, आज सावन मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि दिन शुक्रवार तारीख 30 जुलाई है. शुक्रवार के दिन व्रत रखकर माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. इससे मां लक्ष्मी की कृपा व आशीर्वाद प्राप्त होता है. पंचांग के अनुसार, आज पूरा दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और सुबह से दोपहर तक अमृत सिद्धि योग और रवि योग बना रहेगा. दोपहर तक पंचक और शाम करीब पौने पांच बजे तक भद्रा भी है. ऐसे आज मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना शुभ मुहूर्त करनी चाहिए. मान्यता है की उनकी कृपा से आपके परिवार में धन, दौलत, सुख, समृद्धि और वैभव आएगा.
आज का पंचांग
- महीना, पक्ष, तिथि व आज का दिन: श्रावण मास, कृष्ण पक्ष, सप्तमी तिथि, शुक्रवार.
- आज का राहुकाल: 30 जुलाई प्रात: 10:30 बजे से 12:00 बजे तक.
- आज की भद्रा: 30 जुलाई को प्रात: काल 03:55 बजे से शाम 04:44 बजे तक.
- आज का दिशाशूल: पश्चिम दिशा में
- विशेष: पंचक आज 30 जुलाई को दोपहर 02:02 बजे तक.
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय: आज 30 जुलाई के दिन सूर्योदय प्रात:काल 05 बजकर 41 मिनट पर हुआ है, वहीं सूर्यास्त शाम को 07 बजकर 13 मिनट पर होगा.
चंद्रोदय और चंद्रास्त का समय: आज 30 जुलाई का चंद्रोदय रात 11 बजकर 21 मिनट पर चंद्रास्त का समय अगले दिन यानी 31 जुलाई को सुबह 11 बजकर 31 मिनट होगा.
माता शीतला की पूजा विधि:
माता शीतला की पूजा के लिए शीतला सप्तमी के दिन प्रातः काल स्नानआदि करके साफ़ कपड़ा पहन लें. व्रत रखकर माता शीतला की पूजा करें. ध्यान रहे कि इस दिन माता शीतला की पूजा के दौरान बासी खाने का भोग लगाया जाता है. पूजा करने के बाद गुड़ और चावल से बनी खीर का प्रसाद वितरण करते हैं.
इन मंत्रों से माता शीतला की करें पूजा होगा बीमारी का अंत
- वन्देऽहं शीतलां देवीं रासभस्थां दिगम्बरराम्, मार्जनीकलशोपेतां शूर्पालंकृतमस्तकाम्।
माता शीतला को बासी भोजन से लगाते हैं भोग
माता शीतला भी दुर्गा माता और लक्ष्मी मां के ही एक रूप हैं. चूंकि आज शीतला सप्तमी के दिन शुक्रवार भी है. यह दिन मां लक्ष्मी को समर्पित होता है. इसलिए इस बार इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है. मान्यता है कि सावन की सप्तमी पर शीतला मां की विशेष पूजा करने से व्यक्ति हमेशा स्वस्थ रहता है. माता शीतला के पूजन में बासी भोजन का भोग लगाया जाता है.
क्या माता शीतला , दुर्गा मां और पार्वती की अवतार हैं?
स्कंद पुराण के अनुसार, माता शीतला को दुर्गा मां और माता पार्वती का ही अवतारमाना गया है. ये प्रकृति की उपचार शक्ति का प्रतीक हैं. सावन सप्तमी के दिन भक्त अपने सभी बच्चों के साथ माता शीतला की विधि विधान से श्रद्धापूर्वक पूजा आराधना करते हैं. इससे इनपर मां शीतला की कृपा होती है और वह पूरा परिवार मां की कृपा से प्राकृतिक आपदा तथा आकस्मिक विपत्तियों से सुरक्षित रहता है.
मां शीतला की पूजा से दैहिक रोगों से मिलती है मुक्ति:
शीतला माता की पूजा-अर्चना आदिकाल से ही सावन मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी को करते चले आ रहें हैं. माता शीतला महाशक्ति के अनंतरूपों में से एक प्रमुख देवी हैं. इनकी पूजा-आराधना करने से दैहिक तापों ज्वर, राजयक्ष्मा, संक्रमण तथा अन्य विषाणुओं के द्वारा होने रोगों से मुक्ति मिलने की मान्यता है. मान्यता है कि माता शीतला के पूजन से माता शीतला विशेषतः ज्वर, चेचक, कुष्टरोग दाहज्वर, पीतज्वर, विस्फोटक, दुर्गन्धयुक्त फोडे तथा अन्य चर्मरोगों से मुक्त कर देती है. यही नहीं व्रत करने वाले के कुल में यदि कोई इन रोगों से पीड़ित है तो इनकी श्रद्धा भाव से पूजा करने पर इन रोगों से छुटकारा मिल जाता है.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)