Aaj ka Panchang 6 September Pithori Amavasya Live: आज पिठोरी अमावस्या को करें ये उपाय, दूर होंगे सभी संकट, पूर्ण होगी मुरादें
Aaj ka Panchang Today 6 September 2021 Pithori Amavasya Puja Muhurt Live Updates: आज भाद्पद मास की अमावस्या तिथि है. जिसे कुशग्रहणी अमावस्या या पिठौरी भी कहते हैं.
हिंदू धर्म में भाद्रपद की अमावस्या के दिन स्नान, दान, तप, तर्पण और पिंडदान का विशेष महत्व होता है. पितरों की तृप्ति के लिए अमावस्या को किसी पवित्र नदी में स्नान के बाद तर्पण और पिंडदान किए जाते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. इससे घर परिवार में खुशियाली बनी रहती है.
- राहुकाल- सुबह 07 बजकर 30 मिनट से 09 बजे तक.
- यमगंड- सुबह 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक.
- गुलिक काल- दोपहर 01 बजकर 30 मिनट से 03 बजे तक.
- दुर्मुहूर्त काल- दोपहर 12 बजकर 44 मिनट से 01 बजकर 35 मिनट तक. इसके बाद दोपहर 03 बजकर 15 मिनट से शाम 04 बजकर 06 मिनट तक.
- गंडमूल- सुबह 06 बजकर 02 मिनट से शाम 05 बजकर 52 मिनट तक.
- महीना, पक्ष, तिथि और आज का दिन: भाद्रपद मास, कृष्ण पक्ष, चतुर्दशी के अमावस्या तिथि, सोमवार
- आज का दिशाशूल: पूर्व दिशा में
- आज का राहुकाल: प्रात: 07:30 बजे से 09:00 बजे तक.
- आज का पर्व एवं त्योहार: श्राद्ध की अमावस्या, पिठौरी अमावस्या व्रत
भाद्रपद अमावस्या तिथि 06 सितंबर को सुबह 07 बजकर 38 मिनट से प्रारंभ होकर 07 सितंबर को सुबह 06 बजकर 21 मिनट तक रहेगी. पिठौरी अमावस्या व्रत की पूजा का मुहूर्त आज शाम करीब 6: 15 के बाद से शुरू हो रहा है. ऐसे में व्रत रखने के इच्छुक आज कुश ग्रहणी अमावस्या के व्रत रख सकते हैं.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुशोत्पाटिनी का अर्थ है कुशा का संग्रह करना. धार्मिकऔर मांगलिक कार्यों में जो कुश इस्तेमाल किया जाता है. उस कुश इस तिथि को संग्रह करते हैं. मान्यता है कि अमावस्या तिथि पर उखाड़ा गया कुश का प्रयोग एक महीने तक किया जा सकता है.
बैकग्राउंड
Aaj ka Panchang Today 6 September 2021 Pithori Amavasya Puja Muhurt Live Updates: हिंदी पंचांग के अनुसार, आज भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि और दिन सोमवार है. आज 6 सितंबर 2021 है. आज पिथौरा अमावस्या व्रत भी है इसे कुश ग्रहणी अमावस्या भी कहते हैं. हिंदू धर्म के हर शुभ अशुभ कार्यों या पूजा अर्चना में कुश की अनिवार्य आवश्यकता होती है. इसके बिना कोई भी मांगलिक, धार्मिक कार्य पूर्ण नहीं होता है. इस लिए हिंदू धर्म में इस कुश को आज के दिन अर्थात भादो की अमावस्या को संग्रह करते हैं. इसी लिए इस अमावस्या को कुश ग्रहणी अमावस्या भी कहते हैं.
आज भाद्रपद मास की अमावस्या को श्राद्ध अमावस्या भी कहते है. आज शुभ मुहूर्त में सिद्ध योग है, इस योग में किया गया मांगलिक कार्यों का फल शुभ होता है. यह सिद्ध योग कल यानी 7 सितंबर को सुबह तक है.
आज सोमवार के दिन देवों के देव महादेव और देवी माता पार्वती की पूजा करना अति उत्तम होता है. इस दिन भगवान शिव जी की पूजा में बेलपत्र जरूर अर्पित करें. मंगलकारी हो सकता है.
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