Aaj ka Panchang 8 October Navratri Puja: मां ब्रह्मचारिणी की उपासना से मिलता है ये फल, जानें
Aaj ka Panchang 8 October Navratri Maa Brahamcharini Puja updates: आज शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. इन नियमों के बिना पूजा रहती है अधूरी.
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Aaj ka Panchang 8 October Navratri Maa Brahamcharini Puja updates: हिंदी पंचांग के अनुसार, आज आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है. द्वितीया तिथि सुबह 10 बजकर 48 मिनट तक रहेगी. उसके बाद तृतीया तिथि प्रारंभ होगी. आज 8 अक्टूबर दिन शुक्रवार है. शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन भी है. नवरात्रि में माता रानी के 9 रूपों की पूजा की जाती है. आज नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है.
ब्रह्म शब्द का आशय तपस्या से है और ब्रह्मचारिणी शब्द का अर्थ {Brahamcharini Means} तप का आचरण करने वाली से है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के दूसरे दिन में मां ब्रह्माचारिणी का पूजन करने से भक्तों को उसके सभी कार्यों में मन वांछित सफलता प्राप्त होती है. यदि आप भी किसी कार्य में जीत हासिल करना चाहते हैं तो देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा अवश्य करें.
आज का पंचांग
- मास, पक्ष, तिथि व दिन: आश्विन मास, शुक्ल पक्ष, द्वितीय तिथि, शुक्रवार
- आज का दिशाशूल: पश्चिम दिशा में
- आज का राहुकाल: आज 8 अक्टूबर को सुबह10:41:30 बजे से दोपहर 12:08 बजे तक
- आज का पर्व एवं त्योहार: शारदीय नवरात्रि के दूसरा दिन, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा व व्रत
मां ब्रह्माचिरणी की पूजा से मिलता है ये लाभ
मां का ब्रह्मचारिणी रूप बेहद शांत, सौम्य और मोहक है. कहा जाता है कि मां के इस स्वरूप की विधि-विधान पूर्वक पूजा करने से भक्तों को तप, त्याग, वैराग्य और सदाचार जैसे गुणों की प्राप्ति होती है. उन्हें साधक होने का फल मिलता है. भक्त को हर कार्य में सफलता मिलती है.
इन्हें जरूर करनी चाहिए मां ब्रह्माचिरणी की पूजा
कठोर साधना और ब्रह्म में लीन रहने के कारण मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप को ब्रह्मचारिणी कहा गया है. इनकी विद्यार्थी और तपस्वियों को जरूर करनी चाहिए. मान्यता है कि इनके लिए मां ब्रह्माचिरणी की पूजा बहुत ही शुभ फलदायी होती है. जिन लोगों का चन्द्रमा कमजोर स्थिति में हो उन्हें भी मां ब्रह्मचारिणी की उपासना अत्यंत अनुकूल होती है.
मां ब्रह्माचिरणी को इन चीजों का लगाये भोग
मां ब्रह्माचिरणी की पूजा में चीनी का भोग लगाएं. मान्यता है कि ऐसा करने से मां जल्द ही प्रसन्न होती है. बाद में भगवान शिव जी की पूजा करें और फिर ब्रह्मा जी के नाम से जल, फूल, अक्षत आदि हाथ में लेकर “ऊं ब्रह्मणे नम:” कहते हुए इसे जमीन पर रख दें. मां की आरती करें और भोग लगाए गए प्रसाद को घर के सदस्यों में बांट दें.
मां ब्रह्माचिरणी को चढ़ाए ये फूल
माना जाता है कि मां ब्रह्माचिरणी को लाल रंग बेहद पसंद है, इसलिए देवी मां ब्रह्माचिरणी की पूजा करते समय इन्हें सिर्फ लाल रंग का ही फूल चढ़ाना चाहिए. तथा देवी मां को कमल से बनी माला पहनाएं. मान्यता है कि ऐसा करने से मां जल्द ही प्रसन्न होती है.
मां ब्रह्मचारिणी पूजा विधि (Maa Brahamcharini Puja Vidhi)
सुबह स्नान आदि करके पूजा स्थल पर बैठ जाएँ. उसके बाद जिन देवी-देवताओं, गणों और योगिनियों को कलश में आमंत्रित किया है, उन्हें दूसरे दिन भी पंचामृत स्नान दूध, दही, घृत, मेवे और शहद से स्नान कराएं. अब फल फूल, अक्षत, रोली, चंदन आदि अर्पित करें. मंत्र उच्चारण करें. अंत में आरती करें. पूजा के दौरान पान, सुपारी और कुछ दक्षिणा रखें जिसे बाद में पंडित को दान में कर दें.