Aaj ka Panchang 9 September Hartalika Teej Live: आज हरतालिका व्रत, प्रेग्नेंट महिलाएं ऐसे रखें व्रत, जानें व्रत से जुड़ी अहम जानकारी
Aaj ka Panchang Today 9 September 2021 Hartalika Teej Vrat Live updates: आज भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है. अखंड शौभाग्यावती होने के लिए महिलाएं इस तिथि को हरतालिका तीज व्रत रखती हैं.
- सुबह का मुहूर्त- 9 सितंबर को सुबह 06 बजकर 03 मिनट से सुबह 08 बजकर 33 मिनट तक हरतालिका तीज की पूजा का शुभ मुहूर्त है. महिलाएं इस दौरान पूजा करके व्रत और पून का संकल्प ले सकती है.
- प्रदोष काल पूजा मुहूर्त- पूरे दिन निर्जला और निराहार व्रत रखकर शाम को 06 बजकर 33 मिनट से रात 08 बजकर 51 मिनट के बीच भगवान शिव और पार्वती की पूजा कर सकती हैं. इस समय अति महत्वपूर्ण योग रवियोग भी बन रहा है.
भाद्र मास की तृतीया तिथि के साथ चतुर्थी तिथि और हस्त नक्षत्र के मिलने पर हरितालिका तीज व्रत उत्तम माना जाता है. व्रत तृतीया तिथि को होने के कारण इसे ‘तीज कहा गया. पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी पार्वती के पिता हिमवान भगवान विष्णु के साथ पार्वती जी की शादी करना चाहते थे. परंतु यह देवी पार्वती जी को पसंद नहीं था. इसलिए देवी पार्वती जी की सखियां उन्हें भगाकर जंगल में लेकर चली गयीं. इसलिए इस व्रत का नाम हरितालिका पड़ा.
गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए हरतालिका तीज व्रत निर्जला और निराहार व्रत रखना बहुत ही कठिन होगा. ऐसे में वे चाहें तो व्रत में कुछ पेय पदार्थ लेती रहें. या फिर व्रत का उद्यापन करने के बाद घर सास या देवरानी को व्रत दे सकती हैं. धर्म शास्त्रों के अनुसार, पत्नी के बदले व्रत को पति भी रख सकता है.
- राहुकाल- आज 9 सितंबर को दोपहर 12 बजे से 01 बजकर 30 मिनट तक.
- यमगंड- आज गुरुवार को सुबह 07 बजकर 30 मिनट से 09 बजे तक.
- गुलिक काल- गुरुवार को सुबह 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक.
- दुर्मुहूर्त काल- आज 9 सितंबर को दोपहर 11 बजकर 53 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक.
- वर्ज्य काल- आज 9 सितंबर दिन बृहस्पतिवार को मध्यरात्रि 11 बजकर 50 मिनट से 01 बजकर 20 मिनट तक.
उमामहेश्वरसायुज्य सिद्धये हरितालिका व्रतमहं करिष्ये’
कात्यायिनी महामाये महायोगिनीधीश्वरी, नन्द-गोपसुतं देवि पतिं में कुरु ते नम:
गण गौरी शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकर प्रिया। मां कुरु कल्याणी कांत कांता सुदुर्लभाम्।।
जो महिलाएं आज 9 सितंबर को हरितालिका तीज का व्रत हैं, वे व्रत का पूजन शाम को 06:10 बजे से रात्रि 07:54 बजे के मध्य कर सकती है. इस समय हरितालिका तीज पूजा के लिए यह समय सर्वाधिक उत्तम है. यह सर्वार्थ सौभाग्य वृद्धि वाला मुहूर्त है.
जो महिलाएं आज 9 सितंबर को हरितालिका तीज का व्रत हैं, वे व्रत का पूजन शाम को 06:10 बजे से रात्रि 07:54 बजे के मध्य कर सकती है. इस समय हरितालिका तीज पूजा के लिए यह समय सर्वाधिक उत्तम है. यह सर्वार्थ सौभाग्य वृद्धि वाला मुहूर्त है.
- रवि योग: आज 9 सितंबर को दोपहर 02 बजकर 31 मिनट से अगले दिन प्रात: 06 बजकर 04 मिनट तक.
- अभिजित मुहूर्त: आज गुरुवार को दिन में 11 बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 43 मिनट तक.
- अमृत काल: आज 9 सितंबर को सुबह 08 बजकर 52 मिनट से सुबह 10 बजकर 22 मिनट तक.
- विजय मुहूर्त: दोपहर 02 बजकर 23 मिनट से दोपहर 03 बजकर 13 मिनट तक.
- सूर्योदय और सूर्यास्त: आज 9 सितंबर बृहस्पतिवार को सूर्योदय प्रात:काल 6 बजकर 3मिनट पर हुआ है, वहीं सूर्यास्त शाम को 06 बजकर 33 मिनट पर होगा.
- चंद्रोदय और चंद्रास्त: आज गुरवार के दिन का चंद्रोदय सुबह 8 बजकर 8 मिनट पर हुआ. चंद्रमा के अस्त होने का समय 9 सितंबर को शाम 8 बजकर 17 मिनट पर है.
- महीना, तिथि, पक्ष और दिन: भाद्रपद मास, शुक्ल पक्ष, तृतीया तिथि और गुरुवार
- आज का दिशाशूल: दक्षिण दिशा में
- आज का राहुकाल: आज 9 सितंबर को दोपहर 01:30 बजे से 03:00 बजे तक
- आज का पर्व एवं त्योहार: हरितालिका तीज
बैकग्राउंड
Aaj ka Panchang Today 9 September 2021 Hartalika Teej Vrat Live updates: हिंदी पंचाग के अनुसार, आज भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि और दिन बृहस्पतिवार है. इस तिथि को महिलाएं हरतालिका तीज का व्रत रखती हैं. कैलेंडर के अनुसार आज 9 सितंबर 2021 दिन गुरुवार है. हरतालिका तीज व्रत में महिलाएं अखंड सौभाग्यवती होने, पति के जीवन में सुख शांति और समृद्धि के लिए निर्जला और निराहार उपवास रखती हैं तथा भगवान शिव और पार्वती की पूजा –आराधना करती हैं.
हरतालिका तीज व्रत पूजा में विशेषकर माता पार्वती को सुहाग की सारी सामग्री अर्पित की जाती है. कन्याएं या अविवाहित लड़कियां भी इस व्रत को रख सकती हैं क्योंकि यह व्रत देवी पार्वती अविवाहित रहकर भगवान शिव को वर के रूप में प्राप्त करने के लिए यह व्रत रहते हुए कठोर तपस्या की थी. इस लिए कन्याएं मनचाहा वर पाने के लिए भी यह कठिन व्रत करती हैं.
आज गुरुवार है, गुरुवार के दिन भगवान विष्णु के साथ बृहस्पति देव कि की भी पूजा की जाती है. इससे कुंडली में व्याप्त गुरु दोष समाप्त हो जाते हैं.
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