Guru Purnima 24 July Live: आज गुरु पूर्णिमा पर करें इन 5 मंत्रों और उपायों का इस्तेमाल, बरसेगी गुरु कृपा, चमकेगी किस्मत

Aaj Ka Panchang, Today Guru Purnima 24 July Live Updates 2021: आज 24 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का पर्व पूरे देश में मनाया जा रहा है. आज सुबह 9 बजे से है राहुकाल, इस मुहूर्त में न करें पूजा.

एबीपी न्यूज Last Updated: 24 Jul 2021 01:56 PM
गुरु पूर्णिमा के 5 सरल उपाय, जिससे होगी गुरु की कृपा

  1. पढ़ाई में आ रही सभी प्रकार समस्या को दूर करने के लिए गुरु पूर्णिमा के पावन दिन पर गीता पाठ करें.

  2. पढ़ाई में सफलता लेने और बुद्धि की वृद्धि के लिए कृष्ण की विधिवत पूजा कर गाय की सेवा करें.

  3. कुंडली में गुरु दोष को दूर करने के लिए गुरु पूर्णिमा को बृहस्‍पति मंत्र "ऊं बृं बृहस्पतये नमः" का जप करें.

  4. गुरु पूर्णिमा के दिन सूर्य देव को जल चढ़ाने से सभी कार्यों में सफलता मिलती है. इससे जीवन में खुशहाली आएगी.

  5. गुरु पूर्णिमा को सच्चे मन से गुरु की पूजा से करने से गुरु के साथ-साथ भगवान की भी कृपी बरसती है.

गुरु पूर्णिमा पर पूजा के लिए  ये 5 विशेष मंत्र

  1. गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर:। गुरुर्साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:।।

  2. ॐ वेदाहि गुरु देवाय विद्महे परम गुरुवे धीमहि तन्नौ: गुरु: प्रचोदयात्।

  3. ॐ परमतत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नम:।

  4. ॐ गुं गुरुभ्यो नम:।

  5. ॐ गुरुभ्यो नम:।

गुरु पूर्णिमा पर गुरु पूजा के लिए ये हैं 5 शुभ मुहूर्त

  1. ब्रह्म मुहूर्त- प्रातः काल 04:15 बजे से 04:57 बजे तक

  2. अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12:00 बजे से 12:55 बजे तक

  3. विजय मुहूर्त- दोपहर बाद 02:44 बजे से  03:39 बजे तक

  4. गोधूलि मुहूर्त- शाम 07:03 बजे से 07:27 बजे तक

  5. अमृत काल- प्रातः काल 06:44 बजे से 08:13 बजे तक

गुरु पूर्णिमा का महत्व

भारतीय सभ्यता में गुरुओं का विशेष दर्जा दिया गया है. इनके महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हिंदू धर्म ग्रंथों में गुरु को गोबिंद {भगवान} से ऊंचा स्थान दिया गया है. क्योंकि गुरु ही भगवान की प्राप्ति का मार्ग बताता है जिस पर चलकर व्यक्ति अपने लोक और परलोक दोनों को सुन्दर बना पाता है. एक गुरु ही है, जो अपने शिष्य को गलत मार्ग पर जाने से रोकता है और उसे सही मार्ग बताता है और उसपर जाने के लिए प्रेरित करता है. इस वजह से गुरुओं के सम्मान में आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है.

गुरु पूर्णिमा पर करें भगवान विष्णु की अराधना

गुरु पूर्णिमा के इस पावन दिन पर गुरु की पूजा का विधान है. इसके साथ ही जो लोग आषाढ़ पूर्णिमा का व्रत रखते हैं.  वे  भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना करते हैं और सत्यनारायण व्रत कथा का पाठ करते हैं या सुनते हैं. उसके बाद गुरु जनों को, गरीब और जरूरत मंद लोगों को दान देते है. क्योंकि पूर्णिमा तिथि के दिन दान, तप और जप का विशेष महत्व होता है.

गुरु पूर्णिमा 2021: पूजा विधि

गुरु पूर्णिमा के पावन दिन पर प्रातःकाल घर की सफाई करके स्नानादि करके स्वच्छ व साफ़ कपड़ा धारण करें. यदि कपड़ा पीले रंग का हो तो उत्तम होगा. अब घर के पूजा पर जाकर गुरु पूजा का संकल्प लें. पूजा स्थल पर सफेद वस्त्र बिछाकर उसपर व्यास-पीठ का निर्माण करें और गुरु की प्रतिमा स्थापित करें.


अब उन्हेंचंदन, रोली, पुष्प, फल और प्रसाद आदि अर्पित करें. इसके बाद व्यासजी, शुक्रदेवजी, शंकराचार्यजी आदि गुरुओं को याद करके उनका आवाहन कर उनकी आरती और गुरु मंत्रों का जाप करें. जाप के मंत्र- 'गुरुपरंपरासिद्धयर्थं व्यासपूजां करिष्ये'

गुरु पूर्णिमा 2021 तिथि कब?

  • गुरु पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- शुक्रवार 23 जुलाई को सुबह 10:34 बजे

  • गुरु पूर्णिमा तिथि समाप्त- शनिवार 24 जुलाई को सुबह 08:06 बजे

बैकग्राउंड

Aaj Ka Panchang, Today Guru Purnima 24 July Live Updates 2021: पंचांग के अनुसार, आज आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है. आज 24 जुलाई 2021 दिन शनिवार है. आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा भी कहते हैं. इस दिन गुरु पूजा के साथ भगवान विष्णु और माता पार्वती की भी पूजा करते हैं. गुरु की पूजा करने से व्यक्ति में आदर और सम्मान के प्रति श्रद्धा भाव जागृत होते हैं. गुरु के पूजन और सम्मान से गुरु की कृपा प्राप्त होती है. जिस भी व्यक्ति पर गुरु की कृपा हो, उसे धन-दौलत, मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा आदि की कोई कमी नहीं होती है.


आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को वेदों के रचयिता वेद व्यास का जन्म हुआ था. इस लिए इसे गुरु पूर्णिमा के साथ ही व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं. महर्षि वेद व्यास जी को प्रथम गुरु की भी उपाधि दी जाती है, क्योंकि गुरु व्यास ने ही पहली बार मानव जाति को चारों वेदों का ज्ञान दिया था.



इन 5 मुहूर्त में ना करें गुरु पूर्णिमा की पूजा



  1. राहुकाल- सुबह 09 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक.

  2. यमगंड- दोपहर 01 बजकर 30 मिनट से 03 बजे तक.

  3. गुलिक काल- सुबह 06 बजे से 07 बजकर 30 मिनट तक गुलिक काल.

  4. दुर्मुहूर्त काल- सुबह 05 बजकर 38 मिनट से 06 बजकर 33 मिनट तक. इसके बाद 06 बजकर 33 मिनट से 07 बजकर 27 मिनट तक.

  5. वर्ज्य काल- शाम 04 बजकर 27 मिनट से 05 बजकर 57 मिनट तक.


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