Aaj ka Panchang 27 July Mangla Gauri Vrat Live: मंगला गौरी & अंगारकी संकष्टी चतुर्थी व्रत आज, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत कथा व महत्व
Aaj ka Panchang 27 July 2021 Mangla Gauri &Angarki Chaturthi Vrat Live Updates: पंचांग के अनुसार आज सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि दिन मंगलवार है. आज मंगला गौरी व अंगारकी चतुर्थी व्रत भी है.
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Aaj ka Panchang 27 July 2021 Mangla Gauri &Angarki Chaturthi Vrat Live Updates: हिंदी पंचांग के अनुसार, आज सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि, दिन मंगलवार और तारीख 27 जुलाई है. आज सावन का पहला मंगला गौरी व्रत और अंगारकी संकष्टी चतुर्थी व्रत भी है. मंगला गौरी व्रत में सुहागिन महिलाएं अपने अखंड सौभाग्यवती होने एवं संतान के सुखी होने के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं. कहीं- कहीं पर यह व्रत फलाहारी रखा जानें का विधान है.
मंगला गौरी और अंगारकी संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन माता पार्वती और उनके पुत्र गणेश भगवान की पूजा करते हैं. मां पार्वती महिलाओं को अखंड सौभाग्य वती होने का आशीर्वाद देती हैं और भगवान गणेश की कृपा से सभी कार्य बिना विघ्न के पूर्ण होते हैं. आज पंचक लगा हुआ है. आज शोभन योग रात 09:11 बजे तक है.
आज मंगलवार भी है. मंगलवार का दिन हनुमान पूजा के लिए अति उत्तम माना जाता है. चूंकि सावन मास चल रहा है. इस लिए सावन मास में भगवान शंकर से जुड़े सभी व्रत और त्योहार की भी पूजा के यह उत्तम होता है.
आज का पंचांग
- मास, पक्ष, तिथि और दिन: श्रावण मास, कृष्ण पक्ष, चतुर्थी तिथि, मंगलवार
- आज का दिशाशूल: उत्तर दिशा
- आज का राहुकाल: आज 27 जुलाई को दोपहर 03:00 बजे से 04:30 बजे तक.
- आज का पर्व एवं त्योहार: श्री गणेश चतुर्थी व्रत, मंगला गौरी व्रत.
- विशेष: पंचक.
मंगला गौरी व्रत महत्व
मान्यता है कि मंगला गौरी व्रत रखने से सुहागिनों को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही पति को दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है. शास्त्रों के अनुसार, इस व्रत को शुरू करने के बाद कम से कम पांच बार रखा जाता है. जो चाहे इसे 7, 9 या 11 बार रख सकता है. इस साल सावन में 4 मंगलवार पड़ेंगे. सावन के आखिरी मंगला गौरी व्रत को उद्यापन का विधान है.
अंगारकी संकष्टी चतुर्थी का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अंगारकी संकष्टी चतुर्थी के दिन श्रीगणेश भगवान की विधि पूर्वक पूजा-उपासना करने से भक्तों की सभी बाधाएं दूर होती हैं. हिंदू धर्म शास्त्रों में भगवान श्रीगणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है. इनकी पूजा- अर्चना करने से भक्त के सभी कष्ट दूर होते हैं. धन-दौलत में वृद्धि होती है.
कब खत्म होता है अंगारकी संकष्टी चतुर्थी व्रत
धार्मिक मान्यता है कि संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन करना शुभ होता है. पूरा दिन व्रत रखकर रात में चंद्र दर्शन करें उसके बाद चंद्रमा को अर्घ्य दें. इसके बाद ही यह व्रत पूर्ण माना जाता है.
पूजा विधि
पूजा करने दिन सबसे पहले स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें. अब पूजा स्थल पर उत्तर या पूर्व दिशा में मुख करके बैठ जाएँ. साफ आसन या चौकी पर भगवान श्रीगणेश, माता पार्वती और भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करें. अब भगवान श्रीगणेश सहित सभी देवी देवताओं की धूप-दीप से पूजा-अर्चना करें. पूजा के दौरान ॐ गणेशाय नमः या ॐ गं गणपते नमः मंत्रों का जाप करें. लड्डू या तिल से बने मिष्ठान का भोग लगाएं. अंत में आरती करे. मीठा को प्रसाद के रूप में बांटें. शाम को व्रत कथा पढ़कर और चांद को अर्घ्य देकर व्रत खोलें और गरीब एवं जरूरत मंद लोगों को दान दें.
आज के शुभ मुहूर्त
- विजय मुहूर्त- आज 27 जुलाई 2021 को दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से 03 बजकर 38 मिनट तक.
- अमृत काल- आज सुबह तड़के 02:35 से 04:13 तक
- ब्रह्म मुहूर्त- अगले दिन यनी 28 जुलाई को सुबह 04:16 से 04 बजकर 58 मिनट तक.
- अभिजीत मुहूर्त- आज दोपहर 12 बजे से 12:55 तक.
- निशीथ काल- मध्यरात्रि 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 49 मिनट तक.
- गोधूलि बेला- आज 27 जुलाई को शाम 7:02 से 07:26 तक