Aarti Kunj Bihari ki: 30 अगस्त यानि आज देशभर में जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया जा रहा है. आज भगवान श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना करने और उनका आर्शीवाद प्राप्त करने का दिन है. इस दिन कृष्ण भक्त भगवान श्री कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए उपवास रखते हैं, पूरे विधि-विधान से उनकी पूजा-अर्चना करते हैं. इस दिन कोई निर्जला व्रत रखता है, तो कोई भगवान को छपन्न भोग लगाने की तैयारी करता है. पूर्ण विधि के साथ भगवान की  पूजा की जाती है. ऐसे में हर कोई चाहता है कि भगवान उनसे प्रसन्न होकर उनकी मनोकामना पूर्ण करें. कहा जाता है कि इस दिन पूरे विधि-विधान के साथ व्रत रखने और कुंज बिहारी की आरती करने से भगवान श्री कृष्ण प्रसन्न हो जाते हैं और भक्त की मनोकामना पूर्ण करते हैं. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन ये आरती जरूर करनी चाहिए.


आरती श्री कृष्ण भगवान की- (Aarti shri krishna bhagwan ki)


आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥


गले में बैजंती माला,
बजावै मुरली मधुर बाला ।
श्रवण में कुण्डल झलकाला,
नंद के आनंद नंदलाला ।
गगन सम अंग कांति काली,
राधिका चमक रही आली ।
लतन में ठाढ़े बनमाली
भ्रमर सी अलक,
कस्तूरी तिलक,
चंद्र सी झलक,
ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की...॥


कनकमय मोर मुकुट बिलसै,
देवता दरसन को तरसैं ।
गगन सों सुमन रासि बरसै ।
बजे मुरचंग,
मधुर मिरदंग,
ग्वालिन संग,
अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की...॥


जहां ते प्रकट भई गंगा,
सकल मन हारिणि श्री गंगा ।
स्मरन ते होत मोह भंगा
बसी शिव सीस,
जटा के बीच,
हरै अघ कीच,
चरन छवि श्रीबनवारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की...॥


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