हिंदू धर्म की महिमा उसके उद्गम के बारे में बताने के लिए कई पौराणिक ग्रंथ और पुराण मौजूद हैं. जिनमें से एक है शिव पुराण. शिव पुराण में शिवजी को ही सर्वोपरि मानकर उनकी महिमा का बखान किया गया है. इसी शिव पुराण में ये भी बताया गया है कि महादेव ने हर देवता को किसी खास कार्य की जिम्मेदारी दी है. आइए बताते हैं किस देव को मिला है कौन सा कार्य 

ब्रह्माजी

इन्हे सृष्टि की रचना का कार्यभार सौंपा गया है. सृष्टि में कुछ नया घटता है या होता है तो उसकी जिम्मेदारी ब्रह्माजी के कंधों पर ही है. त्रिदेवों में से एक ब्रह्माजी सृष्टि के रचयिता हैं.

विष्णु

त्रिदेवों के एक देव भगवान विष्णु सृष्टि के पालनहार हैं. इस सृष्टि पर जो भी प्राणी हैं उनके पालन की जिम्मेदारी  भगवान विष्णु को ही सौंपी गई है. लेकिन इनका कार्य सिर्फ सृजन ही नहीं है बल्कि बुरी शक्तियों का संहार करना भी है. इन्होंने कई बार अलग अलग रूपों में दुष्टों का संहार किया है. 

चंद्रदेव

इन्हें अपनी अमृतरूपी किरणों से जड़ी बूटियों में जान डालने की जिम्मेदारी शिव पुराण के अनुरूप भगवान शिव ने सौंपी है. कहते हैं इनकी किरणें अमृत के समान होती हैं. 

इंद्रदेव

राक्षसों का का नाश करना हो या फिर देवताओं की रक्षा इसका पूरा कार्यभार भगवान शिव ने राजा इंद्र को ही सौंपा है. 

कुबेर देव

कुबेर देव को धन का रक्षक कहा जाता है. कहते हैं कुबरे मां लक्ष्मी के अपार खजाने की रक्षा करते हैं. इसीलिए जब भी मां लक्ष्मी की पूजा होती है तो कुबेर की पूजा निश्चित रूप से की जाती है. खासतौर से दीवाली के दिन.

शेषनाग

पुराणों में कहा गया है कि शेषनाग पृथ्वी के पूरे भार को अपने माथे पर उठाए हुए हैं. वो भी भगवान शिव की आज्ञा से. 

सूर्य देव

शिवपुराण के मुताबिक सूर्यदेव जगत को ऊर्जा देते हैं. और बारिश कराने का जिन्मा इन्हें ही सौंपा गया है. 

वरुण देव 

जल के देवता वरुण देव को बनाया गया है. जो सृष्टि मे केवल जल की रक्षा ही नहीं करते हैं बल्कि जल में रहने वाले जीवों का भी पालन करते हैं. 

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