नई दिल्लीः आचार्य चाणक्य की तमाम नीतियां जो वो सालों पहले कह और लिख गए वो बातें आज भी आप पढें- सुनें तो लगता है कि उनकी कही- लिखी एक-एक बात कितनी सटीक है. आचार्य चाणक्य वो शख्स थे जिन्होंने अपनी नीतियों और सूझ-बूझ के दम पर चंद्रगुप्त को सम्राट चन्द्रगुप्त बनाया था. उनके राजनीति शास्त्र और अर्थशास्त्र पर लिखी किताबों को उन विषयों पर लिखी बेहद अहम किताबें माना जाता है.


आज आपको बताते हैं आचार्य चाणक्य की वो 6 बातें जो किसी भी इंसान को अपने जीवन में याद रखनी चाहिए. इन बातों को जहन में रख कर वो अपनी जिंदगी में आने वाली कई कठिनाइयों से पार पा लेगा.


जो बीत गया, सो बीत गया
आचार्य चाणक्य ने कहा है जिंदगी में सुख- शांति चाहते हैं तो जो बात बीत गई उसे भूल जाएं. जीवन में आगे बढ़ते रहने के लिए ये बहुत जरुरी है. पुरानी गलत बातों को याद कर आप अपने जीवन में महज दुख पाएंगे. पुरानी बातों को छोड़कर वर्तमान को संभालें और भविष्य को बेहतर बनाने की दिशा में काम करें.


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बुरे तरीके से धन ना कमाएं
आचार्य चाणक्य की मानें तो अपने चारित्र का हनन कर कमाया गया धन किसी काम का नहीं. ऐसे धन की आवश्यकता नहीं जिसे यातना झेल कर कमाया गया हो. सदाचार का त्याग कर कमाए गए धन से आपका भला कभी नहीं होगा. जिस धन को कमाने के लिए शत्रु की चापलूसी करनी पड़े वो किसी काम का नहीं.


कांटों और दुष्टों से बचने के उपाय
कांटों से बचने के लिए पैर में जूते पहनें और दुष्ट लोगों को इतना शर्मसार करें कि वो आपसे दूर हो जाएं. आपके पास फटकने की उनकी हिम्मत ना हो.


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लक्ष्मी कैसे आएंगीं पास
आचार्य चाणक्य के मुताबिक लक्ष्मी उनसे कोसों दूर चली जातीं हैं. जिनके दांत साफ नहीं होते, जो अस्वच्छ कपड़े पहनते हैं, जो खूब खाना खाते हैं, जो कठोर शब्द बोलते हैं, जो सूर्योदय के बाद उठते हैं. ऐसे इंसान पर कभी लक्ष्मी की कृपा नहीं होती चाहे फिर वो कितने बड़े व्यक्तित्व का मालिक क्यों ना हो.


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अपनी आत्मा की अनुभूति जरुरी
वो इंसान जिसने चारों वेदों और सभी धर्म शास्त्रों को पढ़ा है और उसका ज्ञान रखता है लेकिन उसे अपने ही आत्मा की अनुभूति ना हुई हो तो वो इंसान उस चमचे की तरह है जिसने तमाम तरह के पकवानों को हिलाया तो है लेकिन स्वाद किसी का नहीं चखा.


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अपनी कमजोरी ना प्रदर्शित करें
आचार्य चाणक्य ने कहा है कि अगर कोई सांप जहरीला नहीं है तब भी वो फुफकारना नहीं छोड़ता. उसी तरह कमजोर इंसान को भी हर वक्त अपनी कमजोरी का प्रदर्शन नहीं करना चाहिए.