Adhik Maas 2023 Date: हर 3 साल में एक बार अधिकमास आता है. इस बार 19 साल बाद सावन में अधिकमास का संयोग बना है. 18 जुलाई 2023 से अधिकमास की शुरुआत होगी और इसका समापन 16 अगस्त 2023 को होगा. अधिकमास भगवान विष्णु का प्रिय महीना है, यही वजह है कि इसे पुरुषोत्तम और मलमास भी कहा जाता है.
पुरुषोत्तम भगवान विष्णु का ही एक नाम है. मान्यता है कि अधिकमास में की गई पूजा-पाठ, यज्ञ, व्रत-उपवास अन्य महीनों के मुकाबले 10 गुना फलदायी होते हैं. आइए जानते हैं अधिकमास के व्रत-त्योहार की लिस्ट.
अधिकमास 2023 व्रत-त्योहार (Adhik Maas 2023 Vrat Festival List)
18 जुलाई 2023 (मंगलवार) | अधिकमास शुरू, मंगला गौरी व्रत |
21 जुलाई 2023 (शुक्रवार) | विनायक चतुर्थी |
24 जुलाई 2023 (सोमवार) | सावन सोमवार |
25 जुलाई 2023 (मंगलवार) | मंगला गौरी व्रत |
29 जुलाई 2023 (शनिवार) | पद्मिनी एकादशी |
30 जुलाई 2023 (रविवार) | रवि प्रदोष व्रत |
31 जुलाई 2023 (सोमवार) | सावन सोमवार |
1 अगस्त 2023 (मंगलवार) | अधिकमास पूर्णिमा व्रत, मंगला गौरी व्रत |
2 अगस्त 2023 (बुधवार) | पंचक शुरू |
4 अगस्त 2023 (शुक्रवार) | विभुवन संकष्टी चतुर्थी |
7 अगस्त 2023 (सोमवार) | सावन सोमवार |
8 अगस्त 2023 (मंगलवार) | मंगला गौरी व्रत, कालाष्टमी |
12 अगस्त 2023 (शनिवार) | पुरुषोत्तम एकादशी |
13 अगस्त 2023 (रविवार) | रवि प्रदोष व्रत |
14 अगस्त 2023 (सोमवार) | अधिकमास मासिक शिवरात्रि, सावन सोमवार |
15 अगस्त 2023 ( मंगलवार) | मंगला गौरी व्रत |
16 अगस्त 2023 (बुधवार) | अधिकमास अमावस्या |
कैसे पड़ा अधिकमास का नाम पुरुषोत्तम मास ? (Purushottam maas Significance)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अधिकमास में सूर्य संक्रांति नहीं होती है, संक्रांति न होने से ये महीना मांगलिक कार्यों के ठीक नहीं रहता है, यही वजह है कि इसे मलिन या मलमास कहा गया है. हिंदू कैलेंडर के सभी महीने अलग-अलग स्वामी देवता को समर्पित हैं लेकिन अधिकमास मलिन होने की वजह से कोई भी देवता इसका स्वामी नहीं बनना चाहता था, इसके बाद विष्णु जी इस महीने के स्वामी बन गए और अपना सर्वश्रेष्ठ नाम पुरुषोत्तम भी इस महीने को दिया.
Hariyali Amavasya 2023: हरियाली अमावस्या पर इस तरह लगाएं पौधें, नाराज पितर हो जाएंगे प्रसन्न
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.