Adhik Maas 2020: हिन्दू धर्म में अधिक मास को बहुत पवित्र महीना माना जाता है. इस वर्ष अधिक मास 18 सितंबर से शुरू होकर 16 अक्टूबर तक चलेगा. इस अधिक मास में पूजा-पाठ और दान करना श्रेष्ठ माना गया है. कहा भी जाता है कि मलमास या अधिक मास में किए जाने वाले पूजा-पाठ और दान का 10 गुना अधिक फल मिलता है. उसमें भी अधिक मास में दीपदान करना और भी अधिक फलदाई माना गया है.


कैसे करें दीपदान?


दीपदान का मतलब होता है कि किसी योग्य स्थान पर श्रद्धा और नियम पूर्वक दीपक को जलाना. इसके तहत वह योग्य स्थान कुछ भी हो सकता है. जैसे नदी का किनारा, पीपल के पेड़ के नीचे या किसी मंदिर में भगवान के आगे कहीं भी पूरी श्रद्धा के साथ दीपक जला सकते हैं.


अधिक मास में दीपदान करने का यह है महत्व:
हमारे हिन्दू धर्मशास्त्रों में अधिक मास में दीपदान का बहुत अधिक महत्व बताया गया है. ऐसी मान्यता है कि पूरे अधिक मास के दौरान दीपदान करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. उसमें भी अधिक मास की अमावस्या और पूर्णिमा को किए जाने वाले दीपदान को और भी अधिक फलदाई माना जाता है. जैसे-




  1. अधिक मास में दीपदान करने से हमारे ऊपर भगवान की कृपा होती है और हमारे मित्र और सगे सम्बन्धी भी प्रसन्न होते हैं.

  2. अधिक मास में दीपदान करने से जीवन की सभी समस्याएं या परेशानियां दूर हो जाती हैं.

  3. अधिक मास में दीपदान करने से मनुष्य के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि कायम रहती है.

  4. अधिक मास में दीपदान करने से व्यापार में वृद्धि के साथ ही साथ सूझ-बूझ और समझ में भी वृद्धि होती है.

  5. हमारे हिन्दू धर्म में चूंकि दीपक को ज्ञान या प्रकाश का द्योतक और हर तरह की अज्ञानता या अन्धकार को ख़त्म करने वाला माना जाता है इसलिए भी हमारे लिए दीपदान का विशेष महत्व होता है.