Adhik Maas Amavasya 2023: अधिकमास अमावस्या आज, जानें स्नान-दान मुहूर्त, इन चीजों के दान से दूर होंगे कष्ट
Adhik Maas Amavasya 2023 Date: अधिकमास अमावस्या 16 अगस्त 2023 को है. इस बार अधिकमास अमावस्या पर कुछ खास उपाय कर तमाम दोषों से मुक्ति पाकर जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं.
Adhik Maas Amavasya 2023 Date: अधिकमास अमावस्या 16 अगस्त 2023 को है. इस दिन सावन के अधिकमास का समापन हो जाएगा. अधिकमास की पूर्णिमा और अमावस्या ज्यादा खास मानी जाती है, इस दिन किए गए उपाय, दान, स्नान, पूजा, जप, तप कई सालों तक पुण्य फल देते हैं.
अधिकमास 3 साल में एक बार आता है ऐसे में इस बार अधिकमास अमावस्या पर कुछ खास उपाय कर तमाम दोषों से मुक्ति पाकर जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं. आइए जानते हैं अधिकमास अमावस्या का मुहूर्त, पूजा विधि और उपाय.
अधिकमास अमावस्या 2023 मुहूर्त (Adhik Maas Amavasya 2023 Muhurat)
अधिकमास अमावस्या तिथि शुरू - 15 अगस्त 2023, दोपहर 12:42
अधिकमास अमावस्या तिथि समाप्त - 16 अगस्त 2023, दोपहर 03.07
- स्नान-दान समय - सुबह 04.20 - सुबह 05.02
- लाभ (उन्नति) - सुबह 06:20 - सुबह 07:55
- अमृत (सर्वोत्तम) - सुबह 07:55 - सुबह 09:31
- शुभ (उत्तम) - सुबह 11:07 - दोपहर 12:43
- शाम का मुहूर्त - शाम 05:30 - रात 07:06
अधिकमास अमावस्या का दान (Adhik Maas Amavasya Daan)
- वस्त्र - अधिकमास अमावस्या पर पितरों का ध्यान करके धोती, गमछा, आदि वस्त्रों का ब्राह्मणों को दान करें. मान्यता है इससे पितृदोष से मुक्ति मिलती है.
- दीप दान - पुराणों में कहा गया है कि अधिकमास अमावस्या की रात नदी में दीपदान करने से यमराज प्रसन्न होते हैं, मृत्यु के बाद यमलोक की यातनाएं नहीं सेहनी पड़ती.
- अन्न - अधिकमास अमावस्या के दिन चावल, आटा, शक्कर, दूध, घी जरुरतमंदों को दान करने से जीवन के कष्ट दूर होते है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
अधिकमास अमावस्या पूजा विधि (Adhik Maas Amavasya Puja vidhi)
अधिकमास अमावस्या के दिन सूर्योदय से पवित्र नदी में या घर में ही नदी के जल से स्नान करें. सूर्य और तुलसी को जल चढ़ाएं. दोपहर में पितरों के निमित्त तर्पण और श्राद्ध कर्म करें. सुहागन महिलाएं पति की दीर्घायु की कामना करते हुए इस दिन पीपल के वृक्ष में की पूजा और परिक्रमा करती हैं. पितरों के नाम से दान करें. शाम को घर में दक्षिण दिशा में सरसों के तेल का दीपक लगाएं, इससे सुख-शांति आती है. अमावस्या तिथि के समापन से पहले तुलसी की माला से 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करें, इससे अमावस्या जनित दोष दूर होते हैं.
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