Adhik Maas 2020: भगवान विष्णु की पूजा में नहीं करना चाहिए इन चीजों का इस्तेमाल
भगवान विष्णु की पूजा पूरे विधि विधान से करनी चाहिए. इस बात का पूरा ध्यान रखना चाहिए कि पूजा में क्या शामिल करना क्या नहीं.
भगवान विष्णु अधिक मास के स्वामी माने जाते हैं. पुरुषोत्तम भगवान विष्णु का ही एक नाम है. इसीलिए अधिकमास को पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि इस मास में भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
बता दें हिंदू धर्म में अधिक मास का विशेष महत्व है. इसे मल मास और पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाता है. यह अधिकमास 18 सितंबर 2020 से शुरू हो चुका है जबकि 16 अक्टूबर 2020 तक यह चलेगा.
भगवान विष्णु की पूजा पूरे विधि विधान से करनी चाहिए. इस बात का पूरा ध्यान रखना चाहिए कि पूजा में क्या शामिल करना क्या नहीं. यहां हम ऐसी ही चीजों के बारे में बता रहे हे.
भगवान विष्णु की पूजा में इन चीजों का ना करें प्रयोग
- अगस्त्य का फूल, माधवी और लोध के फूल
- दूसरों से मांगे हुए या चुराए हुए फूलों या जमीन पर गिरे हुए फूलों का प्रयोग वर्जित है
- अशुद्ध, बासी और कीड़ों के खाए हुए कटे-फटे, फूल और पत्ते
- विष्णु जी की मूर्ति पर अक्षत यानी चावल नहीं चढ़ाएं
पूजा में इनका करें प्रयोग
- मालती, केवड़ा, चंपा, कमल, गुलाब, मोगरा, कनेर और गेंदे के फूल
- जाती, पुन्नाग, कुंद, तगर और अशोक वृक्ष के फूल
- तुलसी, शमी पत्र, बिल्वपत्र और दूर्वा यानी दूब
- भृंगराज, खेर, कुशा, दमनक यानी दवना और अपामार्ग यानी चिरचीटा के पत्ते
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