Adhimas 2020: आज यानी कि 18 सितंबर 2020 से मलमास की शुरुआत हो चुकी है. जिस तरह से पितृपक्ष का समय पितरों का समय होता है और इस दौरान किए जाने वाले सभी कार्य पितरों को समर्पित होते हैं वैसे ही एक महीने के मलमास का यह समय पूजा-पाठ का समय होता है. इस एक महीने के मलमास के दौरान भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है. चूंकि भगवान विष्णु ने इस महीने को अपना नाम दिया था जिसकी वजह से इसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है.


इसलिए मलमास का यह समय भगवान विष्णु की भक्ति के लिए समर्पित माना जाता है. इस मलमास में किए जाने वाले ऐसे 8 कार्य हैं कि जिनको करने से हमें भगवान श्रीहरि का आशीर्वाद मिलता है और हमें परमसुख की प्राप्ति होती है. आइए जानें मलमास में किए जाने वाले इन 8 कार्यों के बारे में-




  1. इस एक माह के मलमास में पड़ने वाले दोनों एकादशी के दिन भगवान विष्णु को ऐसी खीर का भोग लगाना चाहिए जिसमें तुलसी की पत्ती डाली गयी हो.




  1. ऐसी मान्यता है कि पीला रंग भगवान विष्णु को अत्यधिक पसंद है. इसलिए मलमास के इस महीने में भगवान विष्णु को पीले रंग की ही वस्तुएं ही चढ़ाना चाहिए. जैसे कि पीले पुष्प, पीले फल, पीले वस्त्र आदि. जिसे बाद में दान कर देना चाहिए.

  2. भगवान विष्णु को तुलसी अधिक प्रिय होने के कारण पूरे मलमास में गाय के घी के दीपक तुलसी के पेड़ के सामने जलाना चाहिए. दीपक जलाने के बाद ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ मंत्र का जप करते हुए तुलसी के पेड़ की 11 बार परिक्रमा करना चाहिए.

  3. पूरे मलमास के समय ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करने के बाद केसर युक्त दूध से भगवान विष्णु का अभिषेक करना चाहिए इसके बाद ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ मंत्र का 11 बार जाप करना चाहिए.

  4. पूरे मलमास के दौरान पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना चाहिए और गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए क्योंकि पीपल के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास माना जाता है.

  5. पूरे मलमास की अवधि में रोज सूर्य भगवान को जल चढ़ाना चाहिए. जल चढ़ाते समय भगवान विष्णु का ध्यान करते रहना चाहिए.

  6. ऐसा कहा गया है कि मलमास की अवधि के दौरान दक्षिणवर्ती शंख की पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने से भगवान विष्णु के साथ ही साथ माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद मिलता है.

  7. मलमास की नवमी तिथि को कन्याओं को भोजन करवाने से भी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.