Ahoi Ashtami 2021: संतान प्राप्ति और उनकी लंबी आयु के लिए रखा जाने वाला व्रत कब? जानें मुहूर्त और व्रत कथा
Ahoi Ashtami 2021: हिंदू धर्म में माताओं के द्वारा रखा जाने वाला अहोई अष्टमी व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण होता है.
Ahoi Ashtami 2021: हिंदू धर्म में माताओं के द्वारा रखा जाने वाला अहोई अष्टमी व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. अहोई व्रत पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है. इस साल अहोई अष्टमी व्रत (Ahoi Ashtami On 28th October) 28 अक्टूबर दिन गुरुवार को रखा जाएगा. इस दिन महिलाएं, माता अहोई, भगवान शंकर और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा करती है और संतान प्राप्ति और उनकी लंबी आयु के लिए मां से प्रार्थना भी करती हैं. अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami On 28th October) का व्रत करवा चौथ (Karwa Chauth) के तीन दिन बाद रखा जाता है. इस दिन महिलाएं सुबह से ही निर्जला व्रत रखती हैं और रात को तारों को अर्घ्य देकर व्रत पारण किया जाता है.
अहोई अष्टमी व्रत कथा (Ahoi Ashtami 2021 Vrat Katha)
एक शहर में एक साहूकार अपने 7 लड़कों के साथ रहता था. एक बार साहूकार की पत्नी दिवाली के दिन अपना घर लीपने के लिए अष्टमी तिथि मिट्टी लेने गई. जैसे ही उसने कुदाल चलाई. वह कुदाल साही के मांद पर लगी. इससे साही का बच्चा मर गया. इससे साहूकार की पत्नी को बड़ा पश्चाताप हुआ. इसके बाद एक-एक करके साहूकार के सातों लड़के मर गए. इसे साहूकार और उसकी पत्नी शोक में रहने लगी. एक दिन साहूकार की पत्नी आने अपने पड़ोसी औरत से अपनी व्यथा बताई.
तब पडोसी औरत ने कहा कि तुम अहोई अष्टमी का व्रत रखो और उस दिन साही और उसके बच्चों का चित्र बनाकर मां भगवती की पूजा करो और क्षमा याचना करो. इससे तुम्हारे सारे पाप और कष्ट मिट जाएंगे. ऐसा सुनकर साहूकार की पत्नी हर साल कार्तिक मास की अष्टमी को मां अहोई की पूजा और व्रत करने लगी. माता रानी की कृपा से साहूकार की पत्नी फिर से गर्भवती हुई. और उसको सुंदर बच्चा हुआ. इस प्रकार उसके कई साल बाद उसके फिर से सात बेटे हुए. तभी से अहोई अष्टमी व्रत की परंपरा चली आ रही है.
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