Ahoi Ashtami 2023 Date: अहोई अष्टमी का व्रत 5 नवंबर 2023 को रखा जाएगा. मान्यता है कि इस व्रत को रखने से संतान पर आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं. स्त्रियां ये व्रत संतान सुख और उनके उज्जवल भविष्य के लिए भी रखती हैं. इस दिन माता पार्वती के रूप अहोई माता की पूजा की जाती है.
शाम को तारे के दर्शन के बाद इस व्रत को तोड़ने का महत्व है. कहते हैं कि अहोई अष्टमी के दिन व्रत कथा सुनने मात्र से संतान संबंधी हर कामना पूरी होती है. जानें अहोई अष्टमी की कथा.
अहोई अष्टमी 2023 मुहूर्त (Ahoi Ashtami 2023 Muhurat)
- अहोई अष्टमी डेट - 5 नवंबर 2023
- अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त - शाम 05.33 - शाम 06:52 (5 नवंबर 2023)
- तारों को देखने का समय - शाम 05:58 (5 नवंबर 2023)
- चंद्रोदय समय - प्रात: 12.02, 6 नवंबर (अहोई अष्टमी का चंद्रमा देर से उदित होता है)
अहोई अष्टमी व्रत कथा (Ahoi Ashtami Vrat Katha)
प्राचीन काल में किसी नगर में एक साहूकार रहता था. उसके सात लड़के थे. दीपावली से पहले साहूकार की स्त्री घर की रंगाई के लिए मिट्टी लेने खदान में गई और कुदाल से मिट्टी खोदने लगी तब गलती से मिट्टी के अंदर मौजूद सेह का बच्चा उसके हाथों मर गया. अपने हाथ से हुई हत्या को लेकर साहूकार की पत्नी को बहुत दुख हुआ. वो पश्चाताप करती हुई अपने घर लौट आई.
सेह के बच्चे की हुई मृत्यु, ऐसे किया पश्चाताप
कुछ समय बाद साहूकार के पहले बेटे की मृत्यु हो गई, अगले साल दूसरा बेटा भी चल बसा इसी प्रकार हर वर्ष उसके सातों बेटों का निधन हो गया. एक दिन उसने अपने आस-पड़ोस की महिलाओं को विलाप करते हुए बताया कि उसने जानबूझ कर कभी कोई पाप नहीं किया, बस गलती से मिट्टी की खदान में मेरे हाथों एक सेह के बच्चे की मृत्यु हो गई थी.
ये सुनकर पड़ोस की वृद्ध औरतों ने साहूकार की पत्नी कहा कि पश्चाताप से तुम्हारा आधा पाप खत्म हो गया. अब तुम कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन सेह और सेह के बच्चों का चित्र बनाकर उनकी अराधना करो और क्षमा-याचना करो. इससे तुम्हारे सारे पाप धुल जाएंगे,
साहूकार की पत्नी ने ऐसा ही किया. हर साल वह नियमित रूप से पूजा और क्षमा याचना करने लगी. इस व्रत के प्रभाव से उसे सात पुत्रों की प्राप्ति हुई. तभी से अहोई व्रत की परम्परा प्रचलित हो गई.
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