Aja Ekasdashi 2021: अजा एकादशी का व्रत कल, सुबह उठकर ये कार्य करने से मिलता है कई यज्ञ जितना पुण्य, जानें पारण का शुभ मुहूर्त
हिंदू धर्म के अनुसार देशभर में अजा एकादशी (aja ekadashi) का व्रत कल यानि 3 सितंबर, शुक्रवार को रखा जाएगा. भाद्रपद के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को अजा एकादशी कहते हैं.
Aja Ekadashi 2021: हिंदू धर्म के अनुसार देशभर में अजा एकादशी (Aja Ekadashi) का व्रत कल यानि 3 सितंबर, शुक्रवार को रखा जाएगा. भाद्रपद के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को अजा एकादशी कहते हैं. इसे जया एकादशी (Jaya Ekadashi) या कामिका एकादशी (Kamika Ekadashi) के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु और तुलसी की पूजा की जाती है. इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ श्री कृष्ण और विष्णु के अन्य अवतारों की भी पूजा की जाने की परंपरा है. जया एकादशी पर सुबह और शाम दोनों समय तुलसी जी की पूजा की जाती है. ऐसा कहा जाता है कि विष्णु भगवान के साथ तुलसी की पूजा होना जरूरी है. भगवान विष्णु की पूजा और नेवेघ लगाते समय तुलसी का इस्तेमाल विशेषतौर से करना चाहिए. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार एकादशी की शाम को तुलसी के पात दीपक जलाकर मंत्रों का जाप करना चाहिए.
अजा एकादशी पर करें तुलसी पूजन (Aja Ekadashi Tulsi Pujan)
एकादशी पर सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करके भगवान विष्णु का व्रत और तुलसी पूजन (Tulsi Pujan on Aja Ekadashi) का संकल्प लेना चाहिए. सूर्योदय के बाद तुलसी में साफ जल चढ़ाएं. फिर तुलसी की पूजा करते हुए लाल फूल, गंध और लाल वस्त्र अर्पित करें. घी का दीपक जलाएं और फिर किसी भी फल का भोग लगाएं. तुलसी को सुबह जल चढ़ाते हुए तुलसी मंत्र अवश्य पढ़ें.
तुलसी मंत्र (tulsi mantra)
वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।
पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।
एतनामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।
य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलभेत।।
तुलसी दान से मिलेगा लाभ
एकादशी के दिन सुबह तुलसी और शालिग्राम पूजा के बाद तुलसी दान का भी संकल्प लेना चाहिए. इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करें. फिर गमले पर पीला कपड़ा इस तरह से लपेटें कि पूरा पौधा ढक जाए. इस तुलसी की पौधे को करीब के किसी कृष्ण या विष्णु मंदिर में दान करें. इतना ही नहीं, ग्रंथों में बताया गया है कि तुलसी के साथ फल और अन्नदान भी दान करना चाहिए. ऐसा करने से कई यज्ञ करने जितना पुण्य मिलता है. और सभी पाप नष्ट होते हैं और आपके द्वारा की गई गलतियां खत्म हो जाती हैं.
पारण का शुभ मुहूर्त (paran shubh muhurat)
व्रत खोलने के लिए पारण का समय 4 सितंबर 2021, शनिवार को सुबह 5:30 से सुबह 8:23 तक है. व्रत के दौरान पारण के शुभ मुहूर्त का भी ध्यान रखना जरूरी है.
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