Aja Ekadashi 2021: अजा एकादशी इस बार 3 सितंबर शुक्रवार को मनाई जाएगी. हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत की काफी मान्यता है. लोग काफी श्रद्धा पूर्वक एकादशी का निर्जला या फलाहार व्रत रखते हैं. एकादशी के व्रत में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि एकादशी के व्रत से सभी पापों का नाश होता है और मनोरथ पूर्ण होते हैं. लेकिन एकादशी के व्रत के नियमों का सख्ती से पालन किया जाना जरूरी है. एकादशी के व्रत में पारण का भी बहुत महत्व है. कहते हैं अगर पारण को सही समय और सही तरीके से न किया जाए तो एकादशी के व्रत का फल नहीं मिलता. इसलिए एकादशी का व्रत रखने से पहले पारण के बारे में पूरी जानकारी ले लेना जरूरी है.


क्या होता है पारण?
एकादशी के व्रत में पारण का विशेष महत्व बताया गया है. किसी भी उपवास के दूसरे दिन किया जाने वाला पहला भोजन पारण कहलाता है. इसे भी नियम पूर्वक करना जरूरी होता है. व्रत के दिन अगर ठीक रीति से पारण न करें तो व्रत का फल पूरा नहीं मिलता. जन्माष्टमी के व्रत को छोड़कर बाकि सभी व्रतों का पारण दिन में किया जाता है. पारण करने का भी सही समय होता है तो पारण करते समय उसे ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है.


कैसे किया जाता है पारण?
एकादशी के व्रत को खोलने के लिए उसके सही समय का पता होना भी जरूरी है. व्रत का पारण करने के लिए सुबह का समय सबसे उत्तम है. द्वादशी तिथि पर सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर लें. इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करें. पूजा के दौरान भगवान विष्णु को सच्चे दिल से याद करें और व्रत के दौरान की गई भूलों की क्षमा मांगे. पूजा करने के बाद ब्राह्मण को खाना खिलाएं और अपना व्रत खोलें. 


पारण में क्या खाएं
एकादशी का पारण अगर सही तरीके से न किया जाए, तो व्रत का फल नहीं मिलता. पारण करने के लिए सुबह सवेरे उठकर स्नान आदि करके भगवान का ध्यान किया जाता है. इसके बाद ब्राह्मण आदि को भोजन करवाया जाता है. पारण का भोजन सात्विक होना चाहिए. पारण के भोजन में प्याज, लहसुन, मांस आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए. इतना ही नहीं, पारण कांसे के बर्तन में नहीं करना चाहिए.


अजा एकादशी पारण समय


3 सितंबर को पड़ने वाली अजा एकादशी का व्रत खोलने के लिए पारण का समय 4 सितंबर 2021, शनिवार को सुबह 5:30 से सुबह 8:23 तक है.


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