Aja Ekadashi 2024 Parana Time: अजा एकादशी का व्रत भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रखा जाता है. इस व्रत को करने से व्यक्ति को सुख समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं अजा एकादशी व्रत कब रखा जाएगा और व्रत के पारण का समय.


अजा एकादशी को भाद्रपद मास की कृष्ण एकादशी(Krishna Ekadashi) भी कहते हैं. पद्म पुराण(Padam Puran) में अजा एकादशी को लेकर कहा गया है कि इस एकादशी को रखने से काफी पुण्य मिलता है.


जन्माष्टमी(Janamashtmi) के 4 दिन बाद आने वाली इस एकादशी का अपना महत्व होता है. पद्म पुराण में अजा एकादशी का व्रत रखने से जीवन में सुख की प्राप्ति होती है. ये व्रत रखने से सभी तरह की परेशानियों से छुटकारा मिलता है साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं इस व्रत से जुड़ी तारीख, महत्व और मुहूर्त 


अजा एकादशी व्रत, शुभ मुहूर्त (Aja Ekadashi Shubh Muhurat)
अजा एकादशी की शुरुआत हो चुकी है. उदयातिथि के अनुसार एकादशी का व्रत 29 अगस्त को रखा गया था. पंचांग अनुसार एकादशी की तिथि आरंभ हो चुकी है, 28 अगस्त को दोपहर 2 बजकर 52 मिनट से यह तिथि शुरू हुई थी.


अजा एकादशी व्रत पारण का वक्त (Aja Ekadashi Parana Time)
एकादशी व्रत में पारण का विशेष महत्व बताया गया है, मान्यता है कि यदि एकादशी व्रत का पारण नियम पूर्वक न किया जाए तो इस व्रत का पूर्ण लाभ प्राप्त नहीं होता है. पंचांग के अनुसार अजा एकादशी व्रत का पारण 30 अगस्त 2024 को प्रात: 7 बजकर 49 मिनट से प्रात: 8 बजकर 31 मिनट तक किया जा सकता है. इस दिन हरि वासर समाप्त होने का समय प्रात: 07 बजकर 49 मिनट रहेगा.


अजा एकादशी का महत्व(Aja Ekadashi Importance)
पद्म पुराण में कहा गया है कि जो व्यक्ति अजा एकादशी के व्रत को नियमपूर्वक करता है तो उसे सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है. अजा एकादशी के करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. माना जाता है कि इस व्रत को करने से अश्वमेध यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है. 


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