Akbar Birbal Ke Kisse in Hindi: सालों पहले भारत में एक मुगल सम्राट थे, जिन्हें बादशाह अकबर कहा जाता था. अकबर के शासन में नवरत्न थे, जिसमें बीरबल भी एक थे. बीरबल से अकबर पहली मुलाकात जंगल में हुई थी. अकबर जब रास्त भटक गए थे, तब बीरबल ने उन्हें सही रास्ता बताया था.
इसके बाद ही बीरबल अकबर के दरबार के विशेष सलाहकार बन गए. शुरुआत में बीरबल का नाम महेशदास था. अकबर ने महेशदास का नाम बदलकर बीरबल रख दिया. बीरबल बहुत चतुर और बुद्धिमान थे. अपने इसी गुण से बीरबल बड़ी से बड़ी समस्या का हल भी निकाल लेते थे.
अकबर बीरबल के किस्से: सवाल-जवाब
बीरबल ने चतुराई और बुद्धिमानी से बादशाह अकबर का दिल जीत लिया और बहुत कम समय में वो अकबर के खास बन गए. इससे अकबर के सभा के कई मंत्री और महामंत्री जला करते थे. यहां तक कि अकबर के साले साहब को भी बीरबल से खूब जलन थी. एक बार अबकर से साले ने बीरबल की परीक्षा लेने के लिए कुछ प्रश्न पूछने चाहे. अकबर ने इसके लिए अनुमति दे दी.
आसमान में कितने तारे हैं?
जब अकबर के साले ने यह सवाल किया तो दरबार में बीरबल से जलने वाले लोग बहुत खुश हो गए. क्योंकि उन्हें लगा बीरबल इस सवाब का कैसे जवाब दे पाएगा. बीरबल ने कहा, इसका जवाब तो बहुत आसान है. इसके लिए दरबार में एक भेड़ लाया जाए. इसके बाद अकबर ने दरबार में भेड़ को लाने का आदेश दिया. बीरबल ने कहा- जितने बाल इस भेड़ में हैं, उतने ही आसमान में तारे हैं. अगर किसी को भी संदेह है तो वह भेड़ के बाल और आसमान के तारे गिनकर तुलना कर ले. बीरबल की चतुराई देखकर अकबर मुस्कुराए.
धरती का केंद्र कहां है?
साले साहब का अगला था कि, धरती का केंद्र कहां है? सवाल सुनते ही बीरबल ने तुरंत जवाब दिया, जहां आप खड़े हैं, वही है धरती का केंद्र. दरबार में मौजूद सभी लोग जवाब को समझ नहीं पाए. इसके बाद बीरलब ने वहां एक रेखा खींच कर लोहे की छड़ी दबा दी जहां अकबर के साले खड़े थे और कहा यही धरती का केंद्र है. अगर किसी को मेरी बात पर यकीन नहीं है तो आप खुद धरती को माप सकते हैं. बीरबल की चतुराई देखकर सभी एक बार फिर से सोच में पड़ गए थे. इसके साले साहब ने बीरबल को एक पहली को सुलझाने के लिए कहा, जोकि तीसरे सवाल के तौर पर था.
एक परख है सुंदर मूरत, जो देखे वो उसी की सूरत,
फिक्र पहेली पाई न, बोझन लागा आई न.
बीरबल ने कुछ समय सोचने के बाद कहा, यह तो बहुत आसान पहेली है, जिसका उत्तर पहेली में ही है. इस पहेली का जवाब है ‘दर्पण’, दर्पण के सामने खड़ा इंसान एक सुन्दर मूरत है. दर्पण में उसे अपनी सूरत दिखाई देती है.
इस तरह से बीरबल ने अपनी बुद्धिमानी और चतुराई से अकबर के साले साहब के सभी सवालों का जवाब दे दिया और बादशाह अकबर एक बार फिर से बीरबल से बहुत खुश हो गए और अपने साले साहब से कहा- क्यों आपको आपके सभी सवालों के जवाब मिल गए न?
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