Akbar Birbal Ke Kisse in Hindi: हम सभी ने अकबर और बीरबल से जुड़ी कई किस्से-कहानियां सुनी हैं. अकबर और बीरबल राजा-मंत्री होने के साथ ही अच्छे दोस्त भी थे. बीरबल अपनी चतुराई और बुद्धि से अकबर की जटिल से जटिल समस्याओं का चुटकी में हल निकाल दिया करते थे.


आज आपको अकबर-बीरबल के किस्से में बताएंगे एक ऐसी कहानी के बार में, जिसमें बीरबल ने अपनी बुद्धिमानी से एक मां को उसके छोटे बच्चे से मिलवा दिया. इस काम के लिए सभी ने बीरबल की खूब सराहना की और राजा अकबर एक बार फिर से बीरबल की समझदारी के कायल हो गए.



अकबर बीरबल के किस्से: असली मां कौन है?


एक बार अकबर के दरबार में ऐसा मुकदमा आया, जिसे सुलझाने के लिए बड़ी मुश्किल पैदा हो गई और इस समस्या ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया. दरअसल अकबर के दरबार में दो महिलाएं रोती हुई पहुंची. दोनों महिलाओं के साथ एक 2 साल का बच्चा भी था. दरबार में दोनों महिलाएं रोते हुए दावा कर रही थी कि ये बच्चा उसका है. लेकिन समस्या यह थी कि दोनों महिलाएं गांव के बाहर रहती थी, जिस कारण गांव वालों में कोई उन्हें नहीं जानता था.ऐसे में यह बताना मुश्किल था कि, आखिर इस नन्हे बच्चे की असली मां कौन है?


असली मां कौन है?


 अकबर भी इस समस्या का समाधान नहीं ढूंढ पा रहे थे. वे समझ नहीं पा रहे थे कि कौन सी महिला झूठ बोल रही है और कौन सच. वहीं बच्चा भी बहुत छोटा था और वह कुछ बोल नहीं सकता था. ऐसे में अकबर के लिए न्याय करना बहुत मुश्किल हो गया था. इस बारे में अकबर ने दरबार में मौजूद सेनापति और दरबारियों की भी राय ली. लेकिन कोई भी इस परेशानी का हल नहीं कर सका. इस बीच बीरबल भी दरबार पहुंच गए. बीरबल को देख अकबर की आंखों में चमक आ गई. उन्हें भरोसा हो गया कि अब बीरबल ही इस समस्या का हल कर सकते हैं. 


जब बीरबल ने बुलाया जल्लाद


अकबर ने बीरबल को पूरी बात बताई और कहा, अब तुम ही इस समस्या का समाधान करो. कुछ समय सोचने के बाद बीरबल ने जल्लाद बुलाने को कहा. दरबार में जल्लाद को बुलाया गया. जल्लाद को बीरबल ने बच्चे के पास बैठा दिया और कहा कि, एक काम करो तुम इस बच्चे के दो टुकड़े कर दो और एक-एक टुकड़ा दोनों मांओं को दे दो. वहीं अगर ये बात जिस महिला को मंजूर नहीं होगी, जल्लाद उस महिला के दो टुकड़े कर देगा. यह बात सुनते ही एक महिला तुरंत बच्चे के टुकड़े करने की बात मान गई. उसने कहा कि, मुझे ये आदेश मंजूर है. मैं बच्चे का एक टुकड़ा लेकर चली जाऊंगी.


ऐसे हुई असली मां की पहचान


लेकिन दूसरी महिला बिलख-बिलख कर रोने लगी और उसने कहा कि, मुझे बच्चा नहीं चाहिए. आप मेरे दो टुकड़े कर दो लेकिन मेरे बच्चे को मत काटो. भले ही आप बच्चा दूसरी महिला को दे दीजिए. महिला से यह बात सुनते ही राजा समेत दरबार में मौजूद सभी लोग समझ गए कि, जो महिला बच्चे के कटने के कारण रो रही है वह निर्दोष है और जो बच्चे को काटने की बात पर राजी हो गई वह दोषी है. इसके बाद बीरबल ने तुरंत उस दोषी महिला को कैद करने को कहा. महिला ने भी अपनी गलती मान ली कि वह झूठ बोल रही थी. इसके बाद अकबर ने उसे जेल में डलवा दिया.


बीरबल की समझदारी के कायल हुए अकबर


जब अकबर ने बीरबल से पूछा कि तुम्हें कैसे पता चला कि, बच्चे की असली मां कौन है? बीरबल ने कहा, जाहंपनाह‍‍! मां सारी मुसीबतों को अपने सिर ले लेती है लेकिन वह बच्चे पर कभी आंच भी नहीं देती. इस बार भी ऐसा ही हुआ जो असली मां थी वो खुद के टुकड़े करवाने के लिए तैयार हो गई, भले ही उसका बच्चा दूसरी महिला के पास चला जाए, लेकिन उसने बच्चे पर आंच नहीं आने दिया. इस तरह से बीरबल की बात सुनकर अकबर एक बार फिर बीरबल की बुद्धि और समझदारी के कायल हो गए.


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