(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Akbar Birbal Ke Kisse: बीरबल की वजह से पकड़ा गया असली चोर, इस बार अकबर नहीं बीरबल की चतुराई से व्यापारी हुआ खुश
Akbar Birbal Ke Kisse: बीरबल अपनी चतुराई से हमेशा अकबर का दिल जीत लेते थे. लेकिन इस बार एक व्यापारी उसकी चतुराई से खुश हुआ. क्योंकि बीरबल ने असली चोर को पकड़कर व्यापारी का नुकसान होने से बचा लिया.
Akbar Birbal Ke Kisse in Hindi: हर मुश्किल समस्या का समाधान बीरबल पास होता था और ये बात बादशाह अकबर के साथ ही उनके दरबार के मंत्री से लेकर महामंत्रियों को भी अच्छे से मालूम थी. एक बार अकबर ने ऐसी ही मुश्किल समस्या का हल निकालने की जिम्मेदारी बीरबल को सौंप दी.
अकबर बीरबल के किस्से: बीरबल ने चोर को पकड़ा
हुआ यूं कि, अकबर के राज्य का ही एक व्यापारी किसी काम से कुछ दिनों के लिए प्रदेश से बाहर गया हुआ था. जब अपना काम खत्म करके वह घर पहुंचा, तो उसे अपनी पूरी तिजोरी खाली मिली. तिजोरी से पैसे-जेवर सभी कीमती चीजें गायब थी. एक झटके में उसकी सारी मेहनत की कमाई चोरी हो चुकी है. व्यापारी के घर पर 5 नौकर काम करते थे और सभी उसके घर पर ही रहते थे. व्यापारी ने तुरंत सारे नौकरों को आवाज लगाई. व्यापारी की आवाज सुनकर सारे नौकर उसके सामने खड़े हो गए.
अब तुम्हारा हिसाब बादशाह अकबर करेंगे...
व्यापारी ने उनसे पूछा, तुम लोगों के होते हुए घर में इतनी बड़ी चोरी कैसे हो गई? जब चोर आकर मेरी तिजोरी साफ कर रहा था, तब तुम सब कहां थे?. उनमें से एक नौकर ने जवाब दिया, मालिक हमें पता ही नहीं चला ये चोरी कब हुई. हम सभी सो रहे थे. इतने में व्यापारी गुस्से से आग बबूला हो गया और कहने लगा. मुझे लगता है कि ये चोरी तुम पांचों में से किसी एक ने ही की है. चलो अब तुम्हारा हिसाब बादशाह अकबर करेंगे. इसके बाद व्यापारी अपने सभी 5 नौकरों को लेकर अकबर के महल में पहुंच गया.
उस समय अकबर दरबार में जनता की समस्याएं सुन रहे थे. तभी वहां व्यापारी भी अपनी समस्या लेकर पहुंच गया. व्यापारी ने कहा, हुजूर न्याय कीजिए. मैं आपके राज्य में रहने वाला एक व्यापारी हूं. मैं जरूरी काम से कुछ दिनों के लिए प्रदेश से बाहर गया था. लेकिन जब मैं वापस आया तो मेरी सारी तिजोरी खाली पड़ी थी. मेरी सारी मेहनत की कमाई लुट गई मेरी मदद करें हुजूर.
अकबर ने बीरबल को सौंपी चोर को पकड़ने की जिम्मेदारी
अकबर ने व्यापारी से पूछा, तुम्हारा कितना और क्या-क्या सामान चोरी हुआ. क्या तुम्हें किसी पर शक है. व्यापारी ने अकबर के सभी सवालों का जवाब दिया. इसके बाद अकबर ने व्यापारी के असली चोर को पड़कने की जिम्मेदारी बीरबल को सौंप दी. बीरबल अगले दिन ही व्यापारी के घर पहुंच गए और उन्होंने सभी नौकरों को बुलाया. बीरबल ने नौकरों से पूछा कि, जिस रात चोरी हुई उस वक्त सभी कहां थे. सभी ने कहा वो सो रहे थे. बीरबल ने भी उनकी बात मान ली.
बीरबल ने दी जादुई लकड़ी
बीरबल ने कहा, ठीक है आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है. मेरे पास ये पांच जादुई लकड़ियां हैं. मैं आप सभी को एक-एक लकड़ी दूंगा और जो भी असली चोर होगा उसकी लकड़ी आज रात दो इंच लंबी हो जाएगी. इस तरह से चोर पकड़ा जाएगा. इतना कहकर बीरबल ने सबको एक-एक लकड़ी दी और वहां से चले गए. अगले दिन सुबह बीरबल व्यापारी के घर पहुंच गए और सभी नौकरों को अपनी-अपनी लकड़ी लाने को कहा.
इस तरह से पकड़ा गया असली चोर
बीरबल ने जब सभी की लकड़ी देखी तो एक नौकर की लकड़ी दो इंच छोटी थी. इसके बाद बीरबल ने तुरंत सिपाहियों को उस नौकर को पकड़ने का आदेश दिया. लेकिन व्यापारी इस घटना को समझ नहीं पाया. उसने आश्चर्य होकर बीरबल से पूछा आपको कैसे पता चला कि चोर यही है. बीरबल ने व्यापारी से कहा, मैंने जो लकड़ियां दी थी वह कोई जादुई लकड़ी नहीं थी. लेकिन चोर को लगा कि लकड़ी अगर 2 इंच लंबी हो गई तो वह पकड़ा जाएगा. इसलिए उसने खुद ही लकड़ी 2 इंच काटकर छोटी कर दी और इस तरह से वह पकड़ा गया. अबकर तो पहले से ही बीरबल की चतुराई के कायल थे. लेकिन इस घटना के बाद व्यापारी ने बीरबल की चतुराई से बहुत प्रभावित हुआ और उसका धन्यवाद किया.
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