Akbar Birbal Ke Kisse in Hidni:  एक बार अकबर ने अपने मृत पूर्वजों का हाल-चाल जानने के लिए बीरबल को स्वर्ग भेज दिया. बीरबल राजा अकबर के आदेश का पालन करना अपना धर्म मानते थे. इसलिए वह उनके आदेश को मानने से इंकार नहीं करते थे.


लेकिन कोई भी व्यक्ति मृत्यु के बाद ही स्वर्ग जा सकता है. ऐसे में स्वर्ग जाने के लिए बीरबल को मरना जरूरी था. तो क्या बीरबल सचमुच में मर गए या हमेशा की तरह बीरबल ने कोई और तरकीब लगाई. आज अकबर-बीरबल के किस्से में जानेंगे ऐसी कहानी के बारे में जिसमें अकबर के आदेश पर बीरबर स्वर्ग की यात्रा के लिए निकल पड़ते हैं.



अकबर बीरबल के किस्से: बीरबल की स्वर्ग यात्रा


एक बार बादशाह अकबर के बाल और दाढ़ी काफी बढ़ गए. बीरबल ने अपने एक दरबारी को बुलाकर किसी नाई को फौरन भेजने का आदेश दिया. नाई को बादशाह अकबर का संदेश मिलते ही वह तुरंत महल में हाजिर हो गया और अकबर की हजामत करने लगा. इतने में वहां एक कौआ कहीं से आकर बैठ गया और कांव-कांव करने लगा. कौवा लगातार ही कांव-कांव किए जा रहा था. इस पर अकबर ने नाई से पूछा, आखिर यह कौवा लगातार कांव-कांव क्यों कर रहा है? नाई ने जवाब दिया कि, बादशाह यह आपके पूर्वजों का हाल-चाल आपको बताने आया है.


कौए ने बताया अकबर के पूर्वजों का हाल


नई की बात सुनकर अकबर को आश्चर्य हुआ और उन्होंने उससे पूछा कि, अच्छा! तो फिर बताओ कि यह कौवा मेरे पूर्वजों के बारे में आखिर क्या बता रहा है. नाई ने कहा, बादशाह यह कौवा कह रहा है कि आपके पूर्वज स्वर्ग में बहुत मुसीबत में हैं और परेशान भी हैं. आपको उनका हालचाल लेने के लिए अपने किसी करीबी को स्वर्ग में भेजना चाहिए. नाई की बात पर अकबर को बहुत हैरानी हुई, उन्होंने उससे पूछा कि भला किसी व्यक्ति को जिंदा कैसे स्वर्ग में भेजा जा सकता है. इसपर नाई कहता है, बादशाद मेरी नजर में एक पुरोहित है, जो ये सब काम बहुत सरल तरीके से करता है. बस आप अपने किसी एक करीबी को स्वर्ग जाने के लिए राजी कर लीजिए.


कौन जाएगा स्वर्ग? 


नाई के आश्वासन पर अकबर किसी एक को स्वर्ग भेजने के लिए तैयार हो जाते हैं. वह दरबार में अपने सभी करीबी दरबारियों को बुलाते हैं और नाई की पूरी बात उन्हें बताते हैं. इसके बाद सभी दरबारी एक मत में बीरबल का नाम आगे रखते हैं. सभी कहते हैं कि, स्वर्ग जाकर आपके पूर्वजों का हाल-चाल लेने के लिए बीरबल से उचित और कोई नहीं हो सकता. क्योंकि बीरबल हम सभी में सबसे ज्यादा श्रेष्ठ, बुद्धिमान और चतुर है.


अकबर ने की बीरबल को स्वर्ग भेजने की तैयारी


अकबर भी दरबारियों की बात मान लेते हैं और बीरबल को स्वर्ग भेजने की तैयारी की जाती है. इसके बाद दरबार में उस पुरोहित को लाया जाता है, जो बीरबल को स्वर्ग भेजने का काम करेगा. बीरबल और अकबर उस पुरोहित से स्वर्ग भेजने की विधि के बारे में पूछते हैं. पुरोहित कहता है कि, आपको यहीं पास में मौजूद एक घास के ढेर में खड़ा करके आग लगा दी जाएगी और फिर कुछ विशेष मंत्रों की शक्ति से आप स्वर्ग पहुंच जाएंगे. इसके कुछ दिन बाद आप स्वर्ग में पुर्वजों का हाल-चाल लेकर वापस भी आ जाएंगे.


स्वर्ग जाने की प्रक्रिया पुरोहित से सुनने के बाद बीरबाल करीब 11 दिन का समय अकबर से मांगते हैं. वो पुरोहित को 11 दिन के बाद बुलाने को कहते हैं. बीरबल कहते हैं कि, मैं स्वर्ग जा रहा हूं और मुझे लौटने में पता नहीं कितना वक्त लग जाए. इसलिए स्वर्ग जाने से पहले मैं अपने परिवार से मिलना चाहता हूं और उनके साथ कुछ समय बिताना चाहता हूं.अकबर भी बीरबल की बात मान लेते हैं.


इस तरह पूरी हुई बीरबल को स्वर्ग भेजने की प्रक्रिया


इधर बीरबल अपने घर जाने के लिए रवाना हो जाते हैं. इस तरह से देखते-देखते 11 दिन बीत जाते हैं और ठीक 12वें दिन बीरबल महज में स्वर्ग जाने के लिए हाजिर हो जाते हैं. इसके बाद पुरोहित को बुलाया जाता है और बीरबल को स्वर्ग भेजने की प्रकिया शुरू की जाती है.


बीरबल को स्वर्ग भेजने के लिए महल से कुछ दूर घास का एक ढेर लगवाया जाता है. बीरबल को स्वर्ग भेजने के लिए पुरोहित उसे घास के ढेर के अंदर भेज देते हैं और जैसे ही बीरबल घास के ढेर के अंदर जाते हैं पुरोहित घास में आग लगा देते हैं. इस तरह से बीरबल को स्वर्ग भेजने की प्रक्रिया पूरी हो जाती है.


स्वर्ग की यात्रा कर लौटे बीरबल 


इस तरह से पूरे दो महीने बीत जाते हैं और अकबर को बीरबल की चिंता होने लगती है. तभी अचानक बीरबल दरबार में हाजिर हो जाते हैं. अकबर, बीरबल को देखकर बहुत खुश हो जाते हैं और अपने पूर्वजों का हाल-चाल पूछते हैं. बीरबल कहते हैं कि जाहंपनाह, आपके पूर्वज स्वर्ग में बहुत खुश हैं और मजे से हैं. लेकिन उन्हें इस बात की तकलीफ है कि, वहां उनके दाढी और बाल काफी बढ़ गए हैं और स्वर्ग में कोई नाई नहीं है. इसलिए उन्हें स्वर्ग में एक नाई की बहुत जरूरत है.


बीरबल ने दिखाई चतुराई


बीरबल ने कहा कि, हमें तुरंत ही आपके पूर्वजों के लिए एक अच्छे नाई को स्वर्ग भेजने की तैयारी करनी चाहिए. बीरबल की बात सुनकर अकबर नाई को स्वर्ग जाने का आदेश देते हैं, जिससे नाई घबरा जाता है और अकबर के पैर पड़ने लगता है. वह अकबर से माफी मांगते हुए अपने गुनाह कबूल कर लेते हैं और कहता है कि, इसमें उसकी कोई गलती नहीं है. ये सब तो उसने वजीर के कहने पर किया था. ये सब उन्हीं की साजिश थी. क्योंकि वह बीरबल को अपने रास्ते से हटाना चाहते थे. सारी सच्चाई सामने आते ही अकबर वजीर और उनके साथियों को सजा देने का आदेश देते हैं और उन्हें जेल में बंद कर दिया जाता है.


एक बार फिर से बीरबल की चतुराई के कायल हुए अकबर


इसके बाद अकबर बीरबल से पूछते हैं कि आखिर तुम्हें इस सच्चाई का कैसे पता चला और तुम घास के ढेर में आग लगने के बाद भी कैसे बच गए. बीरबल कहते हैं, आग के ढेर में जाने की बात सुनकर मुझे पहले ही इस साजिश का अंदाजा हो गया था. इसलिए मैंने आपसे 11 दिन का समय मांगा था. उन 11 दिनों में मैंने घास के ढेर वाले स्थान के नीचे से अपने घर तक एक सुरंग बनवा दी और जैसे ही घास पर आग लगाई गई मैं उसी सुरंग के जरिए वहां से बचकर निकल गया.


बीरबल की बात सुनकर अकबर एक बार फिर से बीरबल से बहुत खुश हो जाते हैं और उसकी चतुराई और बुद्धिमानी की तारीफ करते हुए कहते हैं, वहा! बीरबल वाह! ये काम सिर्फ तुम ही कर सकते थे.


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