Akshaya Tritiya 2020: भारतीय पंचांग के अनुसार वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया के रूप में मनाने का विधान है. इस पर्व को आखा तीज के भी नाम  से जानते हैं. मान्यता है कि इस दिन किए जाने वाले कार्य पूर्ण रूप सफल होते हैं. यानि इन कार्यों का व्यक्ति को अक्षय फल प्राप्त होता है.


26 अप्रैल को पड़ने वाली अक्षय तृतीया इसलिए विशेष है क्योंकि वैशाख माह की तृतीया तिथि स्वयंसिद्ध मुहूर्तों में अति उत्तम तिथि मानी गई है. इस दिन किसी भी तरह का शुभ व मांगलिक कार्य किया जा सकता है.


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लॉकडाउन और अक्षय तृतीया


इस समय पूरे देश में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए लॉकडाउन घोषित किया है. ऐसे में इस पर्व पर उस तरह से खरीदारी तो संभव नहीं होेगी लेकिन फिर लॉकडाउन में कुछ छूट मिलने की संभावना बनी हुई है. ऐसी स्थिति में घर पर ही विधि पूर्वक इस पर्व को मनाएं. हालांकि इस पर्व पर विवाह, गृह-प्रवेश, वस्त्र-आभूषणों की खरीदारी, घर, भूखंड, वाहन की खरीददारी करना बहुत ही शुभ माना जाता है. ध्यान रहे लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ही इस पर्व को मनाएं.


विशेष बात


मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक कोई भी शुभ कार्य किए जा सकते हैं. इसके लिए किसी भी प्रकार के विशेष शुभ मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती है. व्यक्ति अपनी सुविधा के अनुसार इस दिन किसी भी समय शुभ कार्य कर सकते हैं.


पितृ दोष की पूजा के लिए उत्तम दिन


जिन लोगों की जन्म कुंडली में पितृ दोष की स्थिति बनी हुई है तो वे इस दिन पूजा कर सकते हैं. अक्षय तृतीया को पितरों को किया गया तर्पण तथा पिन्डदान विशेष फलदायी माना गया है. इस दिन पूजा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं. वहीं इस दिन किसी भी प्रकार का दान भी अक्षय फल प्रदान करता है.


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