Akshaya Tritiya 2024 Highlight: अक्षय तृतीया पर अभी खत्म नहीं हुआ है खरीदारी का मुहूर्त, जानें कब तक कर सकते हैं शॉपिंग
Akshaya Tritiya 2024 Highlight: आज अक्षय तृतीया पर दान, पूजा, खरीदारी के लिए बेहद शुभ संयोग बन रहा है, यहां जानें अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त और इस पर्व से जुड़ी सभी जानकारी.
जैन धर्म में अक्षय तृतीया का व्रत गन्ने का रस पीकर खोलने की परंपरा है. जैन धर्म की मान्यतानुसार, प्रथम तीर्थकर भगवान ऋषभनाथ ने एक वर्ष की तपस्या के बाद वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को इक्षु रस यानी गन्ने का रस पीकर ही अपनी तपस्या का पारण किया था.
इसलिए जैन समुदाय में अक्षय तृतीया के दिन का खास महत्व है और लोग गन्ने का रस पीकर व्रत का पारण करते हैं. इसी के साथ अक्षय तृतीया पर गरीब और असहाय लोगों को गन्ने का रस पिलाना बहुत पुण्यदायी जाता है.
अगर आप अक्षय तृतीया पर सोना-चांदी जैसी महंगी धातुओं की खरीदारी नहीं कर सकते तो कोई बात नहीं. अक्षत तृतीया के दिन रुई, मिट्टी का घड़ा, पीली सरसों, जौ और पीली कौड़ी की खरीदारी भी बहुत शुभ मानी जाती है. इन चीजों को आज घर पर लाने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है और बरकत बनी रहती है.
अक्षय तृतीया पर यदि आज आप पूरे दिन किसी कारण खरीदारी नहीं कर पाएं तो कोई बात नहीं. आप शाम के बाद भी खरीदारी कर सकते हैं. इस साल अक्षय तृतीया पर पूरे दिन खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त है. क्योंकि तृतीया तिथि 10 अप्रैल सुबह 04:17 से लेकर 11 मई 2024 को देर रात 02:50 तक रहेगी.
- चांदी का सिक्का
- शंखपुष्पी की जड़
- श्रीफल
- हल्की की गांठ
- कौड़ी
- कुबेर यंत्र
अक्षय तृतीया की तिथि को सर्वसिद्धि तिथि कहा गया है. यानी सभी तिथियों में श्रेष्ठ. कहा जाता है कि, वैखाश के समान कोई मास नहीं, सतयुग के समान कोई युग नहीं, वेद के समान कोई शास्त्र नहीं और गंगाजी के समान कोई तीर्थ नहीं. इसी तरह अक्षय तृतीया के समान कोई अन्य तिथि नहीं.
भविष्य पुराण, स्कंद पुराण, पद्म पुराण, मत्स्य पुराण आदि जैसे लगभग सभी पुराणों और धर्म शास्त्रों में अक्षय तृतीया के दिन को बहुत ही पवित्र और शुभ तिथि माना गया है.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन यानी वैशाख शुक्ल की तृतीया तिथि को ही पृथ्वी के गर्भ से सोना निकला था. इसलिए सोना को अक्षय माना जाता है. अक्षय यानी जिसका कभी नाश न हो. इसलिए अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने का महत्व है. क्योंकि यह ऐसी वस्तु है जो ना ही कभी नष्ट होगी और ना ही इसका महत्व कभी कम होगा.
मान्यता है कि वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानी अक्षय तृतीया के दिन ही गरीब सुमादा अपने प्रिय मित्र कृष्ण से मिलने द्वारका पहुंचे थे. सुदामा ने भेंट स्वरूप कृष्ण को सूखे चावल दिए थे और इसके बदले में कृष्ण ने उन्हें दो लोक का स्वामी बना दिया था. इसलिए अक्षय तृतीया के दिन पूजा में मां लक्ष्मी को अक्षत चढ़ाया जाता है.
वैसे तो अक्षय तृतीया को स्वयंसिद्ध मुहूर्त कहा जाता है. लेकिन आज अक्षय तृतीया पर गजकेसरी, सुकर्मा और शश योग का निर्माण हुआ है, जो खरीददारी के लिए काफी उत्तम है.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, अक्षय तृतीया की तिथि पर ही पृथ्वी के गर्भ से सोना निकला था. इसलिए सोना को अक्षय माना जाता है. अक्षय यानी जिसका कभी नाश न हो. इसलिए अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने का महत्व है. क्योंकि यह ऐसी वस्तु है जो ना ही कभी नष्ट होगी और ना ही इसका महत्व कभी कम होगा.
अक्षय तृतीया पर श्रीयंत्र खरीदकर घर में इसकी स्थापना करनी चाहिए. श्रीयंत्र का संबंध मां लक्ष्मी से माना जाता है और रोजाना इसकी पूजा करने से आपके मन में सकारात्मकता का संचार होता है और आस-पास से हर प्रकार की नकारात्मकता दूर होती है. आज के दिन इसकी स्थापना करने से धन अक्षय रहता है.
अक्षय तृतीया पर लक्ष्मी पूजन के अलावा खरीदारी का विशेष महत्व है. शुभ चीजों की खरीदारी जैसे सोना, चांदी, वाहन, संपत्ति, घर आदि आप 11 मई 2024 को प्रात: 02.50 तक कर सकते हैं. इस समय तक अक्षय तृतीया तिथि मान्य रहेगी.
इस दौरान जुआ और झूठ जैसे गलत कामों से दूरी बनाकर रखें, इस दिन भूलकर भी पूजा स्थान को गंदा न रहने दें। इससे मां लक्ष्मी रूठ सकती है. घर की साफ-सफाई का भी ध्यान रखें, साथ ही किसी भी व्यक्ति से पैसे की उधारी न करें
अक्षय तृतीया पर मंगलसूत्र खरीदना बेहद शुभ होगा. काले मोती और सोने से जड़ित मंगलसूत्र शादीशुदा महिला की निशानी होती है. सोना से बना मंगलसूत्र सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और किसी भी बुरी नजर को दूर रखता है.
तुलसी में लक्ष्मी जी का वास है और अक्षय तृतीया पर जो व्यक्ति अपने घर में तुलसी का पौधा लगाता है, तो उन्हें अनंत सुखों की प्राप्ति होती है. मां लक्ष्मी उसे अक्षय फल प्रदान करती है. दरिद्रता दूर होती है.
अक्षय तृतीया के दिन माता लक्ष्मी पूजा करें, इस दिन नई कौड़ियां खरीदकर लाएं और उन्हें हल्दी में रंगकर मां लक्ष्मी को अर्पित करें. पूजा के बाद इन कौड़ियों को तिजोरी या फिर जहां भी आप धन रख दें. मान्यता है इससे तिजोरी कभी खाली नहीं होती, धन का आगमन होता रहता है.
अक्षय तृतीया के दिन रवि योग और धन योग रहेगा. शश योग और सुकर्मा योग का शुभ संयोग भी आज बन रहा है. इसीलिए आज के दिन किए गए शुभ काम आपको शुभ फल प्रदान करेंगे.
अक्षय तृतीया के दिन शुभ योगों का निर्माण हो रहा है. आज मेष राशि में शुक्र और सूर्य की युति हो रही है. जिससे मेष राशि वालों को आज सुख-सुविधा मिल सकती है, साथ ही जीवन में खुशियां आएंगी. मेष राशि में शुक्रादित्य योग का निर्माण हो रहा है.
अक्षय तृतीया के दिन बाइक, कार या मकान की बुकिंग करना या खरीदना का शुभ मुहूर्त है-
दोपहर: 12:18 बजे से 01:59 बजे तक
शाम- 04:56 बजे से रात 10:59 बजे तक
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥
ॐ श्री गुरुदेवाय नमः
कलशस्य मुखे विष्णु कंठे रुद्र समाश्रिता: मूलेतस्य स्थितो ब्रह्मा मध्ये मात्र गणा स्मृता:
शीतल जल, कलश, दूध, चना, छतरी, चावल, गुड़, शहद, घी, वस्त्र या स्वर्ण आदि का दान करना चाहिए.
हिंदू धर्म में मटके को कलश और पूर्णता का प्रतीक माना गया है. वहीं जल के देवता वरुण देव हैं. ऐसे में अक्षय तृतीया के शुभ दिन पर मिट्टी का मटका या घड़ा घर लाकर इसमें जल भरकर पूजा करने या जल का दान करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है और घर पर सुख-समृद्धि आती है.
अक्षय तृतीया के दिन पूरे विधि विधान से माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए. पूजा में मां को गुलाब का फूल अर्पित करें और उन्हें खीर का भोग लगाएं. इस दिन मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की भी पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने से भी मां लक्ष्मी जल्द प्रसन्न होती हैं और जीवन में धन-समृद्धि की प्राप्ति होती है.
अक्षय तृतीया के दिन जल से भरे कलश का दान करना बहुत अच्छा माना जाता है. घर में कलश स्थापित करें. उसमें थोड़ा सा पानी और थोड़ा सा गंगाजल भरकर उसे लाल रंग के कपड़े से बांध दें और इसे किसी जरूरतमंद को दान कर दें. इस उपाय को करने से आर्थिक तंगी दूर हो जाती है.
अक्षय तृतीया के दिन दान-पुण्य,स्नान,यज्ञ,जप जैसे कर्म करना फलदायी होता है. इस दिन पितरों का श्राद्ध और तर्पण करने का भी विधान है. अक्षय तृतीया के दिन पितरों का तर्पण करने से पितृ दोष से भी छुटकारा मिलता है. आज के दिन पूर्वजों के नाम पर जौ, गेहूं, चने, सत्तू,दही-चावल, दूध से बने पदार्थ दान करने चाहिए. आज ब्राह्मणों को भोजन कराना उत्तम माना जाता है.
अक्षय तृतीया का दिन मां लक्ष्मी का दिन माना जाता है. इसलिए इस दिन को बहुत शुभ माना जाता है. अक्षय तृतीया के दिन सौभाग्य और शुभ फल का कभी क्षय नहीं होता है. इसे अखा तीज भी कहा जाता है. इस दिन होने वाले कार्य ऐसे शुभ फल देते हैं जो हमेशा लाभ देते हैं. मां लक्ष्मी की कृपा से आज के दिन दुर्भाग्य को भी सौभाग्य में बदला जा सकता है.
अक्षय तृतीया के दिन आप सोने के अलावा वाहन, तांबे या पीतल के बर्तन, सेंधा नमक, घड़ा, दीपक, कौड़ियां, एकाक्षी नारियल, जौ या पीली सरसों भी खरीद सकते हैं. इन्हें भी सोना या चांदी खरीदने के बराबर ही माना जाता है. अक्षय तृतीया के दिन इन चीजों को खरीदने से धन-धान्य में वृद्धि होती है.
अक्षय तृतीया के दिन सोने के गहने खरीदने की मान्यता है. इस दिन सोना खरीदना बहुत शुभ माना जाता है. मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदने से जीवन भर मां लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है और घर में सुख-समृद्धि आती है. आज के दिन लोग सोने के गहने,सिक्के या बर्तन खरीदते हैं.
अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त माना गया है. इस बार अक्षय तृतीया के दिन कई शुभ योग बन रहे हैं. आज पूरे रवि योग और धन योग रहेगा. इसके अलावा आज शुक्रादित्य योग, गजकेसरी योग, शश योग और सुकर्मा योग का भी शुभ संयोग भी रहने वाला है.
अक्षय तृतीया का दिन साल के उन साढ़े तीन मुहूर्त में से एक है जो सबसे शुभ माने जाते हैं. इस दिन कोई भी शुभ काम किया जा सकता है. इस दिन गंगा स्नान करने का भी बहुत महत्व है. आज के दिन गंगा स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं. इस दिन पितरों के लिए श्राद्ध और तर्पण करने का भी विधान है. आज के दिन सोना खरीदना बहुत शुभ होता है. माना जाता है कि त्रेतायुग की शुरुआत भी इसी दिन से हुई थी.
इस दिन सुबह स्नान करने के बाद पीले वस्त्र धारण करने चाहिए. घर के मंदिर में विष्णु जी को गंगाजल से शुद्ध कर उन्हें तुलसी, पीले फूलों की माला या पीले फूल अर्पित करें. धूप-अगरबत्ती दिखाकर विष्णु सहस्त्रनाम या विष्णु चालीसा का पाठ करें. इस दिन विष्णु जी के नाम से गरीबों को खिलाना या दान देना बहुत पुण्य-फलदायी होता है.
सुबह: 05:33 बजे से 10:37 बजे तक
दोपहर: 12:18 बजे से 01:59 बजे तक
शाम: 04:56 बजे से रात 10:59 बजे तक
यह वैशाख मास के अंतर्गत आता है. अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2024) वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कहा जाता है. इस दिन दान पुण्य करना सर्वाधिक शुभ माना जाता है और उसका कई गुना फल प्राप्त होता है.
पवित्र नदियों में स्नान करके आज स्वयं को शुद्ध किया जाता है. दान, पुण्य, जप, तप, हवन, यज्ञ और ईश्वर उपासना करना आज के दिन आपके लिए सर्वाधिक लाभदायक रहता है.
इस दिन शुद्ध घी का दीपक (Dipak) जलाकर भगवान विष्णु जी (Lord Vishnu) की पूजा (Puja), उपासना करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं.
इस बार अक्षय तृतीया पर शुभ पूजन मुहूर्त (Shubh Muhurat) 10 मई 2024 शुक्रवार को प्रातः काल 05:33 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक रहेगा.
माना जाता है कि विभिन्न युगों की गणना के लिए अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2024) अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसी दिन भगवान विष्णु के चरणों से होकर गंगा (Ganga) नदी पृथ्वी पर आई थीं.
यह वैशाख मास के अंतर्गत आता है. अक्षय तृतीया वैशाख मास (Vaishakh 2024) के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कहा जाता है. इस दिन दान पुण्य करना सर्वाधिक शुभ माना जाता है और उसका कई गुना फल प्राप्त होता है.
पवित्र नदियों में स्नान करके आज स्वयं को शुद्ध किया जाता है. दान, पुण्य, जप, तप, हवन, यज्ञ और ईश्वर उपासना करना आज के दिन आपके लिए सर्वाधिक लाभदायक रहता है.
अक्षय तृतीया के दिन गृह प्रवेश करना, नया व्यापार आरंभ करना, वैवाहिक कार्य करना सर्वाधिक शुभ स्थिति में माने जाते हैं.
अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2024) के दिन ही भगवान विष्णु के अवतार भगवान परशुराम जी प्रकट हुए थे और उन्होंने अवतार लिया था. इस कारण से इस दिन की महत्ता और भी अधिक बढ़ जाती है.
इस दिन नया वाहन खरीदना, नए वस्त्राभूषण खरीदना, अत्यधिक शुभ माना जाता है. आप इस दिन जो भी शुभ कार्य करते हैं, उसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है, जिससे अक्षय तृतीया एक विशेष तिथि होती है.
अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2024) पर भलेही कई शुभ योग बन रहे हों लेकिन इस दौरान शुक्र तारा अस्त (Shukra Asta 2024) होने के कारण बहुत सोच समझकर ही शुभ कार्यों को करना चाहिए क्योंकि किसी भी शुभ कार्य में बृहस्पति (Guru) और शुक्र दोनों का उदय अवस्था में होना अत्यधिक शुभ होता है लेकिन इस बार शुक्र तारा अस्त हो चुका है.
एस्ट्रोलॉजर रुचि शर्मा के अनुसार जब ये दोनों ग्रह अस्त हों तो विचार करके ही कार्य करने चाहिए, क्योंकि दोनो ही ग्रहों का संबंध शुभ और मांगलिक कार्यों से है.
कल 10 मई 2024 के दिन की विशेषता यह होगी कि अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2024) के दिन सूर्य (Surya) और चंद्रमा (Moon) अपनी उच्च राशियों में होंगे. सूर्य मेष राशि (Mesh Rashi) में तथा चंद्रमा वृषभ राशि (Vrishbha Rashi) में होंगे.
इस बार अक्षय तृतीया पर एक और अच्छा संयोग यह बन रहा है कि चंद्रमा वृषभ राशि में बृहस्पति (Jupiter) के साथ होंगे, जिससे बृहस्पति से केंद्र में होने के कारण गजकेसरी (Gaj Kesari Yog) नमक अच्छा राजयोग (Raj Yog) भी निर्मित हो रहा है.
अक्षय तृतीया पर पूजा के लिए पूजा की चौकी, पीला कपड़ा, 2 मिट्टी का कलश (ढक्कन के साथ), कुमकुम, चावल, हल्दी, कपूर, सुपारी, इलायची, गंगाजल, चंदन, अबीर, गुलाल, पीले रंग के फूल, लक्ष्मी-विष्णु जी की तस्वीर, धूप, सिक्का, तिल, जौ, पंचामृत, सत्तू, चने की दाल, फल, फूल, नारियल, दीपक, अष्टगंध, मौली, पंचपल्लव, दूर्वा साथ इस दिन खरीदी गई वस्तु लक्ष्मी जी को पूजा में अर्पित करें.
मेष राशि - जौ, सोना, तांबा
वृषभ राशि - सफेद वस्त्र, जल, चांदी, दूध, दही, घी
मिथुन राशि - पानी से भरा घड़ा, कच्चा आम, सत्तू
कर्क राशि - चीनी, आटा, चने की दाल, श्रीखंड
सिंह राशि - गुड़, तिल, जौ, सेब
कन्या राशि - हरी सब्जियां, जल, मूंग दाल
तुला राशि - मोती, खीर, चीनी, जल
वृश्चिक - लाल फूल, लाल फल, मिट्टी का कलश
धनु राशि - आम, केला, पीले वस्त्र, पीतांबर, खरबूजा, तिल
मकर राशि - जूते, चप्पल, जल, अन्न
कुंभ राशि - तिल, घड़ा, सत्तू
मीन राशि - हल्दी, दाल, केसर, पीली मिठाई
अक्षय तृतीया पर चीनी मिट्टी के बर्तन, लोहा, प्लास्टिक, अशुद्ध धातु की चीजें, काला कपड़ा, कांटेदार पौधे खरीदना नहीं चाहिए. इसे अशुभ माना जाता है. इस दिन जनेऊ संस्कार भी नहीं किया जाता है.
अक्षय तृतीया अबूझ मुहूर्त है. इस दिन शादी करने के लिए मुहूर्त निकलवाने की जरूरत नहीं पड़ती लेकिन इस साल 2024 में अक्षय तृतीया पर शादी की शहनाईयां नहीं गूंजेंगी, क्योंकि अभी शुक्र और गुरु अस्त हैं. इन ग्रहों के अस्त होने पर विवाह नहीं किए जाते.
सोना अक्षय धातु है जो कभी नष्ट नहीं होता. वेदों में सोने को दैवीय और सबसे पवित्र धातु कहा गया है. सोने का गुरु ग्रह का धातु है और मां लक्ष्मी का प्रतीक. पुराणों का कहना है कि अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने से सुख-समृद्धि बढ़ती है और परिवार में खुशहाली रहती है. कुंडली में गुरु मजबूत होता है. वैवाहिक जीवन में सुख का आगमन होता है. धन की कमी नहीं होती.
वृषभ राशि - अक्षय तृतीया पर आपको करियर में तरक्की के लिहास से नए और अच्छे अवसर मिल सकते हैं. भाग्य का साथ मिलेगा. प्रमोशन के योग हैं.
कन्या राशि - कन्या राशि वालों के संपत्ति, वाहन खरीदने की इच्छा पूरी होगी. बिजनेस में उन्नति करेंगे. नौकरी में धन लाभ होगा.
मेष राशि - अक्षय तृतीया का दिन मेष राशि वालों को धन समृद्धि प्रदान करेगा. नया बिजनेस खोलने के लिए ये अच्छा दिन है. कानूनी मामलों में सफलता मिलेगी.
अक्षय तृतीया पर वृषभ राशि में चंद्रमा और गुरु की युति से गजकेसरी योग. वहीं मंगल और बुध की युति से धन योग, सूर्य और शुक्र युति मेष राशि में होने से शुक्रादित्य योग साथ ही शनि के कुंभ राशि में होने से शश योग और मंगल मीन राशि में रहकर मालव्य राजयोग बनाएंगे. इन 5 शुभ संयोग में अक्षय तृतीया पर पूजा और खरीदारी को लोगों को कई गुना फल प्राप्त होगा.
अक्षय तृतीया पर मूल्यवान चीजों की खरीदारी जैसे सोना, चांदी, भूमि, कुबेर यंत्र, श्री यंत्र, मिट्टी का कलश, वाहन, कौड़ी, एकाक्षी नारियल, स्फटिक या क्रिस्टल का कछुआ, पारद शिवलिंग दक्षिणावर्ती शंख घर लाकर मां लक्ष्मी को अर्पित करें. मान्यता है इससे लक्ष्मी जी घर में वास करती हैं.
- प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) - सुबह 05:45 - सुबह 10:30
- अपराह्न मुहूर्त (चर) - शाम 04:51 - शाम 06:26
- अपराह्न मुहूर्त (शुभ) - दोपहर 12:05 - दोपहर 01:41
- रात्रि मुहूर्त (लाभ) - रात 09:16 - रात 10:40
बैकग्राउंड
Akshaya Tritiya 2024 Highlight: वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानी 10 मई 2024 अक्षय तृतीया का त्योहार है. ये पर्व सुख, समृद्धि और धन दायक माना जाता है.
अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) तिथि स्वंयसिद्ध मुहूर्त में एक मानी गई है. इस दिन कोई भी शुभ काम बिना मुहूर्त देखे किया जा सकता है, इसलिए अक्षय तृतीया पर शादियां, खरीदारी और नए कामों की शुरुआत की जाती है.
मान्यता है अक्षय तृतीया पर मूल्यवान चीजों की खरीदारी करने से मां लक्ष्मी स्थाई रूप से घर में वास करती है. अक्षय तृतीया में पूजा-पाठ और हवन, श्राद्ध कर्म इत्यादि भी अत्याधिक सुखद परिणाम देते हैं. आइए जानते हैं अक्षय तृतीया 2024 का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, शुभ संयोग सभी महत्वपूर्ण जानकारी.
अक्षय तृतीया 2024 तिथि (Akshaya Tritiya 2024 Tithi)
पंचांग (Panchang 10 May 2024) के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 10 मई 2024 को सुबह 04 बजकर 17 मिनट पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन 11 मई 2024 को प्रात: 02 बजकर 50 मिनट पर होगा.
अक्षय तृतीया का महत्व (Akshaya Tritiya Significance)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन कई पौराणिक घटनाएं हुई थीं, इसलिए ये देवताओं की तिथि मानी जाती है. इस दिन ब्रह्मा के पुत्र अक्षय का प्राकट्य दिवस रहता है.
इस दिन परशुराम जयंती (Parshuram Jayanti 2024) भी मनाई जाती है. ग्रंथों के मुताबिक इसी दिन सतयुग और त्रेतायुग की शुरुआत हुई थी. अक्षय तृतीया पर ही भगवान विष्णु ने नर और नारायण के रूप में अवतार लिया था.
अक्षय तृतीया पर खरीदारी का विशेष महत्व (Akshaya Tritiya Shopping)
अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) चिरंजीवी तिथि है, इस दिन किया गया दान, पूजन, हवन सहित सभी पुण्य कार्य अक्षय फल देते हैं. साथ ही जो लोग अक्षय तृतीया पर शुभ चीजों की खरीदार करते हैं उन्हें जीवनभर लक्ष्मी जी (Laxmi Ji) का आशीर्वाद मिलता है. समृद्धि में कमी नहीं होती.
सोना-चांदी (Gold Silver) के अलावा अक्षय तृतीया पर कीमती धातुओं, ज्वेलरी, मशीनरी और भूमि-भवन की खरीदारी खासतौर से की जाती है. इनके अलावा कपड़े, बर्तन, फर्नीचर भी खरीद सकते हैं.
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