Akshaya Tritiya 2024: 10 मई 2024 को अक्षय तृतीया है. अक्षय यानी जिसका कभी क्षय न हो, जो स्थायी रही, जो सदा शाश्वत है. पुराणों के अनुसार इस पृथ्वी पर सत्य सिर्फ परमात्मा है जो अक्षय और सर्वव्यापर है यानी अक्षय तृतीया तिथि ईश्वर की तिथि है, इसलिए इस दिन लक्ष्मी, कुबेर, विष्णु जी की पूजा करने के अक्षय फल मिलता है.


साथ ही अक्षय तृतीया पर खरीदारी गई वस्तु स्थायी रूप से व्यक्ति के साथ रहती है, समृद्धि प्रदान करती है. आइए जानते हैं अक्षय तृतीया पर पूजा और खरीदारी का शुभ मुहूर्त क्या है, पूजन विधि.


अक्षय तृतीया शुभ मुहूर्त (Akshaya Tritiya 2024 Puja Muhurat)


वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अक्षय तृतीया को स्वंय सिद्ध मुहूर्तों में से एक माना जाता है. सोना, चांदी, वाहन, संपत्ति, खरीदने के लिए ये श्रेष्ठ काल माना जाता है.



अक्षय तृतीया खरीदारी मुहूर्त (Akshaya Tritiya 2024 Shopping Muhurat)


अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने का समय - 10 मई, सुबह 05.45 - प्रात: 02.50, 11 मई



  • प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) - सुबह 05:45 - सुबह 10:30

  • अपराह्न मुहूर्त (चर) - शाम 04:51 - शाम 06:26

  • अपराह्न मुहूर्त (शुभ) - दोपहर 12:05 - दोपहर 01:41

  • रात्रि मुहूर्त (लाभ) - रात 09:16 - रात 10:40


किन कामों के लिए श्रेष्ठ है अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya Dos)



  • अक्षय तृतीया पर पवित्र नदी में स्नान, श्राद्ध कर्म, यज्ञ, ब्राह्मण भोज, दान के लिए बहुत शुभ दिन माना जाता है.

  • लक्ष्मी-नारायण, कुबेर देव की पूजा के लिए अक्षय तृतीया बेहद महत्वपूर्ण है.

  • इस दिन सोना-चांदी, कपड़े, बर्तन, मशीनरी, भूमि भवन, कीमती वस्तु खरीदने से घर में लक्ष्मी जी स्थायी रूप से निवास करती हैं.

  • अक्षय तृतीया पर तर्पण करने से पूर्वजों की आत्मा को अनंत काल तक तृप्ति मिलती है.

  • आखा तीज के दिन नए काम की शुरुआत करने से सफलता जरुर मिलती है. रियल एस्टेट में निवेश कर सकते हैं.

  • जिनका विवाह के लिए ग्रह-नक्षत्र मेल नहीं खाते, वह अक्षय तृतीया पर बिना मुहूर्त देखे शादी कर सकते हैं.


अक्षय तृतीया पर दान (Akshaya Tritiya Daan)


अक्षय तृतीया पर जमीन, तिल, सोना, घी, कपड़े, चांदी, नमक, शहद, खरबूजा, मटकी, धान और कन्या दान, अनाज, फल आदि का दान करें.


अक्षय तृतीया पूजन विधि (Akshaya Tritiya Pujan Vidhi)



  • अक्षय तृतीया पर पूजा की चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं और चावल रखकर उस पर भगवान विष्णु और लक्ष्मीजी की मूर्ति रखें. इस दिन कलश पूजन भी करें.

  • भगवान को जल चढ़ाएं इसके बाद चंदन, अक्षत, फूल, रोली और मोली चढ़ाएं. फिर अबीर, गुलाल, कुमकुम और अन्य पूजा की सामग्री चढ़ानी चाहिए.

  • पूजा सामग्री चढ़ाने के बाद भगवान को मिठाई या फल का नैवेद्य लगाएं और प्रसाद बांट दें. इसके बाद यथाशक्ति दान दें.


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