Akshaya Tritiya 2020: अक्षय तृतीया को बहुत ही विशेष और अति उत्तम दिन माना जाता है. इस दिन भगवान भास्कर की किरणे सीधे पृथ्वी पर तेज गति से पड़ती हैं. इस दिन दान और स्नान के साथ- साथ विशेष पूजा का भी विधान है. इस दिन लोग व्रत भी रखते हैं.


अक्षय तृतीया का पर्व 26 अप्रैल को ही मनाया जाएगा लेकिन इसकी तिथि 25 अप्रैल से 11 बजकर 51 मिनट से प्रारंभ हो चुकी है. इसलिए जो लोग अक्षय तृतीया का व्रत रखते हैं उनके लिए 25 अप्रैल से ही संयम और अनुशासन आरंभ हो जाएंगे. कुछ लोग तिथि के आरंभ होने से ही व्रत का आरंभ करते. पूजा, उपासना, दान और स्नान आदि का कार्य 26 अप्र्रैल को ही संपादित किया जाएगा.यानि अक्षय तृतीया रविवार के दिन ही मान्य होगी. 26 अप्रैल को दिन में 11 बजकर 12 मिनट तक तृतीया रहेगी.


मान्यता है इस दिन शुभ कार्य करने के लिए किसी भी तरह से पंचांग को देखने की जरुरत नहीं होती है. इस मुहूर्त में कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है. पुरणों में बताया गया है अक्षय तृतीया के दिन किए गए शुभ कार्य का अक्षय फल प्राप्त होता है. यानि इस दिन किया गया कार्य सफल होता है.


इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से धन संपदा में अक्षय वृद्धि होती है और घर में सुख-शांति का वास होता है. मान्यता है कि इस दिन श्री शालिग्राम जी का रुद्राष्टध्यायी के द्वितीय एवं पांचवें अध्याय का पाठ करना चाहिए. पंचामृत से अभिषेक करें. ऐसा करने से भी अक्षय फल की प्राप्ति होती है.

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